टारगेट नंबर 7: हिजबुल की वो फैक्ट्री, जहां नए आतंकियों के लिए बन रही थी बिल्डिंग... सेना ने उड़ा दिया!

Operation Sindoor Target Number 7: यह कैंप हिजबुल मुजाहिदीन का एक पुराना आतंकी ट्रेनिंग सेंटर था. यहां बने बैरक और चार कमरों में हथियार, गोला-बारूद और आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. इसके अलावा एक अलग बिल्डिंग आतंकियों के रहने के लिए थी. इस कैंप में एक साथ 150-200 आतंकियों को ठहराने के लिए बनाया गया था.

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हिजबुल मुजाहिदीन का मसकर रहील शाहिद आतंकी ठिकाना हिजबुल मुजाहिदीन का मसकर रहील शाहिद आतंकी ठिकाना

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 मई 2025,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

Operation Sindoor Target Number 7: भारतीय वायु सेना ने 7 मई 2025 की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' में जिन नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया उनमें मसकर रहील शाहिद 7वां था. PoJK के कोटली जिले में स्थित मसकर रहील शाहिद, हिजबुल मुजाहिदीन (HM) के एक प्रमुख आतंकी ट्रेनिंग कैंप में से एक था, जिसे भारत ने पूरी तरह नष्ट कर दिया. 

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हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी ठिकाना, टारगेट नंबर 7  कहां था?
हिजबुल मुजाहिदीन का मसकर रहील शाहिद ट्रेनिंग कैंप यह पहाड़ी क्षेत्र में घने जंगल के बीचोंबीच एक सुनसान इलाके में बनाया गया था, जहां केवल एक कच्ची पगडंडी के रास्ते पहुंचा जा सकता था. यह महुली नाला पर मीरपुर-कोटली सड़क पर बने पुल से लगभग 2.5 किमी दूर है.  यह ठिकाना भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के उन सीमावर्ती इलाकों के करीब था, जहां भारतीय सुरक्षा बल तैनात हैं, जैसे कि पुंछ, राजौरी, और अन्य LoC के साथ लगे जिले.

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चार कमरों में भरा था गोला-बारूद
यह कैंप हिजबुल मुजाहिदीन का एक पुराना आतंकी ट्रेनिंग सेंटर था. यहां बने बैरक और चार कमरों में हथियार, गोला-बारूद और आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. इसके अलावा एक अलग बिल्डिंग आतंकियों के रहने के लिए थी. इस सुनसान इलाके में बने कैंप में अलग से बिजली लाइन की व्यवस्था की गई थी. मिली जानकारी के अनुसार, इस कैंप में एक साथ 150-200 आतंकियों को ठहराने के लिए बनाया गया था और सामान्य तौर पर 25-30 आतंकी यहां मौजूद रहकर आतंकी एक्टिविटीज की निगरानी करते थे.

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मसकर रहील शाहिद आतंकी कैंप में आतंकियों को हथियार चलाने के साथ-साथ फिजिकल ट्रेनिंग दी जा रही थी. माना जाता है कि यह कैंप खासतौर पर बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) और स्नाइपिंग ऑपरेशनों के लिए ट्रेनिंग देने में माहिर था. आतंकियों को पास के पहाड़ी क्षेत्र में पहाड़ी युद्ध और सर्वाइवल ट्रेनिंग भी जाती थी. भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की प्लानिंग करने में इस कैंप का सबसे ज्यादा हाथ माना जाता है.

अबू माज और अब्दुल रहमान तैयार करते थे आतंकी
पहले हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन इस कैंप में नए आतंकियों का स्वागत करता था और ट्रेनिंग की निगरानी करता था. वर्तमान में शिविर की देखरेख अबू माज और अब्दुल रहमान को सौंपी गई थी, जो विशेष रूप से BAT ऑपरेशनों के लिए ट्रेनिंग दे रहे थे. ये ऑपरेशन भारतीय सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे थे.

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और आतंकियों के लिए बनाई जा रही थी बिल्डिंग
इस कैंप में हाल ही में कंस्ट्रक्शन का काम देखा गया था, ताकि ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को ठहराया जा सके. इसके अलावा, यहां मारे गए हिजबुल आतंकियों के पोस्टर, तस्वीरें और वीडियो रखे जाते थे, जिनका उपयोग नए आतंकियों को कट्टरपंथी बनाने और भारत के खिलाफ हिंसक ‘जिहाद’ के लिए प्रेरित करने के लिए किया जाता था.

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कई साल से भारत के निशाने पर था यह आतंकी ठिकाना
जून 2017 में अमेरिका ने हिजबुल प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (SDGT) घोषित किया, और अगस्त 2017 में अमेरिका और नवंबर 2005 में यूरोपीय संघ ने हिजबुल मुजाहिदीन को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया. इसके बावजूद, हिजबुल मसकर रहील शाहिद जैसे ठिकानों का उपयोग खुलेआम आतंकी ट्रेनिंग और भारत में हमलों की योजना बनाने के लिए करता रहा, जिसे भारत ने पहलगाम आतंकी के जवाबी हमले में मिट्टी में मिला दिया. इस ठिकाने को उड़ाकर भारतीय वायु सेना ने बड़ी कामयाबी हासिल की है.

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