Iron Beam... इजरायल ने बनाया Starwars जैसा लेजर डिफेंस सिस्टम

इजरायल का 'आयरन बीम' लेजर सिस्टम तैयार हो गया है. यह ड्रोन, रॉकेट और तोप के गोले नष्ट कर सकता है. कई सालों की मेहनत के बाद, इसे 2025 के अंत तक इजरायल डिफेंस फोर्सेस को मिलेगा. यह सस्ता और प्रभावी है, जो आयरन डोम को सपोर्ट करेगा. इससे इजरायल की हवाई रक्षा और मजबूत होगी.

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परीक्षण के दौरान टारगेट पर निशाना लगाता इजरायल का लेजर सिस्टम आयरन बीम. (Photo: IDF) परीक्षण के दौरान टारगेट पर निशाना लगाता इजरायल का लेजर सिस्टम आयरन बीम. (Photo: IDF)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:27 PM IST

इजरायल के रक्षा मंत्रालय और रक्षा कंपनी राफेल ने घोषणा की है कि 'आयरन बीम' लेजर सिस्टम का विकास पूरा हो गया है. यह सिस्टम कई सालों की मेहनत का नतीजा है. पेश किए गए वीडियो में दिखाया गया कि यह सिस्टम न सिर्फ ड्रोन और रॉकेट प्रोजेक्टाइल्स को रोकता है, बल्कि तोपखाने के गोले को भी नष्ट कर देता है. मंत्रालय ने कहा कि यह सिस्टम इस साल के अंत तक इजरायल डिफेंस फोर्सेस (IDF) को डिलीवर किया जाएगा. यह इजरायल की हवाई रक्षा को और मजबूत करेगा. 

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आयरन बीम सिस्टम क्या है?

आयरन बीम इजरायल का एक एडवांस लेजर-आधारित हवाई रक्षा सिस्टम है, जिसे 'स्ट्रॉन्ग लाइट' (हिब्रू में 'ओर एतान') भी कहते हैं. यह डायरेक्टेड-एनर्जी वेपन है, जो हाई-पावर लेजर बीम से दुश्मन के हथियारों को नष्ट करता है. यह छोटी दूरी के रॉकेट, तोपखाने के गोले, मोर्टार बम, ड्रोन और UAVs को लक्ष्य बनाता है.

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यह सिस्टम 2014 में सिंगापुर एयरशो में पहली बार पेश किया गया था. राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने इसे विकसित किया है, जिसमें एल्बिट सिस्टम्स भी पार्टनर है. अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने 2022 में अमेरिकी बाजार के लिए इसका वेरिएंट बनाने का समझौता किया.

इजरायल का रक्षा मंत्रालय (IMOD) ने इसका फंडिंग किया. यह सिस्टम इजरायल की मल्टी-लेयरड एयर डिफेंस का हिस्सा है, जैसे आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग और एरो सिस्टम.

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राफेल के चेयरमैन युवाल स्टीनिट्ज ने कहा कि राफेल का लेजर सिस्टम, जो हमारी अनोखी एडाप्टिव ऑप्टिक्स तकनीक पर बना है, आधुनिक युद्ध में क्रांति लाएगा. यह दुनिया का पहला परिपक्व लेजर इंटरसेप्शन सिस्टम है.

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विकास की कहानी: कई सालों की मेहनत

आयरन बीम का विकास 14 साल से ज्यादा समय से चल रहा है. 2016 से राफेल ने सॉलिड-स्टेट लेजर पर रिसर्च की. इजरायल के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट डायरेक्टोरेट (DDR&D) ने इसे लीड किया. 2022 में लॉकहीड मार्टिन के साथ पार्टनरशिप हुई.

पहले के प्लान में 2024 तक तैनाती का लक्ष्य था, लेकिन टेस्टिंग में देरी हुई. 2024 के अक्टूबर में गाजा युद्ध के दौरान एक स्केल्ड-डाउन वर्जन का इस्तेमाल हुआ, जिसमें 40 हिजबुल्लाह UAVs को रोका गया. लेकिन यह पूरा आयरन बीम नहीं था.

