टारगेट नंबर 4: सियालकोट के जिस आतंकी अड्डे से होती थी घुसपैठ, वहां इंडियन मिसाइल ने मचाई तबाही

ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया गया. यह हमला पहलगमा में हुए आतंकवादी हमले का जवाब था. इसमें भारतीय सीमा के नजदीक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित कई आतंकी ठिकाने तबाह हो गए. भारतीय सेना ने जिन 9 टारगेट पर हमला किया था. उनमें से एक पाकिस्तान के पंजाब स्थित महमूना जोया कैंप है.

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सियालकोट स्थित मेहमूना जोया आतंकी अड्डा सियालकोट स्थित मेहमूना जोया आतंकी अड्डा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (HM) की महमूना जोया फैसिलिटी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट जिले के हेड मराला क्षेत्र में कोटली भुट्टा सरकारी अस्पताल के पास स्थित है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने IB (अंतरराष्ट्रीय सीमा) और LoC (नियंत्रण रेखा) के पास सरकारी इमारतों में इस प्रकार की आतंकवादी लॉन्चिंग फैसिलिटीज स्थापित करने में मदद की है, ताकि आतंकी ढांचे को छिपाया जा सके.

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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और HM के कई अन्य कैंप बेसिक हेल्थ यूनिट्स और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की आड़ में  संचालित होती थीं, जिन्हें ISI की मदद से तैयार किया गया था. ये सारे अड्डे जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में हिजबुल आतंकियों की घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किए जाते थे. यहां आतंकी गतिविधियों और हथियारों के संचालन का प्रशिक्षण भी वरिष्ठ कमांडरों द्वारा दिया जाता था.

आतंकी इरफान टांडा चलाता है महमूना जोया कैंप 
मोहम्मद इरफान खान उर्फ इरफान टंडा हिजबुल मुजाहिदीन के महमूना जोया अड्डे का कमांडर है. इरफान टंडा ने जम्मू क्षेत्र, विशेष रूप से जम्मू शहर में कई आतंकी हमले किए हैं. 26 जनवरी 1995 को मौलाना आजाद स्टेडियम, जम्मू में किए गए श्रृंखलाबद्ध धमाकों में 8 लोग मारे गए थे और 50 घायल हुए थे. तत्कालीन राज्यपाल श्री के.वी.कृष्णा राव इस हमले में बाल-बाल बच गए थे. इस हमले को इसी आतंकी बेस से अंजाम दिया गया था. 

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इस आतंकी अड्डे से आतंकियों को दिया जाता था निर्देश
इरफान टंडा ने हिजबुल के इसी आतंकी अड्डे से कई बार घुसपैठ का नेतृत्व किया और हथियारों की तस्करी/परिवहन का जिम्मा भी संभाला. महमूना जोया के इस आतंकी अड्डे से सक्रिय रूप से कई प्रमुख हिजबुल कमांडर जुड़े हुए हैं. इनमें  अत्ता अल रहमान अलफेज़ी उर्फ अबू लाला और माज़ भाई शामिल हैं. ये दोनों आतंकी जम्मू-कश्मीर में HM आतंकियों की घुसपैठ का नेतृत्व करते थे.

इरफान घुम्मन और एक अन्य हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी भी इसी कैंप से अपनी आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करता था. उसने जम्मू-सांबा सेक्टर में भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ BAT (Border Action Team) कार्रवाई को अंजाम दिया था.

कैसा है इस आतंकी अड्डे का ढांचा
महमूना जोया फैसिलिटी एक एक-मंजिला कंक्रीट का भवन था. इसमें तीन कमरे, एक रसोईघर और एक बाथरूम शामिल थे. पास के अस्पताल की क्वार्टर्स का इस्तेमाल HM आतंकियों को ठहराने के लिए किया जाता था.

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यहां से भारतीय सीमा में घुसपैठ करते थे आतंकवादी
इस फैसिलिटी एक समय में लगभग 50 आतंकवादी रह सकते थे और आमतौर पर 20-25 आतंकी यहां मौजूद रहते थे जो घुसपैठ और भारत में आतंकी गतिविधियों की निगरानी करते थे.

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हिजबुल मुजाहिदीन पर लगा है अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध 
अमेरिका ने जून 2017 में हिज़बुल मुजाहिदीन प्रमुख और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (UJC) के चेयरमैन, सैयद सलाहुद्दीन को Specially Designated Global Terrorist (SDGT) घोषित किया. अमेरिका (अगस्त 2017) और यूरोपीय संघ (नवंबर 2005) ने हिज़बुल मुजाहिदीन को आतंकी संगठन घोषित किया है.

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इसके बावजूद, हिजबुल मुजाहिदीन अभी भी महमूना फैसिलिटी जैसी जगहों का उपयोग करके पाकिस्तान/PoJK में खुलकर आतंकी प्रशिक्षण और गतिविधियां संचालित कर रहा था. यह संगठन पाकिस्तानी सरकार के समर्थन से भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाता है.भारत सरकार ने 2002 में POTA (Prevention of Terrorism Act) के तहत हिज़बुल मुजाहिदीन को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था.

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