छोटी पार्टियों का कांग्रेस में हो जाएगा विलय... शरद पवार के इस बयान पर उद्धव ठाकरे और कांग्रेस की आई प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र की राजनीति में क्षेत्रीय दलों के कांग्रेस में विलय होने के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है. दरअसल, एक इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा, अगले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ ज्यादा करीबी तौर पर जुड़ेंगे या उसके साथ विलय भी कर सकते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी अपनी पार्टी भी ऐसा कर सकती है? पवार ने कहा, उन्हें कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच कोई अंतर नहीं दिखता है.

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एनसीपी चीफ शरद पवार. (फाइल फोटो) एनसीपी चीफ शरद पवार. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

लोकसभा चुनाव में चौथे चरण की वोटिंग से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में छोटी पार्टियों के कांग्रेस में विलय होने के मुद्दे पर बहस तेज हो गई है. शरद पवार की टिप्पणी पर बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी ने तंज कसा है. जबकि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे गुट और सुप्रिया सुले ने शरद पवार की टिप्पणी का बचाव किया है. कांग्रेस का कहना है कि 4 जून को नतीजे आने के बाद कुछ पार्टियां विलय कर सकती हैं.

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दरअसल, एक इंटरव्यू में शरद पवार ने कहा, अगले कुछ वर्षों में कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ ज्यादा करीबी तौर पर जुड़ेंगे या उसके साथ विलय भी कर सकते हैं. यदि उन्हें ऐसा लगेगा है कि यह उनकी पार्टी के लिए सबसे अच्छा विकल्प है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी अपनी पार्टी भी ऐसा कर सकती है? पवार ने कहा, उन्हें कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच कोई अंतर नहीं दिखता है. क्योंकि दोनों गांधी, नेहरू की विचारधारा से संबंधित हैं. पवार ने साफ किया कि रणनीति या अगले कदम पर कोई भी फैसला सामूहिक रूप से लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी वैचारिक रूप से कांग्रेस के करीब है और उद्धव ठाकरे समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर काम करने को लेकर सकारात्मक हैं.

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'उद्धव पहले ही कांग्रेस विचारधारा बन गए'

पवार की टिप्पणी के बाद बीजेपी और शिंदे गुट ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया था. सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा था और कहा था, वो पहले से ही कांग्रेस विचारधारा वाले बन गए हैं. डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, इससे पता चलता है कि खुद पवार के लिए अपनी पार्टी को संभालना कितना मुश्किल हो गया है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ 'महायुति' के एक अन्य नेता ने कहा, शरद पवार की टिप्पणी दर्शाती है कि गृह क्षेत्र बारामती में उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक रही है और उनके सामने एकमात्र विकल्प अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करना है.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस में विलय होने वाली पार्टियों के बारे में शरद पवार का इशारा, लेकिन ये कौन कौन सी पार्टियां हो सकती हैं?

कांग्रेस बोली- शरद पवार के बयान से सहमत

कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, वो भविष्य में कांग्रेस के साथ क्षेत्रीय दलों के संभावित विलय या करीबी संबंध पर एनसीपी (SP) अध्यक्ष शरद पवार की टिप्पणियों से सहमत हैं. हालांकि, सब कुछ मौजूदा लोकसभा चुनाव के 4 जून के नतीजों पर निर्भर करेगा.

चुनाव नतीजे के बाद विलय होंगे

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पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, मैं वहां था जब पवार साहब ने ये टिप्पणी की थी. सब कुछ 4 जून को चुनाव के नतीजों पर निर्भर करता है. हमें यकीन है कि 4 जून के बाद केंद्र में इंडिया ब्लॉक की सरकार होगी और सत्ता का लाभ लेने के लिए कुछ दल इसमें शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा, कुछ पार्टियां इंडिया ब्लॉक में शामिल हो सकती हैं या कांग्रेस में विलय भी कर सकती हैं. लेकिन ये सारी बातें अगर-मगर पर आधारित हैं. क्योंकि सब कुछ 4 जून के नतीजों पर निर्भर करता है. चव्हाण का कहना था कि मैं शरद पवार के विचारों से सहमत हूं. 

'पवार के बयान में सच्चाई है'

विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय वड्डेतिवार ने कहा, पवार ने जो कहा, उसमें सच्चाई है. उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और कहा, लोग तानाशाही शासन से तंग आ चुके हैं और सत्ता परिवर्तन चाहते हैं. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजू जनता दल (बीजेडी) का जिक्र किया और कहा, वे अपने-अपने राज्यों में मजबूत हैं और उन्होंने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सरकारें बनाई हैं.

