इंजरी ने रोका इंटरनेशनल बैडमिंटन खिलाड़ी का सफर, अब पास की UPSC परीक्षा, बनेंगी IPS अफसर

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि मनुष्य को चाहिए कि वह परिस्थितियों से लड़े, एक स्वप्न टूटे तो दूसरा गढ़े. इस पंक्त‍ि को अपने जीवन में उतारना इतना आसान नहीं होता. लेकिन, कुहू गर्ग ने इसे जीकर दिखा दिया है. इंजरी के कारण बतौर इंटरनेशनल ख‍िलाड़ी बनकर और मुकाम न छू पाईं तो खुद को समेटा और UPSC की तैयारी में जुट गईं.

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Kuhoo Garg UPSC Kuhoo Garg UPSC

अपर्णा रांगड़

  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सीएसई 2023 के मंगलवार को घोषित किए नतीजों में एक नाम है- कुहू गर्ग. यहां गौर करने वाली बात ये है क‍ि 25 साल की कुहू इंटरनेशनल बैडमिंटन प्लेयर हैं और कई वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा भी ले चुकी है. लेक‍िन अपने स्पोर्ट्स करियर के टॉप में रहते हुए आगे का सफर एक इंजरी के चलते थम गया, लेक‍िन ये सफर अभी खत्म नहीं हुआ है. क्या है कुहू की कहानी, जानिए aajtak.in के साथ खुद उनकी जुबानी.

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उत्तराखंड की रहने वाली कुहू गर्ग ने 178वीं रैंक हासिल की है और अब IPS बनना लगभग तय है . वो उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी अशोक कुमार की बेटी हैं. कुहू ने देहरादून के वेल्हम गर्ल्स और ब्राइटलैंड स्कूल से अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सीटी के एसआरसीसी कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा क‍िया. कुहू के पिता पूर्व डीजीपी अशोक कुमार ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी हैं. अशोक कुमार 2020 से 2023 तक उत्तराखंड के डीजीपी रहे हैं. कुहू एक IPS अफसर की बेटी हैं, लेकिन कुहू की पहचान सिर्फ इतनी नहीं है. 

बेटी की इस सफलता के मौके पर IPS अशोक कुमार ने aajtak.in से बातचीत की. उन्होंने बताया कि कुहू ने ने 9 वर्ष की उम्र से ही खेलना चालू कर दिया था. इंटरनेशनल लेवल पर बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी कुहू के नाम बतौर शटलर कई उपलब्धियां हैं. कुहू गर्ग उत्तराखंड की पहली एकमात्र शटलर हैं, जो वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुकी हैं. उन्होंने 19 इंटरनेशनल और 56 ऑल इंड‍िया एंड नेशनल मेडल्स अपने नाम किए हैं. 

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जब बैडमिंटन कोर्ट से UPSC का क‍िया रुख 

लेकिन ऐसा क्या हुआ क्या कि कुहू स्पोर्टस फील्ड छोड़ UPSC की तैयारी में जुट गई? इसके जवाब में पिता ने बताया कि  कुहू साल 2021 कोरोना के बाद हुए उबर कप के ट्रायल के लिए हैदराबाद गई थी. इस दौरान उसकी नी इंजरी (Knee Injury) हो गयी थी. और ACL टेअर हो गया था जिसके बाद उसे साल 2022 में सर्जरी करानी पड़ी थी. अब चूंकि एक साल तक किसी कम्पटीशन को खेल पाना पॉसिबल नहीं था. इंजरी ने कुहू को खेलने से जरूर रोका पर उसका हौसला नहीं तोड़ पाई. कुहू ने UPSC परीक्षा तैयारी करने की ठानी. और उसका नतीजा यह रहा कि अपने पहले ही अटेम्प्ट में UPSC 2023 परीक्षा पास की और देशभर में 178th रैंक हासिल की. इस रैंक पर उनका IPS केटेगरी में चयनित होना तय है.

कुहू ने aajtak.in से खास बातचीत में बताया कि उन्होंने 2010 से बैडमिंटन खेलना शुरू किया था. और 2021 तक करियर के तौर पर बैडमिंटन पर ही फोकस किया. लेकिन जब नी इंजरी हो गई तो बैडमिंटन से एक साल का ब्रेक लेना पड़ गया. उसी दौरान खुद को मेंटली तैयार किया और UPSC की तैयारी करने का सोचा. अपने IPS पिता का जिक्र करते हुए कुहू कहती हैं कि बचपन से ही पापा को देखते आए थे तो कहीं न कहीं UPSC और IPS सर्विसेस दिमाग में थी. लेकिन इंजरी के बाद ब्रेक ने वो मौका दिया और उस समय का उपयोग सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में किया. 
 
