NEET परीक्षा में दो बार फेल होने पर बेटे ने किया सुसाइड, गम में पिता ने भी दी जान

इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को ''ठंडे दिल'' वाला व्यक्ति बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जगदीश्वरन की तरह चाहे कितनी भी जानें चली जाएं, उनका दिल नहीं बदलने वाला है. ऐसे ठंडे दिल इंसान की जान की कीमत नहीं समझते.

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छात्र जगदीश्वरन और उसके पिता सेलवासेकर छात्र जगदीश्वरन और उसके पिता सेलवासेकर

aajtak.in

  • चेन्नई ,
  • 17 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 3:40 PM IST

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) में दो बार फेल होने के बाद चेन्नई में एक 19 वर्षीय मेडिकल छात्र की आत्महत्या से मृत्यु हो गई. उसका पिता इस पहाड़ जैसे दुख को सहन नहीं कर सका और दो दिन बाद उसने भी आत्महत्या का तरीका अपना लिया. 

बता दें कि पीड़ित छात्र जगदीश्वरन को 12 अगस्त को शहर के क्रोमपेट इलाके में अपने कमरे में लटका हुआ पाया गया था. उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. कहा जा रहा है कि छात्र पिछले दो प्रयासों में NEET के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए आवश्यक अंक हासिल नहीं कर पाने के बाद बेहद उदास था. 

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पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. हालांकि, उसके पिता सेल्वासेकर ने सोमवार को फांसी लगाने से पहले अपने बेटे की मौत के लिए NEET प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था. अपनी मृत्यु से पहले, सेल्वासेकर ने कहा कि वह तमिलनाडु में NEET को हटाने के लिए विरोध करने के लिए तैयार थे. इस घटना पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शोक व्यक्त किया और छात्रों से इतना कठोर निर्णय न लेने का आग्रह किया. 

एमके स्टालिन के बेटे और कैबिनेट मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सोमवार को उस अस्पताल का भी दौरा किया, जहां मृतक मेडिकल उम्मीदवार का शव रखा गया था. एमके स्टालिन ने गवर्नर की भी आलोचना की. 

बता दें कि तमिलनाडु में NEET पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को मंजूरी नहीं देने के लिए राज्यपाल आरएन रवि पर निशाना साधते हुए एमके स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार प्रस्तावित कानून पर विधानसभा में दो बार विधेयक ला चुकी है. उन्होंने कहा कि हमने यह बिल राज्यपाल को भेज दिया था. पहले तो उन्होंने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया. फिर दबाव में आकर उसे वापस भेज दिया. हमने विधानसभा में फिर से प्रस्ताव पारित करने के बाद इसे राज्यपाल के पास वापस भेज दिया. अब उन्हें सहमति देनी थी, लेकिन उन्होंने इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया. 

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NEET मुद्दे पर एक अभिभावक के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने नीट विरोधी विधेयक पर हस्ताक्षर करने से राज्यपाल के इनकार की आलोचना की और कहा कि यह केवल उनकी "अज्ञानता" को दर्शाता है. विधानसभा विधेयकों को सरकार को लौटाने के लिए राज्यपाल को पहले भी सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेतृत्व वाली सरकार और कई अन्य हलकों से तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है. 

ठंडे दिल इंसान की जान की कीमत नहीं समझते: CM
दरअसल NEET उन मुद्दों में से एक है जो राजभवन और राज्य सरकार के बीच विवाद का विषय रहा है. एमके स्टालिन ने यह भी कहा कि राज्यपाल के पास विधेयक पर कोई अधिकार नहीं है और वह केवल शक्ति होने का दिखावा कर रहे हैं. उन्होंने राज्यपाल को ''ठंडे दिल'' वाला व्यक्ति बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जगदीश्वरन की तरह चाहे कितनी भी जानें चली जाएं, उनका दिल नहीं बदलने वाला है. ऐसे ठंडे दिल इंसान की जान की कीमत नहीं समझते. एमके स्टालिन ने NEET प्रणाली को खत्म करने के उद्देश्य से राजनीतिक परिवर्तन लाने के अपने दृढ़ संकल्प पर जोर दिया. 

सीएम ने जोर देकर कहा कि मैं जगदीश्वरन और उनके पिता सेल्वासेकर की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. बस यह मान लीजिए कि ये NEET के कारण आखिरी मौतें हैं. 

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(आत्महत्या एक गंभीर मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समस्या है. आत्महत्या के ख्याल आना मेडिकल एमरजेंसी की श्रेणी में आता है. ऐसे किसी भी लक्षण को नजरंदाज न करें, आप इसके लिए भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 और टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर  1800914416  से मदद ले सकते हैं. यहां आपकी पहचान गोपनीय रखी जाती है और विशेषज्ञ आपको सही सलाह देते हैं. मानसिक रूप से तनाव की स्थिति में अपने करीबी लोगों से बेहतर संवाद जरूरी है.)

 

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