'चार जातियों' पर जोर, उपलब्धियों का शोर... मोदी सरकार 2.0 के अंतिम बजट के बड़े सियासी संदेश

मोदी सरकार 2.0 के अंतिम बजट में चार जातियों पर जोर नजर आया तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में 10 साल की उपलब्धियों का शोर भी. इस बजट से क्या बड़े सियासी संदेश निकले?

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मोदी सरकार 2.0 का अंतिम बजट मोदी सरकार 2.0 का अंतिम बजट

बिकेश तिवारी

  • नई दिल्ली,
  • 02 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:48 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश कर दिया है. वित्त मंत्री ने गुरुवार को संसद में बजट पेश किया जिसमें गरीब से लेकर मध्यम वर्ग और उच्च आय वर्ग तक, सबके लिए कुछ न कुछ था. चुनावी साल में पेश हुए इस अंतरिम बजट में पीएम मोदी जिन चार जातियों की बात करते रहे हैं, उन पर जोर है तो वित्त मंत्री के संबोधन में मोदी सरकार की 10 साल की उपलब्धियों का शोर भी था. 58 मिनट लंबे अपने बजट भाषण के शुरुआती 20 मिनट वित्त मंत्री ने मोदी सरकार के 10 साल की उपलब्धियां ही गिनाईं.

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वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही साल 2014 से पहले की चुनौतियों की चर्चा की, पिछले 10 साल में सकारात्मक परिवर्तन का जिक्र किया और भविष्य को लेकर आशा का खाका भी खींचा. उन्होंने कहा कि सभी को आवास, हर घर जल, सभी के लिए बिजली, रसोई गैस के लिए उज्ज्वला योजना, जनधन के तहत बैंक खाते के जरिए हर व्यक्ति के लिए सेवाएं सुलभ कराई गई हैं. वित्त मंत्री ने इन उपलब्धियों के साथ ही 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराए जाने की भी चर्चा की. वित्त मंत्री जब ये उपलब्धियां गिना रही थीं, उनका फोकस दो वर्गों पर था- गरीब और महिलाएं. आवास योजना के साथ ही मुफ्त राशन भी गरीब वर्ग से जुड़ा है ही, भावनात्मक रूप से महिलाओं से भी जुड़ा हुआ है.

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उज्ज्वला योजना और जनधन खाते की योजना तो सीधे महिलाओं से जुड़ी ही रही हैं. उन्होंने पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोगों के गरीबी रेखा से बाहर आने को भी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया. वित्त मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों से लेकर नए शिक्षण संस्थान खोले जाने तक, नए एयरपोर्ट बनाए जाने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार तक, पिछले 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं. युवाओं को टारगेट कर स्किल इंडिया मिशन से लेकर आईटीआई के जरिए ट्रेंड किए गए युवाओं के आंकड़े गिनाए और नई शिक्षा नीति, पीएम श्री स्कूल की भी चर्चा की.

किसान-युवा-महिला-गरीब पर जोर

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि हमें चार प्रमुख जातियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. उन्होंने ये चार जातियां बताईं भी- गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता. वित्त मंत्री ने कहा कि इन चारों जातियों को अपने जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास में सरकारी सहायता की आवश्यकता है और उन्हें सरकारी सहायता मिल भी रही हैं. उनके सशक्तिकरण से, उनके कल्याण से देश आगे बढ़ेगा और सरकार की यह सर्वोच्च प्राथमिकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

वित्त मंत्री का इन चार जातियों पर जोर इसलिए खास हो जाता है क्योंकि देश, खासकर हिंदी बेल्ट में जातियां सियासत की धुरी रही हैं. जातियां चार वर्ग में बंटी हैं- सामान्य, ओबीसी, एससी (दलित) और एसटी (अनुसूचित जनजाति). 2 अक्टूबर 2023 को बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए थे और तभी से इस मुद्दे को लेकर विपक्ष आक्रामक है. महिला आरक्षण के लिए संसद में जब नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा हो रही थी, तब सोनिया गांधी और राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस और विपक्षी दलों के तमाम सांसदों ने संसद में भी जातिगत जनगणना की मांग उठाई थी. विपक्ष की रणनीति ओबीसी पॉलिटिक्स की पिच पर बीजेपी को घेरने की है जिसकी आबादी कई राज्यों में 50 फीसदी के आसपास या इससे अधिक है.

