बिहार में विधानसभा चुनाव की घड़ी करीब आ रही है. अक्टूबर-नवंबर तक बिहार विधानसभा के चुनाव होने हैं और चुनावी साल में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के दो अहम घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (लोकतांत्रिक) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के बीच दलित वोटों की दावेदारी पर खींचतान तेज हो गई है. बात निजी हमलों तक पहुंच चुकी है.
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने एलजेपीआर के प्रमुख चिराग पासवान को लेकर यह तक कह दिया है कि उनके पास अनुभव की कमी है. दोनों दलों के बीच जारी खींचतान पर अब बिहार में एनडीए की अगुवाई कर रही जनता दल (यूनाइटेड) का भी बयान आया है.
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने कहा है कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी और एलजेपीआर के प्रमुख चिराग पासवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट सहयोगी हैं. उन्होंने कहा कि दोनों एनडीए के महत्वपूर्ण घटक दल के नेता हैं. नीरज कुमार ने कहा कि किसी मुद्दे पर आपस में मतभेद हो सकता है, लेकिन मेरी समझ से मनभेद नहीं है.
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जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता ने यह भी कहा कि दोनों ही नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलते रहते हैं. जीतनराम मांझी और चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दलितों के विकास से संबंधित नीतियों का समर्थन भी किया है. उन्होंने दावा किया कि सभी कह रहे हैं- 2025 से तीस, फिर से नीतीश.
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इससे पहले, नीरज कुमार ने जेडीयू कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाए जाने और पार्टी के बीजेपी में विलय के कयासों पर भी टिप्पणी की. आजतक से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि दोनों दल एक-दूसरे के सहयोगी हैं. जेडीयू का अपना राजनीतिक आधार है. यह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं, एक परिवार की पार्टी नहीं है.
शशि भूषण कुमार