क्या स्ट्रेटजी अपनाई, कितने घंटे की पढ़ाई? 

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UPSC की तैयारी कैसे की, क्या स्‍ट्रेटजी रही? इस सवाल के जवाब में कुहू ने बताया कि उन्होंने घर पर रहकर ऑनलाइन कोचिंग ली थी. तैयारी में पापा की यूपीएससी जर्नी और उनके Experiences ने काफी मदद की, उनकी किताबें भी काम आईं. बकौल कुहू प्रिपरेशन के दौरान रोजाना 8-10 घंटे पढ़ाई करती थीं. प्रीलिम्स के दौरान यह समय 12-13 घंटे प्रति दिन हो गया और मेन्स के समय 16 घंटे पढ़ाई को दिए. कुहू बताती हैं कि इंटरव्यू के लिए पापा से प्रश्न डिस्कस किया करती थी. परिवार के अलावा दोस्तों और सोसाइटी में रह रहे पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने भी उनकी काफी मदद की और उन्हें अच्छी गाइडेंस दी.

UPSC के इंटरव्यू में पूछे गए प्रश्नों को लेकर अकसर लोगों और एस्पिरेंट्स में खासी दिलचस्पी रहती है. कुहू से इंटरव्यू में क्या पूछा गया? इसके जवाब में उन्होंने बताया कि मेरे स्पोर्टस बैग्राउंड के चलते मुझसे बैडमिंटन और खेलों से जुड़े सवाल किए गए. जैसे- बैडमिंटन कोर्ट का सबसे सुखद अनुभव क्या था?  क्या क्रिकेट की वजह से बाकी सभी खेल खराब हो रहे हैं? क्या क्रिकेट को एक इंडस्ट्री बना दिया जाए?. खेल के अलावा जनरल स्टडीज से जुड़े सवाल भी पूछे गए थे.

क्या अब भी बैडमिंटन कोर्ट में करेंगी वापसी?

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इंजरी के बाद अब कुहू बैडमिंटन कोर्ट में उतरने के लिए फिट हैं, ऐसे में क्या वह सिविल सेवा को ही चुनेंगीं या बैडमिंटन में वापसी करेंगी? इसके जवाब में कुहू कहती हैं कि अब वह UPSC के साथ ही आगे बढ़ना चाहती हैं. लेकिन बैडमिंटन खेलने को लेकर उन्हें जब भी मौका मिलेगा वह जरूर खेलेंगी. कुहू का मानना है कि अगर वह बैडमिंटन खिलाड़ी नहीं होती, तो शायद UPSC क्लियर करने के लिए उन्हें दृढ़ता से मेहनत करने की ताकत नहीं मिलती और अनुशासन भी नहीं होता.

देश के लिए खेलते हुए UPSC क्लियर करने वाली पहली

बकौल अशोक कुमार, अब तक कोई भी ऐसा खिलाड़ी नहीं था, ज‍िसने ओपन केटेगरी में टीम इंडिया के लिए खेलते हुए UPSC क्लियर किया हो. ऐसे में ओपन कैटेगरी में कुहू की यह बड़ी कामयाबी है. पूर्व डीजीपी अशोक कुमार बेटी की इस सफलता पर भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि कुहू की इंजरी के बाद वह उसके करियर को लेकर चिंतित थे और मन में डर भी था कि अपने स्पोर्टस फील्ड में करियर फिलहाल थमने से वह आगे क्या करेगी. लेकिन कुहू ने खेल में नाम कमाने के साथ-साथ UPSC जैसी मुश्किल परीक्षा पास कर एक और उपलब्धि अपने नाम की और उनकी की ही तरह IPS बनकर देशसेवा की राह पर चल निकली है.

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बता दें कि बतौर शटलर कुहू ने कई खिताब अपने नाम किए हैं, इसमें रशिया ओपन 2018 सिल्वर, आइसलैंड ओपन 2018 (गोल्ड), मिस्र ओपन 2018 - (1 स्वर्ण, 1 रजत), लागोस इंटरनेशनल 2018 (1 स्वर्ण, 1 रजत), हैदराबाद ओपन 2017 (रजत), टाटा इंटरनेशनल 2016  (रजत), हेलस इंटरनेशनल 2017 (गोल्ड) शामिल हैं.

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