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अब सत्ता पक्ष अगर चार जातियों की बात कर रहा है और उसे जातीय अस्मिता से ऊपर उठकर महिला, युवा, किसान और गरीब जैसे व्यापक वर्ग को टारगेट कर रहा है तो इसे जातिगत जनगणना की काट की रणनीति से ही जोड़कर देखा जा रहा है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इन जातियों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता तो व्यक्त की लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि बजट में इनके लिए क्या ऐलान किए?

बजट में किसान-युवा-महिला-गरीब, किस वर्ग के लिए क्या ऐलान

मोदी सरकार 2.0 के अंतिम बजट में किसानों के लिए फसलों पर NANO डैप के इस्तेमाल का ऐलान है तो 1361 मंडियों को eName से जोड़ने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने का ऐलान भी. मत्स्य संपदा योजना के जरिए 55 लाख किसानों को रोजगार देने के साथ ही मत्स्य निर्यात को दोगुना बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का वादा भी बजट में किया गया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया मोदी सरकार 2.0 का अंतिम बजट (फोटोः पीटीआई)

देश में पांच इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क स्थापित करने के साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ चार करोड़ और  प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना के जरिए 11 करोड़ 80 लाख किसानों तक पहुंचाने और सौर ऊर्जा के माध्यम से एक करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली उपलब्ध हो सके, सूर्योदय योजना के तहत यह सुनिश्चित करने का ऐलान भी बजट में किया गया है. सूर्योदय योजना का ऐलान पीएम मोदी ने 22 जनवरी को किया था.

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चुनाव से पहले के अंतिम बजट में नए मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर कमेटी बनाने के साथ ही 50 वर्षीय ब्याज मुक्त लोन के जरिए एक लाख करोड़ रुपये का कार्पस स्थापित करने का ऐलान भी किया है. इस कॉर्पस की स्थापना का उद्देश्य दीर्घकालिक वित्तपोषण या पुनर्वित्तपोषण कम या शून्य ब्याज दर पर करना है. वहीं, गरीब कल्याण से संबंधित योजनाओं की चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो करोड़ आवास बनाने का ऐलान भी बजट में किया है. महिलाओं के लिए तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की घोषणा के साथ ही आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाए जाने का भी ऐलान किया गया है.

बजट घोषणाओं से कैसे और कितनी आबादी प्रभावित होगी

बजट में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने के साथ ही एक घोषणा और की गई है. यह घोषणा है 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों के टीकाकरण पर फोकस की, आदिवासी महिलाओं के बीच एनीमिया जैसी बीमारी के खिलाफ अभियान की. इन बजट घोषणाओं के जरिए सरकार का फोकस बीजेपी का साइलेंट वोटर मानी जाने वाली महिला मतदाताओं को साधने पर है ही, इससे कई परिवार भी सीधे-सीधे प्रभावित होंगे. महिलाओं की आबादी छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पुरुषों से अधिक है तो मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कई सीटें ऐसी भी हैं जहां महिला मतदाताओं की तादाद पुरुष मतदाताओं से अधिक है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में गिनाईं सरकार की उपलब्धियां (फोटोः पीटीआई)

देश में गरीब, किसान और युवा भी एक बड़ा वोट बैंक है. इन मतदाताओं को साधने के लिए भी सरकार ने जीवन स्तर में सुधार, आय बढ़ाने, गरीबी रेखा से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता के साथ ही रोजगार सृजन का रोडमैप बजट में रखा है. कुल मिलाकर इन चार वर्गों की ही बात करें तो देश की करीब करीब दो तिहाई आबादी इनमें से किसी न किसी वर्ग से ताल्लुक रखती है. बीजेपी जानती है कि इस आबादी का आधा भी अगर वोट में तब्दील हो जाता है तो 400 से अधिक लोकसभा सीटों, 50 फीसदी से अधिक वोट के लक्ष्य तक पहुंचने की राह आसान हो सकती है.

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वित्त मंत्री ने नए ऐलान भले ही कम किए हों, पिछले 10 साल में इन वर्गों के उत्थान के लिए सरकार के प्रयास गिनाए तो रणनीति लाभार्थी वोट बैंक को बचाए रखने की है. बीजेपी ने पिछले कुछ साल में केंद्र और राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाओं के लाभार्थियों का जाति-धर्म से परे हटकर एक अलग वोट बैंक खड़ा किया है. वित्त मंत्री के संबोधन में योजनाओं के लाभ गिनाकर इस वोट बैंक की बुनियाद और मजबूत करने के साथ ही नई घोषणाओं के जरिए नए लोगों को जोड़ने की रणनीति की झलक भी थी. 

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हालिया चुनावों में बीजेपी को मिला था इन वर्गों का साथ

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए थे. इन चुनावों में बीजेपी को हिंदी बेल्ट के तीनों राज्यों में जीत मिली थी. बीजेपी की जीत के पीछे लाभार्थी वोट बैंक की भूमिका अहम मानी गई. मध्य प्रदेश में लाडली बहना जैसी योजना के कारण महिलाओं में बीजेपी को अधिक वोट मिले तो छत्तीसगढ़ में भी डायरेक्ट कैश से जुड़ी घोषणाओं के कारण कमल निशान वाली पार्टी महिला वर्ग में पहली पसंद रही. महिलाओं का टर्नआउट भी हर चुनाव में बढ़ने का ट्रेंड देखने को मिल रहा है. हालिया चुनावों में भी कई जगह महिला वोटर्स का टर्नआउट पुरुषों से अधिक था.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (फाइल फोटोः पीटीआई)

किसानों से जुड़ी योजनाओं और घोषणाओं का सकारात्मक असर भी इन राज्यों में देखने को मिला था. मोदी सरकार 2.0 में आए नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर उतर आए थे. सरकार को बाद में अपने कदम वापस खींचने पड़ गए थे. युवाओं को रोजगार सृजित करने की बात कर साधने की कोशिश की गई है तो वहीं गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता, सिर पर छत उपलब्ध कराने और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं के जरिए.

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बजट से निकले बड़े सियासी संदेश क्या

वित्त मंत्री के बजट भाषण में विकास की बात थी, सरकार की उपलब्धियां थीं, 2014 से पहले की अर्थव्यवस्था की चर्चा थी तो साथ ही थी चार जातियों की बात, गरीब-किसान-युवा के कल्याण की प्रतिबद्धता और पांच साल का प्लान, 2047 तक का रोडमैप. बजट से संदेश साफ है- ओबीसी पॉलिटिक्स की पिच पर घेरने के विपक्षी प्लान से निपटने के लिए बीजेपी नई सोशल इंजीनियरिंग के साथ आगे बढ़ेगी जो जाति-धर्म की भावना से कहीं ऊपर होगा.

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वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में 2014 से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का जिक्र किया और यह भी कहा कि 10 साल में अपनी आर्थिक नीतियों के जरिए मोदी सरकार ने देश को समृद्ध बनाया है. वित्त मंत्री का यह बयान ये संदेश देने की कोशिश है कि मोदी सरकार ने देश को समृद्ध देशों की कतार में लाकर खड़ा कर दिया है, तेजी से विकास हुआ है. संदेश साफ है, बीजेपी विकास की राजनीति के फॉर्मूले, अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने और पारदर्शी व्यवस्था के वादे वाले ट्रैक पर ही बढ़ेगी.

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