दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षामंत्री आतिशी ने सरकारी स्कूल की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि आज कई विधायकों ने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूल में करवाया है. हम चाहते हैं कि मंत्री और IAS अफसर ख़ुद सरकारी स्कूल में एडमिशन करवाने आए.
उन्होंने कहा कि एक बड़े वकील ने अपने बच्चे प्राइवेट स्कूल से नाम कटवाकर एडमिशन सरकारी स्कूल में करवाया है. इस मौके पर शिक्षामंत्री आतिशी ने कहा कि ये सरकारी स्कूल की बिल्डिंग बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ रही है.
शिक्षामंत्री ने कहा कि नई बिल्डिंग देखकर पुराने समय को नहीं भूलना है. 2015 में दिल्ली में जब केजरीवाल सरकार बनी, तो स्कूलों को सुधारने का वादा किया. तब सरकारी स्कूल के हालात देखकर आंखों से आंसू आ जाते थे. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में 9 साल में स्कूल में बड़े परिवर्तन हुए. 2015 में स्कूल के कमरों की संख्या 24 हजार थी, जो 2024 में 20 हजार बढ़कर 44 हजार हो गई है.
अब वो जमाना गया जब प्राइवेट स्कूल के बाहर लाइन लगती थी. अब सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए लाइन लगती है. स्कूल ऑफ स्पेशल एजुकेशन में 1 लाख 40 हजार बच्चों ने एडमिशन फॉर्म भरे थे.
इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्कूल में जब बाहर से एंट्री ली, मेरे मुंह से निकला oh wow, what a school. स्कूल के ncc बच्चों ने शानदार सलामी दी. मेरे मन में आया कि मैं भी काश ऐसे स्कूल में पढ़ा होता. हिसार के बेस्ट प्राइवेट स्कूल में मैंने पढ़ाई की लेकिन वो स्कूल आपके सरकारी स्कूल जितना शानदार स्कूल नहीं था.
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली के नामी स्कूल में इतनी फैसिलिटी नहीं होगी जितनी सरकारी स्कूल में है. इस सरकारी स्कूल में 1200 स्टूडेंट्स एडमिशन लेंगे. दिल्ली में बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल खोले जा रहे हैं. पुरानी बिल्डिंग तोड़कर नई बिल्डिंग बना रहे हैं. पहले प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल के बच्चे मिलते थे तो सरकारी स्कूल के बच्चे में हीन भावना होती थी, आज वो भावना ख़त्म हो गई है. आज सरकारी स्कूल का बच्चा गर्व से कहता है कि सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं.
दिल्ली का एजुकेशन बजट 40%
सीएम ने कहा कि गरीब बच्चे को शिक्षा देना पुण्य का काम है. मेरी मौत आएगी तो संतुष्टि होगी कि लाखों गरीब बच्चों को शिक्षा दी. हमारी सरकार आते ही शिक्षा का बजट खूब बढ़ा दिया. सरकार बनते ही शिक्षा बजट 10 हजार करोड़ किया था. जबकि आज केंद्र सरकार के बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बजट 4% है. जबकि दिल्ली का 40% बजट आज शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए है.
IIT, डॉक्टर बनने का सपना देख रहे सरकारी स्कूल के बच्चे
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के टैक्स के पैसे से स्कूल बन रहा है. गरीब आदमी भी टैक्स का पैसा देता है. आज सरकारी स्कूलों के बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं. उन्होंने बच्चों से कहा कि डॉक्टर और इंजिनियर बन जाओ तो देश को मत भूलना. IIT खड़गपुर बेस्ट इंस्टिट्यूट है. वहां हमारी ट्यूशन फीस 30 रुपए प्रति महीना थी.तब देश ने मुझे पढ़ाया.
पंकज जैन