भारत के स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम IADWS का मुरीद हुआ चीन, बीजिंग के सैन्य विशेषज्ञ ने बताया 'बहुत बड़ी उपलब्धि'

भारत ने ओडिशा तट पर स्वदेशी IADWS का सफल परीक्षण किया है, जो सीमा सुरक्षा में क्रांति लेकर आएगा. यह बहु-स्तरीय प्रणाली को चीन से सराहा है. यह प्रणाली क्रूज मिसाइल, ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई वाले विमानों को रोकने में सक्षम है.

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भारत के हाई-पावर लेजर हथियार को चीन ने की सराहना (Photo: @rajnathsingh/X via PTI) भारत के हाई-पावर लेजर हथियार को चीन ने की सराहना (Photo: @rajnathsingh/X via PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन के साथ समय-समय पर सीमा पर झड़पें होते रहती हैं. ऐसे में भारत अपने रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में तेजी से जुटा है. कोशिश की जा रही है कि स्वदेशी उपकरणों के जरिए रक्षा प्रणाली को विकसित की जाए. इसी क्रम में भारत ने IADWS (इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस वेपन सिस्टम) का सफल परीक्षण किया है. इस परीक्षण पर दुनियाभर की निगाहें टिकी थी. चीन ने भी IADWS की प्रशांसा करते हुए इसे बड़ी उपलब्धि माना है. 

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IADWS को DRDO, अनुसंधान केंद्र इमारत (आरसीआई), उच्च ऊर्जा प्रणाली और विज्ञान केंद्र (सीएचईएसएस) ने साथ मिलकर विकसित किया है.

IADWS एक बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है. जिनमें स्वदेशी क्विक रिएक्शन सतह-से-वायु मिसाइल (QRSAM), बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइलें और हाई-पावर लेजर-आधारित डाइरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) प्रणाली शामिल हैं. इसका सफल परीक्षण शनिवार को ओडिशा के तट पर की गई थी. 

चीनी विशेषज्ञों का सबसे ज्यादा ध्यान हाई-पावर लेज़र-आधारित डाइरेक्टेड एनर्जी वेपन प्रणाली ने खींचा है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये प्रणाली महज़ कुछ ही देशों के पास है, जैसे - अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और इजरायल.

बीजिंग स्थित एयरोस्पेस नॉलेज मैगजीन के मुख्य संपादक वांग यानान ने चीन की सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा, 'भारत के IADWS सिस्टम को कम और मध्यम ऊंचाई पर उड़ने वालों को रोकने के लिए विकसित किया गया है, जैसे - क्रूज मिसाइल, ड्रोन और हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई वाले विमान. 

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यह भी पढ़ें: कई लेयर से निगरानी, लेजर गाइडेड अटैक की क्षमता... स्वदेशी IADWS एयर डिफेंस सिस्टम क्यों है खास?

चीनी विशेषज्ञ वांग ने कहा कि IADWS जैसे एयर डिफेंस सिस्टम को प्रभावी बनाने के लिए जरूरी है कि एक अत्यधिक प्रभावी सूचना प्रणाली हो. ताकि सारे डेटा को एक-साथ कलेक्ट करके संबंधित हथियारों तक पहुंचाया जा सके. नहीं तो बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली महज अकेले-अकेले काम करेगी और स्वतंत्र रूप से ज्यादा प्रभावी नहीं होगा. 

उन्होंने कहा कि QRSAM और VSHORADS तकनीकी रूप से कुछ खास नहीं है, लेकिन लेज़र सिस्टम वास्तव रक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति है. 

चीन के विशेषज्ञ की ओर से ये टिप्पणी बेहद अहम है क्योंकि चीन हाल फिलहाल में अपने रक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के लिए आधुनिक हथियारों में भारी निवेश कर रहा है. साथ ही चीन पाकिस्तान को भारी मात्रा में हथियार मुहैया कर रहा है. 

आइए समझते हैं IADWS की संरचना और कार्यक्षमता

QRSAM: यह एक तेज प्रतिक्रिया वाली सतह-से-हवा मिसाइल प्रणाली है, जो 3 से 30 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है.

VSHORADS: यह मिसाइल प्रणाली कम दूरी पर आने वाले खतरों, जैसे ड्रोन और हेलीकॉप्टर आदि, के खिलाफ प्रभावी है.

DEW: यह लेजर आधारित हथियार है, जो लाइट (प्रकाश) की गति से दुश्मन के हवाई लक्ष्यों को बहुत तेजी से नष्ट कर सकता है. इस हथियार का बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है और यह अत्यंत सटीक निशानेबाजी करता है.

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