अमेरिकी सेना ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान चलाया है. इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक रखा गया है, जो आयोवा राज्य (जिसे हॉकआई स्टेट कहा जाता है) के नाम पर है. यह हमला 13 दिसंबर को पाल्मीरा शहर में हुए ISIS हमले का बदला है, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक दुभाषिया मारे गए थे.
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इस बड़े पैमाने के हमले में 70 से ज्यादा ISIS ठिकानों को निशाना बनाया गया. इनमें आतंकियों के हथियार भंडार, बुनियादी ढांचे और लड़ाकू स्थल शामिल थे. हमले में 100 से अधिक सटीक हथियारों (प्रिसिजन म्यूनिशन्स) का इस्तेमाल किया गया.
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हमले से पहले अमेरिकी सैनिकों ने बमों और मिसाइलों पर शहीद हुए साथियों के नाम लिखे. ये नाम थे...
इसके अलावा, मिशिगन के अयाद मंसूर सकात नाम के दुभाषिया भी उस हमले में मारे गए थे. अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि ये नाम पाल्मीरा की ओर उड़ान भरते हथियारों के साथ गए. यह एक भावुक श्रद्धांजलि थी.
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इस अभियान में अमेरिकी वायुसेना और सेना के कई शक्तिशाली हवाई हथियार तैनात किए गए. मध्य पूर्व के आधारों से उड़ान भरकर इनने हमले किए...
F-15E स्ट्राइक ईगल (मल्टीरोल स्ट्राइक फाइटर)...
यह दो इंजन वाला तेज़ लड़ाकू विमान है. अधिकतम गति: 3087 km/hr. यह लंबी दूरी के बम और मिसाइल ले जा सकता है. ग्राउंड अटैक और एयर टू एयर लड़ाई दोनों में माहिर.
A-10C थंडरबोल्ट II (जिसे 'वारथॉग' भी कहते हैं)...
यह क्लोज एयर सपोर्ट के लिए विशेष विमान है. इसमें 30mm की बड़ी गन है जो टैंकों को आसानी से नष्ट कर सकती है. मजबूत बॉडी, कम ऊंचाई पर उड़ान और लंबे समय तक लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता. ISIS जैसे जमीनी ठिकानों के खिलाफ बहुत प्रभावी है.
AH-64E अपाचे (अटैक हेलीकॉप्टर)...
अमेरिकी सेना का मुख्य अटैक हेलीकॉप्टर. हेलफायर मिसाइलें, रॉकेट और 30mm चेन गन से लैस. रात में भी हमला करने की क्षमता (FLIR सिस्टम). जमीनी लक्ष्यों को करीब से नष्ट करने में माहिर.
कुछ रिपोर्ट्स में HIMARS रॉकेट आर्टिलरी और जॉर्डन के F-16 विमानों का भी सहयोग बताया गया है.
13 दिसंबर के हमले के बाद से अमेरिकी और सहयोगी बलों ने 23 से ज्यादा ISIS आतंकियों को मार गिराया या पकड़ा है. यह ऑपरेशन ISIS के बचे हुए ठिकानों को कमजोर करने का हिस्सा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यह गंभीर बदला है. सीरिया में ISIS को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है. अमेरिका अभी भी सीरिया में ISIS के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखे हुए है. यह हमला अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
ऋचीक मिश्रा