मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने परमबीर सिंह के खिलाफ जबरन वसूली, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों में 3 अलग-अलग जांच शुरू कर दी है. इसमें जितेंद्र नवलानी और पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा का नाम भी शामिल है. बता दें कि जितेंद्र नवलानी एक व्यवसायी है. संजय राउत के मुताबिक यह भी जबरन वसूली में शामिल था. वहीं पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को एंटीलिया बम केस से जुड़ी धमकी के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI ने परमबीर सिंह के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस में दर्ज पांच केस अपने हाथ में लिए थे. प्रारंभिक जांच में CBI ने परमबीर सिंह के साथ पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को भी आरोपी बनाया है. शर्मा को जांच एजेंसी ने एंटीलिया बम से जुड़ी धमकी मामले में गिरफ्तार किया था. शिकायत के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता राकेश अरोड़ा ने आरोप लगाया था कि परमबीर सिंह और प्रदीप शर्मा महाराष्ट्र के ठाणे में जुआ क्लब मालिकों से रिश्वत से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में शामिल थे.
एक अन्य मामले में सीबीआई व्यवसायी जीतू नवलानी के साथ परमबीर सिंह से पूछताछ करेगी. आरोपों के मुताबिक, परमबीर सिंह ने जीतू नवलानी के जरिए रियल एस्टेट में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा और दूसरे व्यवसायों में अवैध तरीकों से कई हजार करोड़ रुपये निवेश किए थे. नवलानी वही शख्स है, जिनका नाम शिवसेना सांसद संजय राउत ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिया था. राउत ने आरोप लगाया था कि नवलानी कारोबारी समूहों से रंगदारी वसूलने में केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों की मदद कर रहा है. तीसरी प्रारंभिक जांच परमबीर सिंह से जुड़े भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के मामले में है. आरोपों की पुष्टि करने के बाद यदि वे सही पाए जाते हैं तो सीबीआई प्रारंभिक जांच को एफआईआर में बदल सकती है.
मुनीष पांडे