रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सैन्य ताकत और यूक्रेन युद्ध के बाद उनकी रणनीति ने यूरोप में चिंता बढ़ा दी है. कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यूक्रेन के बाद रूस बाल्टिक देशों (एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया) या पोलैंड की ओर बढ़ सकता है. लेकिन क्या रूस के पास इतने हथियार और संसाधन हैं कि वह अकेले पूरे यूरोप या नाटो से लड़ सके?
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रूस की सैन्य ताकत: तथ्य और आंकड़े
रूस दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्तियों में से एक है, विशेष रूप से परमाणु हथियारों के मामले में। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े हैं...
कमजोरियां...
यूक्रेन युद्ध का नुकसान: रूस ने यूक्रेन में 300,000 से ज्यादा सैनिक (मारे गए, घायल या लापता) और हजारों टैंक व उपकरण खो दिए हैं.
आर्थिक स्थिति: रूस का बजट घाटा 2023 में 1.8 ट्रिलियन रूबल था, क्योंकि तेल की कीमतें G7 की 60 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से नीचे रहीं.
पुराने हथियार: रूस की सेना में कई हथियार सोवियत युग के हैं, जो आधुनिक नाटो हथियारों की तुलना में कम प्रभावी हैं.
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नाटो और यूरोप की सैन्य ताकत
नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) में 31 देश हैं, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड जैसे शक्तिशाली देश शामिल हैं. यहां नाटो की ताकत के कुछ आंकड़े हैं...
पोलैंड की ताकत...
पोलैंड नाटो का सबसे बड़ा रक्षा खर्च करने वाला देश है, जो अपने जीडीपी का 4.7% (2024 में) खर्च करता है. पोलैंड की सेना में 216,100 सक्रिय सैनिक हैं. इसे 2035 तक 300,000 तक बढ़ाने की योजना है. पोलैंड ने 1,000+ टैंक और 600 तोपखाने खरीदे हैं, जो ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली की संयुक्त ताकत से ज्यादा है.
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बाल्टिक देशों की ताकत...
एस्टोनिया, लातविया, और लिथुआनिया छोटे देश हैं, लेकिन नाटो के समर्थन से उनकी रक्षा मजबूत है. लिथुआनिया 2025 में अपने जीडीपी का 5% रक्षा पर खर्च करेगा. नाटो ने 2016 से बाल्टिक देशों और पोलैंड में 4500+ सैनिक तैनात किए हैं. 2022 के बाद चार नए बैटलग्रुप जोड़े गए.
क्या रूस अकेले यूरोप से लड़ सकता है?
रूस की सैन्य ताकत प्रभावशाली है, लेकिन अकेले पूरे यूरोप या नाटो से लड़ना उसके लिए असंभव है. यहां कारण हैं...
हालांकि, रूस हाइब्रिड युद्ध (जैसे साइबर हमले, जासूसी, और प्रचार) और सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करके नाटो को कमजोर कर सकता है.
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अगला मोर्चा कहां खुलेगा: बाल्टिक या पोलैंड?
यूक्रेन युद्ध के बाद, विशेषज्ञों का मानना है कि रूस निम्नलिखित क्षेत्रों को निशाना बना सकता है...
बाल्टिक देश (एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया)
ये देश रूस और बेलारूस से सटे हैं. पहले सोवियत संघ का हिस्सा थे. पुतिन इन्हें रूस के प्रभाव क्षेत्र में मानता है. बाल्टिक देश छोटे हैं और भौगोलिक रूप से पश्चिमी नाटो से अलग-थलग हैं. रूस का कालिनिनग्राद क्षेत्र इनके पास है, जो सैन्य खतरा बढ़ाता है.
बाल्टिक देशों ने रक्षा खर्च बढ़ाया है. "बाल्टिक डिफेंस लाइन" बना रहे हैं, जिसमें बंकर, टैंक रोधी खाइयां, और ड्रैगन टीथ शामिल हैं. रूस हाइब्रिड युद्ध (जैसे 2014 में डोनबास में गैर-घोषित सैनिकों का उपयोग) के जरिए इन देशों को अस्थिर कर सकता है.
पोलैंड
पोलैंड रूस का ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्वी है और यूक्रेन का समर्थन करता है. रूस के सहयोगी कादिरोव ने पोलैंड को "डिनाज़ीफिकेशन" का अगला लक्ष्य बताया है. पोलैंड की 500 मील की सीमा रूस और बेलारूस से लगती है. अगर यूक्रेन में रूस जीतता है, तो पोलैंड अगला लक्ष्य हो सकता है.
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पोलैंड अपनी सेना को 500,000 तक बढ़ा रहा है. हर पुरुष को सैन्य प्रशिक्षण दे रहा है. यह फ्रांस के साथ परमाणु सुरक्षा समझौता भी कर रहा है. सुवालकी गैप (पोलैंड और लिथुआनिया के बीच 60 मील का क्षेत्र) रूस के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. इसे कब्जाने से बाल्टिक देश नाटो से कट सकते हैं.
गैर-नाटो देश (जैसे मोल्दोवा)...
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस पहले मोल्दोवा जैसे गैर-नाटो देश को निशाना बना सकता है, क्योंकि इसमें नाटो का अनुच्छेद 5 लागू नहीं होगा.
अगला मोर्चा कहां?
बाल्टिक देश ज्यादा जोखिम में: उनकी छोटी आबादी और रूस के करीब होने के कारण वे आसान लक्ष्य हैं. रूस हाइब्रिड युद्ध के जरिए (जैसे साइबर हमले या गैर-घोषित सैनिक) इन्हें अस्थिर कर सकता है.
पोलैंड मजबूत लेकिन जोखिम में: पोलैंड की सैन्य ताकत और नाटो की मौजूदगी इसे मजबूत बनाती है, लेकिन सुवालकी गैप और रूस की धमकियां इसे खतरे में डालती हैं.
संभावना: विशेषज्ञों का मानना है कि रूस पहले गैर-नाटो देश (जैसे मोल्दोवा) को निशाना बना सकता है. अगर रूस नाटो देश पर हमला करता है, तो बाल्टिक देश प्राथमिक लक्ष्य हो सकते हैं.
यूरोप की तैयारी
पोलैंड: हर पुरुष को सैन्य प्रशिक्षण दे रहा है. 2026 तक 100,000 रिजर्व सैनिक तैयार करेगा.
बाल्टिक देश: बंकर बना रहे हैं, रक्षा खर्च बढ़ा रहे हैं. नाटो के साथ संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं.
नाटो: बाल्टिक और पोलैंड में 8 बैटलग्रुप तैनात किए गए हैं. अमेरिका ने पोलैंड में स्थायी बख्तरबंद ब्रिगेड तैनात करने की योजना बनाई है.
ऋचीक मिश्रा