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अजित ने याद दिलाया 1986 के विलय का किस्सा

इस बीच, एनसीपी चीफ और डिप्टी सीएम अजीत पवार का बयान आया. उन्होंने कहा कि ये उनके (शरद पवार) निजी विचार हैं. अजित ने कहा, 8 दिसंबर 1986 को पवार साहब ने अपनी समाजवादी कांग्रेस पार्टी का कांग्रेस (आई) में विलय कर दिया था और वे सभी औरंगाबाद में उस रैली के गवाह हैं, जहां उन्होंने विलय का ऐलान किया था. अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने कहा, मुझे नहीं लगता कि क्षेत्रीय दलों का कांग्रेस में विलय होगा. वहीं, एनसीपी (शरद पवार गुट) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले का कहना था कि पवार साहब ने सामान्य बयान दिया है.

'शिवसेना (यूबीटी) कोई छोटी पार्टी नहीं है'

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारा संगठन कोई छोटी पार्टी नहीं है. ठाकरे ने शरद पवार की 'विलय' वाली टिप्पणी पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा. पुणे जिले में एक चुनावी रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा, शिंदे और फडणवीस ऐसे बोल रहे हैं, जैसे उन्होंने भांग पी रखी हो. पवार साहब ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कुछ छोटी क्षेत्रीय पार्टियों का कांग्रेस में विलय हो सकता है. कृपया मुझे बताएं, क्या शिवसेना एक छोटी पार्टी है?

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'बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है'

ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कटाक्ष किया और कहा, 2014 और 2019 के विपरीत उनके पास मौजूदा चुनाव में कोई मुद्दा नहीं बचा है. ठाकरे ने कहा, मैंने बचपन में सुना था कि अगर कोई भूतों से डरता है तो उसे 'राम-राम' का जाप करना चाहिए. चूंकि वो हार से डरते हैं, इसलिए देशभर में घूम-घूम कर राम का नाम जप रहे हैं.

यह भी पढ़ें: 'उद्धव नकली सेना के अध्यक्ष', अमित शाह का UBT चीफ पर सीधा हमला

एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?

शरद पवार की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर सीएम शिंदे ने कहा, शिवसेना (यूबीटी) पहले ही कांग्रेस माइंडेड हो गई है. सत्तारूढ़ शिवसेना के प्रमुख शिंदे ने कहा, पवार एक बड़े नेता हैं और वो इस तरह के बयान देते हैं. लेकिन यूबीटी गुट पहले ही कांग्रेस बन चुका है. वे कांग्रेस और पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं. उन्होंने कहा, सिर्फ (उनके बीच विलय की) औपचारिकता बाकी है.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, पवार शायद यह सुझाव दे रहे हैं कि उनके लिए अपनी पार्टी चलाना मुश्किल हो गया है. इसलिए वे इसे कांग्रेस में विलय करने का विकल्प चुन सकते हैं. उन्होंने कहा, यह कोई नई बात नहीं है. क्योंकि पवार ने नई पार्टियां बनाईं और बाद में उनका कांग्रेस में विलय कर दिया.

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संजय निरुपम बोले- दो घाटे में चल रहीं कंपनियों के नजरिए से देखें

हाल ही में कांग्रेस छोड़कर शिंदे गुट की शिवसेना जॉइन करने वाले संजय निरुपम ने कहा, पवार लंबे समय से अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने के बारे में सोच रहे हैं. यहां तक ​​कि कांग्रेस ने भी उन्हें इस संबंध में प्रस्ताव दिया है. लेकिन कांग्रेस ने सुप्रिया सुले को नेतृत्व सौंपने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसे दो घाटे में चल रही कंपनियों के विलय के रूप में देखा जा सकता है.

बीजेपी नेता प्रसाद लाड ने पूछा कि क्या सेना (यूबीटी) शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ कांग्रेस में विलय करेगी? उन्होंने कहा, उद्धव ठाकरे ने अपने भाषणों की शुरुआत में 'मेरे हिंदू भाइयों और बहनों' कहना बंद कर दिया है. वे वीर सावरकर की आलोचना करने वालों के दोस्त बन गए हैं. सिर्फ समय ही बताएगा कि क्या ठाकरे अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करेंगे. 

2023 में एनसीपी में हो गई थी टूट

बताते चलें कि शरद पवार ने 1999 में एनसीपी की स्थापना की थी, लेकिन जुलाई 2023 में पार्टी में उस समय टूट हो गई, जब उनके भतीजे अजित पवार ने बगावत कर दी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल हो गए. बाद में चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी और उसे घड़ी का चुनाव चिह्न आवंटित किया. जबकि एनसीपी (शरद पवार) गुट को चुनाव चिह्न के रूप में ' तुरहा' दिया गया है.

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