जनवरी 2024 में इजरायल के हथियार विकास प्रमुख निर वेइंगोल्ड ने कहा कि यह आयरन डोम में इंटीग्रेट होगा और लेजर या मिसाइल चुन लेगा. 2025 के अंत तक ऑपरेशनल होगा.

हाल के टेस्ट: क्या साबित हुआ?

17 सितंबर 2025 को रक्षा मंत्रालय और राफेल ने घोषणा की कि सिस्टम का विकास पूरा हो गया. दक्षिणी इजरायल में कई हफ्तों के टेस्ट हुए, जिसमें रॉकेट, मोर्टार, एयरक्राफ्ट, ड्रोन और UAVs को रोका गया. वीडियो में दिखाया गया कि लेजर बीम लक्ष्य को जला देता है.

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टेस्ट में सिस्टम की पूरी ऑपरेशनल कॉन्फिगरेशन साबित हुई. IDF के एयर फोर्स और DDR&D ने इसमें पार्ट लिया. यह 'फाइनल माइलस्टोन' था. राफेल ने कहा कि यह गेम-चेंजर है, जो मिसाइलों और UAVs को रोक सकता है. मई 2025 में राफेल ने दुनिया का पहला कॉम्बैट यूज बताया, जहां गाजा युद्ध में ड्रोन को जला दिया गया. लेकिन IDF ने कहा कि आयरन बीम के कंपोनेंट्स नहीं थे.

कैसे काम करता है आयरन बीम?

आयरन बीम लेजर बीम से काम करता है, जो लक्ष्य को गर्म करके नष्ट कर देता है. इसकी खासियत...

  • रेंज: छोटी दूरी (कुछ किलोमीटर).
  • लक्ष्य: ड्रोन, रॉकेट, तोप के गोले, मोर्टार.
  • तकनीक: एडाप्टिव ऑप्टिक्स से बीम स्थिर, फोकस्ड और सटीक रहता है.
  • कम लागत: हर इंटरसेप्शन की कीमत कुछ डॉलर ही (मिसाइल से सस्ता).

यह आयरन डोम को सपोर्ट करेगा, जो गाजा, लेबनान, यमन और ईरान से आने वाले हजारों रॉकेट रोक चुका है. IDF के 946th एयर डिफेंस बैटालियन में पहले से लेजर वर्जन इस्तेमाल हो रहा है, जिसने 35 हिजबुल्लाह ड्रोन रोके. राफेल आयरन बीम 450 का अपग्रेडेड वर्जन भी बना रहा है. नौसेना के लिए मैरिटाइम वर्जन (जहाजों पर) विकसित कर रहा है.

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IDF में तैनाती: कब और कैसे?

सिस्टम इस साल के अंत तक IDF को डिलीवर होगा. पहले सिस्टम्स एयर डिफेंस एरे में इंटीग्रेट होंगे. यह इजरायल की एयर डिफेंस को बड़ा बूस्ट देगा. मई 2025 में NIS 2 बिलियन (करीब 535 मिलियन डॉलर) का कॉन्ट्रैक्ट साइन हुआ. एक इजरायली डिफेंस अधिकारी ने कहा कि लेजर इंटरसेप्शन की लागत कम होने से एयर डिफेंस का बोझ घटेगा. यह सिस्टम युद्ध में क्रांति लाएगा.

इजरायल की सुरक्षा के लिए क्यों जरूरी?

इजरायल को हमास, हिजबुल्लाह, हूती और ईरान से लगातार रॉकेट हमले झेलने पड़ते हैं. 7 अक्टूबर 2023 से अब तक 13200+ गाजा से, 12400 लेबनान से, 60 सीरिया से, 180 यमन से और 400 ईरान से रॉकेट आए. आयरन बीम से सस्ते और तेज इंटरसेप्शन संभव होगा. यह दुनिया का पहला परिपक्व लेजर सिस्टम है, जो मिसाइलों को रोक सकता है. राफेल ने कहा कि यह लेजर डोम है, जो आयरन डोम टीम का नया आविष्कार है.

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