बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं और सत्ताधारी एनडीए गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है. लेकिन विपक्षी महागठबंधन में कई बैठकों के बावजूद अभी तक सीट बंटवारा नहीं हो पाया है. लेकिन इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल (चुनाव चिन्ह) देना शुरू कर दिया है. बिना सीट बंटवारे के महागठबंधन की पार्टियां अपने उम्मीदवारों को सिंबल बांट रही हैं जिसे लेकर कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि रहस्य बना रहना चाहिए और इसी वजह से बीजेपी नेतृत्व का ब्लडप्रेशर भी बढ़ रहा है.
पंचायत आजतक बिहार के मंच से सीट बंटवारे के सवाल पर बोलते हुए पवन खेड़ा ने कहा, 'समय-समय पर नए प्रयोग होते रहना चाहिए. मुझे लगता है कि यह प्रयोग काफी अच्छा था कि सीधा सिंबल देना शुरू किया... और थोड़ी मिस्ट्री (रहस्य) भी रहनी चाहिए. इसमें क्या गलत है. जितने ज्यादा सिंबल दिए जा रहे हैं, उतना ब्लडप्रेशर 7LKM (प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास) में बढ़ रहा है.'
पवन खेड़ा ने आगे कहा, 'ये चुनाव बिहार से भी ज्यादा कहीं और असर डाल रहा है और वहां ब्लडप्रेशर हाई हो रहा है. ये हमें अच्छा लग रहा है. अभी पर्चा भरने में वक्त है, निश्चिंत रहिए, उससे पहले सारी बातचीत हो जाएगी, लिस्ट फाइनल हो जाएगी और सारे सिंबल बंट चुके होंगे.'
सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में मची खींचतान को लेकर पवन खेड़ा ने कहा, 'चुनाव उत्सव होता है...घर में जब शादी होती है तो कोई नाराज होता है, कोई खुश होता है...नाच, ढोल, सबकुछ चल रहा होता है. चुनाव भी घर में शादी की तरह है. हमारे गठबंधन में सबकुछ ठीक है, उनके गठबंधन का पता नहीं. कोई समस्या नहीं है.'
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राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वादा किया कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो हर परिवार में एक सरकारी नौकरी दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के 20 दिनों के अंदर इसके लिए नया कानून लाएंगे और 20 महीने के अंदर नौकरी दे दी जाएगी. तेजस्वी के इस वादे पर सत्तापक्ष उन्हें घेर रहा है कि तेजस्वी के वादे के मुताबिक, 2 करोड़ 70 लाख परिवारों को सरकारी नौकरी देनी होगी जिसपर 10 लाख करोड़ का खर्च आएगा जो कि अभी सरकारी नौकरी पर हो रहे खर्च से 15 गुना से ज्यादा है.
सत्तापक्ष का कहना है कि जब बिहार का पूरा बजट ही 2 लाख करोड़ का है तो 10 लाख करोड़ का खर्च कहां से आएगा.
तेजस्वी के इस वादे और सत्तापक्ष के सवालों पर बोलते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'ये क्यों नहीं संभव है जब हमारी नीयत अच्छी है. जब पिछली बार तेजस्वी यादव ने पांच लाख नौकरियां दी थी... कैसे दी? देने की नीयत थी, तभी दी न. जिन्होंने नहीं दी, उनसे नहीं पूछा जा रहा. और जो देने की बात कह रहे हैं, उनसे पूछ रहे हैं कि आप कैसे देंगे. आप मौका दो, हम देकर दिखाएंगे.'
पवन खेड़ा ने कहा कि बिहार नौकरियों के मामले में देशभर में रोल मॉडल बन सकता है क्योंकि यहां बहुत संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा, 'बिहार को आप कम मत आंकिए. बिहार ने जो सरकारें चुनी हैं, कमी उनमें है, बिहार के लोगों में नहीं.'
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