बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को कांग्रेस की विस्तारित कार्यसमिति (CWC) की अहम बैठक आयोजित की गई. यह बैठक पार्टी के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि आने वाले दिनों में बिहार चुनाव होने हैं. वरिष्ठ नेताओं ने ना सिर्फ तात्कालिक चुनावी रणनीतियों पर, बल्कि व्यापक संगठनात्मक, राजनीतिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर भी मंथन किया. इस बैठक में आगामी चुनौतियों के मद्देनजर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी सुर को मजबूत करने का माहौल बनाया गया.
बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की. इसमें लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. सभी नेताओं ने बिहार चुनाव के साथ-साथ संगठन को मजबूत करने की दिशा में ठोस रणनीति पर चर्चा की.
कांग्रेस नेताओं ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के सामने मौजूद चुनौतियों पर विचार किया. खासतौर पर बिहार चुनाव की तैयारियों और संगठनात्मक क्षमता को मज़बूत बनाने पर जोर दिया गया. बैठक में संविधानिक संस्थाओं पर हो रहे बार-बार हमलों और राज्य प्रायोजित सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर गहरी चिंता जताई गई.
केसी वेणुगोपाल ने क्या कहा...
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केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बिहार कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास पैदा हुआ है. खासकर हाल ही में सदाकत आश्रम (राज्य मुख्यालय) पर हुए हमले के बाद. उन्होंने कहा कि पार्टी अब एकजुट होकर लड़ने के लिए तैयार है.
बैठक में 'वोटर अधिकार यात्रा' की सफलता का जश्न भी मनाया गया. पार्टी नेताओं ने कहा कि इस अभियान ने जनता का ध्यान खींचा और पूरे देश में 'वोट चोर, गद्दी छोड़' का नारा चर्चित हो गया, जो कथित चुनावी गड़बड़ियों के खिलाफ कांग्रेस का सशक्त संदेश है.
पार्टी ने 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक चलने वाला बड़ा हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है. इसका लक्ष्य 5 करोड़ हस्ताक्षर जुटाकर चुनाव आयोग से 'वोट चोरी' पर सख्त कार्रवाई की मांग करना है.
संगठन सृजन अभियान पर जोर
इसी बैठक में कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने के लिए 'संगठन सृजन अभियान' के बारे में भी जानकारी दी. अब तक 144 जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी है और पहले चरण में 10 राज्यों में इसे आगे बढ़ाया जाएगा.
बैठक में नेताओं ने हाल के जीएसटी सुधारों को 'अधकचरा' बताते हुए कहा कि यह कदम कांग्रेस के लंबे दबाव की वजह से उठाया गया है. साथ ही मोदी सरकार की कूटनीतिक नाकामियों की भी आलोचना की गई, जिसमें सऊदी अरब और पाकिस्तान से जुड़े वैश्विक मसलों पर सरकार की कमजोर स्थिति को उजागर किया गया.
CWC ने बिहार में 65% आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा देने की मांग दोहराई और सवाल उठाया कि सरकार इसमें ढिलाई क्यों बरत रही है. कांग्रेस ने तमिलनाडु में 69% आरक्षण को अपने ऐतिहासिक समर्थन की मिसाल भी दी.
बैठक के अंत में CWC के विशेष प्रस्ताव में बिहार की जनता से अपील की गई कि वे संविधानिक अधिकारों की रक्षा करें. सामाजिक न्याय का समर्थन करें और पारदर्शिता, कल्याण और सबको समान लाभ देने वाली सरकार सुनिश्चित करें.
मौसमी सिंह