देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में शुमार जवाहर लाल
नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार शाम को
नकाबपोश बदमाशों ने घुसकर हमला कर दिया. हाथ
में डंडे और लोहे की रॉड लिए हुए उन्होंने
छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की बेरहमी से पिटाई कर
दी. JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष हमले में
बुरी तरह घायल हो गईं. वहीं एक ओर जेएनएयू
छात्रों के लिए राजनीति का गढ़ माना जाता है. यहां
से कई ऐसी शख्सियतें पढ़कर निकली है. जो आज
राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा कद रखते हैं. साथ ही कुछ
ऐसे भी है जो अन्य क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर
रहे हैं.
अभिजीत बनर्जी
साल 2019 में JNU से पढ़े अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया था. उनके साथ उनकी पत्नी एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला था. बता दें, उन्होंने 1983 में इकोनॉमिक्स से एमए जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सटी से किया था. बाद में 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी. इससे पहले 1998 में अमर्त्य सेन को इकोनॉमिक्स का नोबेल दिया गया था.
कन्हैया कुमार
जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार थे. लोकसभा चुनाव 2019 में बेगूसराय सीट से उन्हें उम्मीदवार बनाया था. लेकिन जीत गिरिराज सिंह की हुई थी. वर्तमान में वह अखिल भारतीय छात्र परिषद (AISF), जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की स्टूडेंट विंग है, के नेता हैं. उन्होंने जेएनयू से पीएचडी की है.
निर्मला सीतारमण
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की है. 1976 में शीतललक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज में अर्थशास्त्र की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया. 1978 में पढ़ाई करने के बाद जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में आगे की पढ़ाई की.
सुब्रमण्यम जयशंकर
सुब्रमण्यम जयशंकर वर्तमान में भारत के विदेश मंत्री हैं. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से इंटरनेशनल रिलेशन में पीएचडी किया है. वह पद्मश्री सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं.
सैयद आसिफ इब्राहिम
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के पूर्व निदेशक रह चुके हैं. उन्होंने जेएनयू से एमए की डिग्री हासिल की है.
अमिताभ कांत
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत हैं. बता दें, वह नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने जेएनयू से एमए किया है.
संजय बारूपूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया एडवाइजर संजय बारू थे. वह साल 2004 से 2008 तक मीडिया एडवाइजर रहे. उन्होंने जेएनयू से एमए और पीएचडी की थी.पिछले साल उनकी किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर फिल्म बनी थी. जिसकी वजह से वह चर्चा में आए थे.
मेनका गांधी
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जेएनयू से जर्मन भाषा की पढ़ाई की है. वे पशु अधिकारों से जुड़े आंदोलनों में भी काफी सक्रिय हैं. पशुओं पर होने वाली क्रूरता को रोकने के लिए बने कई कानूनों में मेनका गांधी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
सीताराम येचुरी
येचुरी भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के नेता हैं. उन्हें 19 अप्रैल 2015 को इसके महासचिव के रूप में चुना गया था. 1977-78 के दौरान येचुरी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे. 1978 में उन्हें स्टुडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) का अखिल भारतीय महासचिव चुना गया था. उन्होंने वामपंथ पर कई किताबें लिखी हैं. उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू यूनियवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए किया था.
बाबूराम भट्टाराई
बाबूराम भट्टाराई नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री थे. साल 1986 में उन्होंने जेएनयू से पीएचडी की डिग्री हासिल की थी.
योगेंद्र यादव
स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी जेएनयू के पूर्व छात्र रह चुके हैं.
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