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कटिहार से कैलिफोर्निया पढ़ने जाएगा 12वीं पास लड़का, PMO ने दिया मौका

सुजीत झा
  • 26 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST
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बचपन में तोतली आवाज में साइंटिस्ट बनने का सपना देखने वाले बिहार के रीभम राज ने इसे सच कर दिखाया है. SAT की परीक्षा पास करके अब वो केलिफोर्निया में पढ़ाई करेगा. वो पानी से चलने वाला ऑटोमोबाइल इंजन के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. PMO के मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने रीभम को इसका ऑफर दिया है. रीभम ने सिर्फ बारहवीं के बाद ये मुकाम कैसे हासिल किया, पढ़ें- उसका पूरा सफर.

फोटो: रीभम
Image credit: aajtak/ India Today

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रीभम की मां अमृता एक गृहणी हैं. बेहद सामान्य परिवार से आने वाले रीभम की मां ने Aajtak से कहा कि हम बहुत ज्यादा गर्व महसूस कर रहे हैं. मैं यही सोचती थी कि मेरा बच्चा पढ़े और बहुत नाम करे. भारत के लिए कुछ अच्छा करे और उसने कर दिखाया. वो जब एकदम छोटा था, वन-टू में पढ़ता था, तब हमलोग पूछते थे कि क्या बनोगे बेटा बड़े होकर. तब उसे बोलना भी सही से नहीं आता था, तोतलाता था तब भी बोलता था साइंटिस्ट बनूंगा जो आज हकीकत है. वो कहती हैं कि प्रधानमंत्री जी जो लेटर भेजे, उसके बाद इसने बहुत जगह अपना प्लेटफार्म ढूंढा लेकिन इसे नहीं मिल पाया, अब जाके इसको जगह मिला. कैलिफोर्निया जा रहा है पढ़ाई करने, अमेरिकी सरकार ने इसे पूरे विश्व में थर्ड रैंक दिया है और इसको पढ़ने के लिए वहां पर 100 परसेंट स्कॉलरशिप पे बुलाया गया है, हमलोग को बहुत अच्छा लग रहा है.

फोटो: रीभम, अपनी मां के साथ
Image credit: aajtak/ India Today


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रीभम के टीचर डॉ. मधुर उपाध्याय का कहना है कि मुझे इस बात की बहुत खुशी हो रही है कि ये केवल कटिहार ही नहीं पूरे भारतवर्ष के लिए गौरव की बात है. मेरा ये कटिहार शहर का बच्चा पूरे विश्व में भारत को रिप्रजेंट करेगा. बहुत अच्छा लग रहा है हमको, बहुत बड़ा एचिवमेंट है ये.

फोटो: रीभम अपने टीचर डॉ मधुर के साथ
Image credit: aajtak/ India Today


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डॉ. मधुर कहते हैं कि वो बचपन से कहता था कि मैं बड़ा होकर आईआईटियन नहीं बनूंगा, मैं साइंटिस्ट बनूंगा और उसी क्रम में इसने दो रोबोट भी बनाया. इसने आईआईटी मुम्बई में भी दो बार प्रजेंट किया है. अब जो इंजन वो बना रहा है वो पानी से चलेगा, सुनने में भले ही अजीब सा लगता है लेकिन ये सफल हो गया तो हम समझते हैं कि वर्ल्ड में ये एक करिश्मा जैसा होगा.

(प्रतीकात्मक फोटो)

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वो कहते हैं कि पीएम बधाई के पात्र हैं, ऐसे हमारे पीएम हैं जो इस तरह के लेबल को सपोर्ट और इंस्पायर करते हैं. हमारे लिए ये बड़ी प्रेरणा है कि उन्होंने बच्चे को पत्र लिख करके उसे आगे बढ़ाने की बात कही.

(प्रतीकात्मक फोटो)

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वो कहते हैं‍ कि गुदड़ी के लाल इसी को कहा जाता है. कोई सोच नहीं सकता है कि कटिहार जैसे छोटे से कस्बे के महा मिडिल क्लास परिवार का ये बच्चा पढ़ने इतना दूर जाएगा. हमलोगों ने तो इतना दूर तक नहीं सोचा था.

फोटो: रीभम
Image credit: aajtak/ India Today

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रीभम ने aajtak से कहा कि मुझे प्रधानमंत्री ऑफिस से लेटर मिला कि हम आपको सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं तो फिर मुझे इतना खुशी मिली कि मैंने सोचा कि हां मुझे अब अपने देश के लिए कुछ करना है, असल में मैंने जो इंजन सोचा है एक बंद टाइप का डिजाइन फॉलो करता है, इसमें मैंने शुद्ध पानी का इस्तेमाल किया है. फिर इसमें जितना फ्यूल डाला जाएगा इंजन में एक टाइम में वो खुद से रिपलनेस करेगा.
 
फोटो: रीभम
Image credit: aajtak/ India Today

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ऐसी है प्रक्रिया
इस विधि में पहले पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ा जाएगा. उसके बाद दोनों तत्वों को दोबारा जोड़ने की कोशिश है और इसके कारण जो एनर्जी यानी ऊर्जा उत्पन्न होगी, उसी से इंजन चलेगा. इसमें अतिरिक्त ऊर्जा भी उत्पन्न होगी. ऐसी गाड़ी का फ्यूल खत्म नहीं होगा कभी. थ्योरी के आधार पर कहें तो इसका जीवन 200 साल होगा. ये आइंस्टीन के एनर्जी के फार्मूला (E = mc2 ) पर आधारित है.

कैलिफोर्निया जाने के बारे में बताया कि इसके लिए पहले SAT का एग्जाम होता है जो कि अमेरिका की कॉलेज बोर्ड नाम की आर्गेनाइजेशन कराती है, इसमें मुझे बाद में ईमेल से रिजल्ट आया, जिसमें मेरा ग्लोबल रैंक तीन था. मैं 8 जनवरी को जा रहा हूं जहां यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में 14th ऑफ जनवरी से मेरी क्लास स्टार्ट होंगी. मेरे प्रेरणाश्रोत मेरे सर डॉ. मधुर उपाध्याय हैं. वो मुझे क्लास नाइन से पढ़ाते थे. मेरे गुरु हैं उनसे मैंने जितना भी सीखा है उसका 90 पर्सेंट मेरे गुरुदेव ने दिया है.
(फोटो: प्रतीकात्मक)

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