मुइज्जू का थैंक्यू कहने का तरीका! मालदीव के रक्षा मंत्रालय की बिल्डिंग पर पीएम मोदी का इतना बड़ा बैनर

माले में मालदीव का नया रक्षा मंत्रालय भवन चर्चा में है. पीएम मोदी की तस्वीर इस भवन पर भारत-मालदीव रक्षा सहयोग का प्रतीक है. भारत ने इस इमारत को बनाने में तकनीकी सहायता दी. इसमें सौर पैनल और कमांड सेंटर हैं, जो सुरक्षा और पर्यावरण को बढ़ावा देते हैं.

Advertisement
मालदीव के रक्षा मंत्रालय की इमारत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बैनर. (Photo: Maldives Defence Ministry) मालदीव के रक्षा मंत्रालय की इमारत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बैनर. (Photo: Maldives Defence Ministry)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

मालदीव की राजधानी माले में हाल ही में बना रक्षा मंत्रालय भवन आज सुर्खियों में है. इस भवन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. मालदीव में रक्षा मंत्रालय भवन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का होना भारत-मालदीव संबंधों की मजबूती और आपसी सम्मान का प्रतीक है. भारत ने मालदीव के रक्षा मंत्रालय को 72 हैवी व्हीकल भी दिए हैं. 

Advertisement

25 जुलाई 2025 को पीएम मोदी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान, जब वे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर मालदीव पहुंचे, इस भवन पर उनकी तस्वीर लगाई गई, जो भारत की बढ़ती क्षेत्रीय प्रभावशक्ति और मालदीव के साथ रक्षा सहयोग को दर्शाती है.

यह भी पढ़ें: अब भारत के दुश्मन पर ड्रोन से गिरेंगी मिसाइलें... DRDO ने किया सफल परीक्षण

यह कदम हाल के तनावों के बाद संबंधों को फिर से मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है, खासकर जब मालदीव ने भारत को First Responder मानता है. कुछ लोग इसे भारत के प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश या चीन के बढ़ते हस्तक्षेप के जवाब के रूप में भी देखते हैं.  

क्या है खास?

इस बिल्डिंग में पर्यावरण का खास ख्याल रखा गया है. इसमें सौर पैनल और बादल संग्रहण प्रणाली लगाई गई है, जो इसे पर्यावरण-अनुकूल बनाती है. भवन में कमांड सेंटर, रक्षा संचालन कक्ष और प्रशिक्षण सुविधाएं हैं, जो मालदीव की सेना को आधुनिक तकनीक से लैस करेंगे. इसकी तीन मंजिलें और ग्लास फेसेड डिज़ाइन इसे भव्य बनाता है.

Advertisement

क्यों बना यह भवन?

मालदीव ने हाल के सालों में अपनी रक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया है, भारत-चीन प्रभाव के बीच. 2023 में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार ने रक्षा बजट को दोगुना कर $50 मिलियन (लगभग 420 करोड़ रुपये) किया था. यह भवन उसी रणनीति का हिस्सा है, जो देश की समुद्री सीमाओं और पर्यटन को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है.

यह भी पढ़ें: 20 सेकंड में 40 रॉकेट दागता है... जिस वैम्पायर वेपन से कंबोडिया ने किया थाईलैंड पर हमला, उसकी जानिए ताकत

भारत के साथ रिश्ता

भारत ने इस प्रोजेक्ट में तकनीकी सहायता दी है. 2024 में भारत-मालदीव रक्षा समझौते के तहत भारतीय विशेषज्ञों ने भवन की सुरक्षा और डिज़ाइन में मदद की. मालदीव के रक्षा मंत्री ने कहा कि यह भवन हमारे देश की संप्रभुता को मजबूत करेगा. हालांकि, कुछ लोग इसे चीन के बढ़ते प्रभाव के जवाब के तौर पर देख रहे हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement