LR-LACM... रडार नहीं पकड़ पाएगा, परमाणु अटैक में भी सक्षम... तुर्की का दुश्मन ग्रीस भारत से चाहता है ये मिसाइल

भारत से ग्रीस वो मिसाइल लेना चाहता है जिससे तुर्की डर गया है. तु्र्की ने ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान की मदद की थी. अगर ग्रीस के इस मिसाइल का सौदा हो गया तो तुर्की की हालत खराब हो जाएगी. LR-LACM मिसाइल की 1500 km की रेंज, टेरेन-हगिंग क्षमता और परमाणु व पारंपरिक वॉरहेड ले जाने की विशेषता इसे एक गेम-चेंजर बनाती है.

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परीक्षण के बाद आसमान में उड़ती हुई LR-LACM मिसाइल की ये तस्वीर भारतीय वायुसेना ने ली है. (फाइल फोटोः IAF) परीक्षण के बाद आसमान में उड़ती हुई LR-LACM मिसाइल की ये तस्वीर भारतीय वायुसेना ने ली है. (फाइल फोटोः IAF)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:18 PM IST

भारत ने ग्रीस को अपनी अत्याधुनिक लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM) की पेशकश की है. यह खबर तुर्की के लिए चिंता का कारण बन गई है, क्योंकि यह मिसाइल अपनी लंबी रेंज, सटीक निशाना और रडार से बचने की क्षमता के लिए जानी जाती है. तुर्की ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था, जिसके जवाब में भारत ने यह रणनीतिक कदम उठाया है.

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LR-LACM मिसाइल क्या है?

लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LR-LACM) भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक सबसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे खास तौर पर हाई-वैल्यू टारगेट्स जैसे हवाई अड्डों, रडार स्टेशनों और कमांड सेंटर्स को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी पहली उड़ान परीक्षण 12 नवंबर 2024 को ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से सफलतापूर्वक किया गया.

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मिसाइल की विशेषताएं

  • जमीन से लॉन्च होने पर: 1500 किलोमीटर
  • नौसेना के जहाजों से लॉन्च होने पर: 1000 किलोमीटर
  • यह रेंज तुर्की के ज्यादातर हिस्सों को कवर कर सकती है, जिससे यह ग्रीस के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.
  • ये मिसाइल ने 864 KM से 1111 KM प्रतिघंटा की गति से चलती है.
  • वॉरहेड: यह मिसाइल पारंपरिक (conventional) और परमाणु (nuclear) दोनों तरह के वॉरहेड ले जा सकती है. 
  • इसका मतलब है कि यह सामान्य विस्फोटकों के साथ-साथ परमाणु हथियारों को भी ले जा सकती है, जो इसे बेहद खतरनाक बनाता है.

टेरेन-हगिंग (Terrain-Hugging) 

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यह मिसाइल जमीन के बहुत करीब, यानी लो-फ्लाइट प्रोफाइल में उड़ान भरती है, जिससे दुश्मन के रडार इसे आसानी से पकड़ नहीं सकते. यह अमेरिका की टॉमहॉक और रूस की कैलिबर मिसाइलों की तरह है, जो रडार से बचने में माहिर हैं.

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सटीकता और गतिशीलता

पिनपॉइंट एक्यूरेसी के साथ यह मिसाइल अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद सकती है. यह जटिल युद्धाभ्यास (maneuvers) करने में सक्षम है, जिससे यह तुर्की की S-400 जैसी उन्नत हवाई रक्षा प्रणालियों को चकमा दे सकती है.

लॉन्च प्लेटफॉर्म

इसे मोबाइल लॉन्चर और यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल (UVLM) से लॉन्च किया जा सकता है, जो भारतीय नौसेना के 30 युद्धपोतों पर पहले से तैनात है. इसका मतलब है कि इसे जमीन, समुद्र और हवा से भी लॉन्च किया जा सकता है.

इंजन 

मिसाइल में स्वदेशी मनिक स्मॉल टर्बोफैन इंजन (STFE) का उपयोग किया गया है, जो इसे लंबी दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता देता है.

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भारत और ग्रीस की साझेदारी

भारत और ग्रीस के बीच रक्षा सहयोग हाल के वर्षों में बढ़ा है. DEFEA 2025 रक्षा प्रदर्शनी (13-15 मई 2025, एथेंस) में भारत ने LR-LACM को दिखाया, जिसने ग्रीस का ध्यान आकर्षित किया. ग्रीक मीडिया- पेंटापोस्टाग्मा और जियोस्ट्रैटिजिका ने दावा किया कि भारत ने ग्रीस को इस मिसाइल की अनौपचारिक पेशकश की है.

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भारतीय वायुसेना प्रमुख की यात्रा: हाल ही में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ग्रीस का दौरा किया, जहां दोनों देशों ने रक्षा सहयोग पर चर्चा की. ग्रीक मीडिया के अनुसार, इस दौरान मिसाइल सौदे की बात उठी.

रणनीतिक मकसद: ग्रीस और तुर्की के बीच एजियन सागर में लंबे समय से तनाव है. ग्रीस का मानना है कि LR-LACM उसे तुर्की के खिलाफ रणनीतिक बढ़त दे सकती है, खासकर तुर्की के हवाई अड्डों और रडार सिस्टम को निशाना बनाने में.

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तुर्की की चिंता

तुर्की ने इस संभावित सौदे पर कड़ी आपत्ति जताई है. तुर्की के मीडिया आउटलेट TRHaber ने इसे "एजियन में 1000 किलोमीटर रेंज वाली मिसाइल" के रूप में प्रचारित किया, जिसका शीर्षक था, "भारत एजियन में क्रूज मिसाइल ला रहा है! वे तुर्की को निशाना बनाएंगे!"

ऑपरेशन सिंदूर का जवाब: मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर में तुर्की ने पाकिस्तान को लड़ाकू ड्रोन, नौसेना का युद्धपोत और वायुसेना के अधिकारियों की मदद दी थी. भारत इसे तुर्की के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के रूप में देख रहा है.

S-400 को चकमा: तुर्की की S-400 हवाई रक्षा प्रणाली को LR-LACM की टेरेन-हगिंग क्षमता और रास्ता बदलने की क्षमता के कारण इसे रोकने में मुश्किल हो सकती है. 

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रणनीतिक खतरा: अगर ग्रीस इस मिसाइल को तैनात करता है, तो यह तुर्की के हवाई अड्डों, रडार सिस्टम और सैन्य ठिकानों को आसानी से निशाना बना सकता है, जिससे तुर्की की रक्षा रणनीति कमजोर पड़ सकती है.

क्यों है यह सौदा महत्वपूर्ण?

भारत की रक्षा निर्यात: यह सौदा भारत की रक्षा उद्योग की ताकत को दर्शाता है. LR-LACM को मेक इन इंडिया पहल के तहत विकसित किया गया है. इसका निर्यात भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में मजबूत बनाएगा.

एजियन में शक्ति संतुलन: ग्रीस को यह मिसाइल मिलने से एजियन सागर में तुर्की के खिलाफ शक्ति संतुलन बदल सकता है.

पाकिस्तान और तुर्की गठजोड़ पर जवाब: तुर्की का पाकिस्तान के साथ गठजोड़ भारत के लिए चिंता का विषय रहा है. यह सौदा तुर्की को एक मजबूत संदेश देता है.

क्या यह सौदा पक्का है?

फिलहाल, यह पेशकश अनौपचारिक है. भारत या ग्रीस की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. ग्रीक मीडिया के दावों और तुर्की की प्रतिक्रिया के आधार पर यह खबर चर्चा में है. अगर ग्रीस इस सौदे में रुचि दिखाता है, तो यह भारत और ग्रीस के बीच रक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है.

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