क्या अश्लील रील्स के कारण कट गया निशा चटर्जी का टिकट? हुमायूं कबीर पर जमकर बरसीं

पश्चिम बंगाल की राजनीति में उस वक्त हड़कंप मच गया जब हुमायूं कबीर की नई पार्टी ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर निशा चटर्जी को उम्मीदवार बनाने के 24 घंटे के अंदर ही उनका टिकट काट दिया. पार्टी ने इसे 'वल्गर' सोशल मीडिया एक्टिविटी बताया है, जबकि निशा ने इसे धार्मिक भेदभाव करार दिया है और पार्टी प्रमुख कबीर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

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हुमायूं कबीर ने काटा निशा चटर्जी का टिकट. (photo: ITG) हुमायूं कबीर ने काटा निशा चटर्जी का टिकट. (photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

हुमायूं कबीर की जनता उन्नयन पार्टी ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर निशा चटर्जी को 2026 विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित करने के मात्र 24 घंटे के अंदर ही उनका टिकट काट दिया. पार्टी ने कहा कि ये कदम उनके (निशा) सोशल मीडिया पर मौजूद कुछ वल्गर (अश्लील) वीडियो और तस्वीरों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जबकि निशा ने पार्टी के इस कदम को धर्म के आधार पर भेदभाव करार दिया है और हुमायूं कबीर पर चरित्र हनन का आरोप लगाते हुए मुकदमा करने की भी धमकी दी है.

हुमायूं कबीर की पार्टी से टिकट कटने के बाद निशा चटर्जी ने इंडिया टुडे/आजतक से खास बातचीत में कहा कि बिना कोई गलती किए भी वह कैसे विवादों में घिर गईं. उन्हें ये नहीं पता. उन्होंने कहा कि इस तरह टिकट रद्द किए जाने से उनकी छवि और करियर को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने जनता उन्नयन पार्टी के उम्मीदवार चयन के तरीके पर भी सवाल उठाया और कहा कि उसकी धर्मनिरपेक्ष छवि सिर्फ दिखावा है.

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'मेरा अपमान क्यों...'

उन्होंने कहा, 'हुमायूं कबीर ने मुझे अपनी पार्टी की जनसभा के लिए मुर्शिदाबाद बुलाया था. जब पार्टी के उम्मीदवारों में मेरा नाम घोषित किया गया तो मैं हैरान रह गई. मैंने न तो अपना नाम घोषित करने को कहा था और न ही हटाने को. फिर मुझे ट्रोल क्यों किया जा रहा है? मुझे बांग्लादेशी क्यों कहा जा रहा है या हिंदू होने के नाम पर मेरा अपमान क्यों किया जा रहा है? मेरी गलती क्या है?'

'टिकट देने से पहले क्यों नहीं की जांच'

उन्होंने कबीर की पार्टी पर 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए उन्हें उम्मीदवार घोषित करने से पहले उनकी पृष्ठभूमि की ठीक से जांच न करने का आरोप लगाया.

सेक्युलरिज्म के मुखौटे पर सवाल

उन्होंने जनता उन्नयन पार्टी के उम्मीदवार चयन के तरीके पर भी सवाल उठाया और कहा कि उसकी धर्मनिरपेक्ष साख सिर्फ दिखावा है. चटर्जी ने बताया कि उन्होंने पहले बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण के मुद्दे पर हुमायूं कबीर के रुख का समर्थन किया था, यही वह मुद्दा था जिस पर नेता का सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से विवाद हुआ था और जिसके कारण उन्हें टीएमसी से निलंबित किया गया.

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कबीर ने किया मेरी फैन फॉलोइंग का इस्तेमाल

निशा ने गंभीर आरोप लगाया कि हुमायूं कबीर ने उनकी सोशल मीडिया फॉलोइंग का इस्तेमाल अपनी नई पार्टी को मशहूर करने के लिए किया. कबीर चाहते थे कि मेरे जरिए उनकी पार्टी को अटेंशन मिले और अब वही हो रहा है, लेकिन अब उन्हें दरकिनार कर दिया.

उन्होंने कहा कि मुझे ट्रोल किया जा रहा है और धमकियां मिल रही हैं, अगर मुझे कुछ हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा? मैं अपने माता-पिता की इकलौती संतान हूं और अपनी सुरक्षा को लेकर काफी डरी हुई हूं.

इस घटनाक्रम से आहत निशा चटर्जी अब कानूनी रास्ता अपनाने की तैयारी में हैं. उन्होंने हुमायूं कबीर के खिलाफ मानहानि और चरित्र हनन का मुकदमा दर्ज करने की बात कही है. निशा ने साफ कर दिया है कि वह अपनी गरिमा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगी और इस अपमान का जवाब देंगी. 

क्या बोले हुमायूं कबीर

उधर, निशा के आरोपों को बाद हुमायूं कबीर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, 'मैं उनको (निशा) कोई जवाब नहीं दूंगा. मैंने ऐलान किया था, लेकिन बाद में सोचा कि सोशल मीडिया पर उनकी कुछ तस्वीरें और फोटो आईं जो मुझे अच्छी नहीं लगीं. मेरे घर पर भी परेशानी हुई, मेरा बेटा और घरवाले आपत्ति जताई. इसलिए चार घंटे के अंदर फैसला लिया कि उन्हें हटा देंगे. बालीगंज में 49 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, इसलिए वहां मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है.'

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मुझे उन पर कोई आरोप नहीं लगाना: कबीर

कबीर ने ये भी कहा कि कोलकाता में ऐसी कई सीटें हैं, जहां सिर्फ हिंदू परिवार के सदस्यों को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा. मुझे अभी तक तो उन पर कोई आरोप नहीं लगाना, लेकिन मुझे उम्मीद है कि उनके पहनावे की तस्वीर वायरल हो गई है. भविष्य में मैं ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवारों की सूची में बिल्कुल नहीं देखूंगा, बहुत बारीकी से जांच करने के बाद मुझे पता चला है कि कैमक स्ट्रीट के तृणमूल अधिकारी ने ऐसा किया है. मैं उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रहा हूं. मैं इस बारे में और कुछ नहीं कहना चाहता.

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