छपरा सीट से भाजपा प्रत्याशी छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को लगभग सात से आठ हजार वोटों से हराकर विधानसभा में प्रवेश कर लिया. जीत के बाद छोटी कुमारी ने कहा कि यह मेरी जीत नहीं है, यह छपरा की जनता की जीत है. उन्होंने कहा कि जनता ने उन पर भरोसा दिखाया और वह इस भरोसे पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करेंगी.
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- छपरा में छोटी की 'बड़ी' जीत, खेसारी यादव को दी पटखनी.
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-12वें राउंड की गिनती तक छोटी कुमारी 40185 वोटों के साथ जीत की ओर बढ़ रही हैं.
-9वें राउंड की गिनती तक छोटी कुमारी 27299 वोटों के साथ जीत की ओर बढ़ रही हैं.
-अभी 28 में से 7 राउंड की वोटों की गिनती ही पूरी हुई है.
-भाजपा की छोटी कुमारी 22031 वोटों के साथ बढ़त बनाए हुए हैं.
-खेसारी 2909 वोटों से छोटी कुमारी से पिछड़े.
-खेसारी के लिए वोटों का अंतर बढ़ता जा रहा है. अब छोटी कुमारी 3085 वोटों से आगे हैं.
-भाजपा की छोटी कुमारी लगातार बढ़त बनाए हुए हैं और इस समय खेसारी से 2380 वोटों से आगे चल रही हैं.
-खेसारी यादव 1627 वोटों से पीछे. अब तक 5840 वोटों से छोटी कुमारी आगे.
-पहले राउंड के बाद एनडीए की छोटी कुमारी को मिले 3301 वोट, खेसारी 974 से पीछे.
- नतीजों पर गौर करें तो छपरा सीट पर फिलहाल खेसारी लाल यादव लगाताप आगे चल रहे हैं. क्या यह अंतर और बढ़ेगा या फिर हालात पलट जाएंगे? यह जानने के लिए जुड़े रहें.
-सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी. थोड़ी ही देर में शुरुआती रुझान आने लगेंगे और कुछ घंटों बाद नई विधानसभा की तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी.
-सुबह के 8 बजते ही छपरा सहित बिहार की सभी विधानसभा सीटों पर मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
-बिहार की छपरा सीट सूबे के भोजपुर क्षेत्र में आती है.
छपरा विधानसभा सीट सारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. छपरा न केवल एक प्रमुख शहरी केंद्र है, बल्कि यह सारण प्रमंडल का मुख्यालय भी है. इसकी भौगोलिक स्थिति इसे विशेष महत्व देती है. शहर घाघरा नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है और गोरखपुर- गुवाहाटी रेलमार्ग का एक अहम जंक्शन है. यहां से गोपालगंज और बलिया की ओर भी रेलवे लाइनें जाती हैं, जिसके कारण यह क्षेत्र व्यापार, परिवहन और आवागमन का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है. छपरा का इतिहास भी काफी समृद्ध और प्राचीन है. कभी यह क्षेत्र कोसल साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था. 9वीं शताब्दी में महेंद्र पाल देव के शासनकाल से इस इलाके का पहला लिखित उल्लेख मिलता है. माना जाता है कि यहां के दाहियावां मुहल्ले में दधीचि ऋषि का आश्रम स्थित था. इसके अलावा पास के रिविलगंज में गौतम ऋषि का आश्रम माना जाता है, जहां कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला मेला आज भी प्रसिद्ध है.
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