चीनी सैटेलाइट फोन से मिला सुराग, 14 दिन तक सर्चिंग और पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड ढेर... पढ़ें- ऑपरेशन महादेव की पूरी टाइमलाइन

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी उस समय पकड़े गए जब वे एक तंबू के अंदर झपकी ले रहे थे. यह मुठभेड़ पूर्व नियोजित नहीं थी, बल्कि संयोग से हुई थी. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के लिए यह एक आम रणनीति है कि वे लगातार घूमते रहें और थोड़ा आराम करें, यही एक वजह है कि कुछ आतंकवादी लंबे समय तक पकड़ से बच निकलते हैं.

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'ऑपरेशन महादेव' में सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को ढेर कर दिया (Photo: PTI) 'ऑपरेशन महादेव' में सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को ढेर कर दिया (Photo: PTI)

कमलजीत संधू

  • श्रीनगर,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF के साथ मिलकर 'ऑपरेशन महादेव' के तहत जम्मू-कश्मीर के लिडवास इलाके में एक अहम आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया, जिसमें 3 आतंकवादियों को मार गिराया. मारे गए आतंकियों में पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025 को हुआ था) का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ अबू सुलेमान भी शामिल है. ये ऑपरेशन सेना की चिनार कॉर्प्स की अगुवाई में चलाया गया और इसे बड़ी सैन्य सफलता के रूप में देखा जा रहा है. 'ऑपरेशन महादेव' की पूरी टाइमलाइन समझते हैं कि कैसे सुरक्षाबलों ने आतंकियों को ढेर किया.

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ये ऑपरेशन 11 जुलाई को बैसरन क्षेत्र में एक चीनी सैटेलाइट फ़ोन के एक्टिव पाए जाने के बाद शुरू किया गया था. इसके बाद सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF ने मिलकर एक सर्च अभियान शुरू किया. स्थानीय खानाबदोशों से मिली जानकारी और ख़ुफ़िया सूचनाओं ने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों की पुष्टि की.

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अहम बात ये है कि 2 दिन पहले नई कम्युनिकेशन एक्टिविटी का पता चला, जिसके बाद तलाशी अभियान तेज़ कर दिया गया. करीब 2 सप्ताह से 24 राष्ट्रीय राइफल्स, 4 पैरा, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF समेत कई टीमें दाचीगाम के जंगलों में सर्च ऑपरशन चला रही थीं. दाचीगाम में संदिग्ध आतंकवादी संचार का पता लगने के बाद ये संदेह हुआ कि कम्युनिकेशन डिवाइस का यूजर पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ा था. 

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14 दिन से निगरानी कर रहे थे सुरक्षाबल

28 जुलाई यानी सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा की एक जॉइंट टीम ने 3 आतंकियों का पता लगाया और उन्हें तुरंत ढेर कर दिया. ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के एक संयुक्त मॉड्यूल से जुड़े थे, जिस पर पिछले 14 दिन से सुरक्षाबल निगरानी कर रहे थे. 
 

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तंबू के अंदर झपकी ले रहे थे आतंकी

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी उस समय पकड़े गए जब वे एक तंबू के अंदर झपकी ले रहे थे. यह मुठभेड़ पूर्व नियोजित नहीं थी, बल्कि संयोग से हुई थी. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के लिए यह एक आम रणनीति है कि वे लगातार घूमते रहें और थोड़ा आराम करें, यही एक वजह है कि कुछ आतंकवादी लंबे समय तक पकड़ से बच निकलते हैं. ऑपरेशन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि जब 4 पैरा के जवानों ने आतंकवादियों को देखा, तो वे एक तंबू के अंदर आराम की मुद्रा में लेटे हुए थे. जवानों ने बिना देर किए तीनों को मार गिराया. 

हाशिम मूसा ने कम किया था अपना वजन

मुठभेड़ में मारे गए एक आतंकी की पहचान हाशिम मूसा उर्फ अबू सुलेमान के रूप में हुई है, जबकि अन्य दो के यासिर और हमजा उर्फ हैरिस होने का संदेह है. सूत्रों ने बताया कि हाशिम मूसा ने अपना वज़न काफ़ी कम कर लिया था, संभवतः अपना रूप बदलने और पकड़े जाने से बचने के लिए.

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