कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश से कानपुर लाए जाते समय गाड़ी पलट गई थी. यूपी पुलिस ने विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया था. वर्षों पुरानी इस घटना को लेकर काफी सवाल उठे थे. यूपी की राजधानी लखनऊ में आजतक के आयोजन विकसित उत्तर प्रदेश समिट के मंच पर भी इस घटना को लेकर सूबे के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार से सवाल किया गया.
प्रशांत कुमार ने इस सवाल पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने इसकी जांच की. कुछ भी गलत नहीं मिला. उन्होंने कहा कि गाड़ी भी पलट सकती है. ऐसा थोड़ी है कि रोज गाड़ी पलट रही है. प्रशांत कुमार ने कहा कि कहने वाले कुछ भी कहते हैं. उस दिन बारिश भी हो रही थी. जो इन चीजों को लीड करता है, उसे पता है कि ये कैसा प्रॉसेस है.
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि रणभूमि में डीजीपी भी जाएंगे और सिपाही भी, सब बराबर होते हैं. आजकल तो सभी चीजें इतनी ट्रांसपैरेंट हैं कि कुछ भी आप छिपा नहीं सकते. प्रशांत कुमार ने कहा कि पहले डकैती थी, अब साइबर क्राइम हैं. सरकार की तरफ से ये सब प्राथमिकता में हैं और विभाग ने भी शासन को निराश नहीं किया है. हमारे बजट में भी वृद्धि हुई है.
प्रशांत कुमार ने गिनाए माफिया को सजा के आंकड़े
प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस का गौरवशाली इतिहास रहा है. यह चर्चा अब आम है कि पुलिस वाले बस देखते हैं और ठोकते हैं. ऐसी स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक 360 डिग्री सिस्टम है. पॉलिटिकल इच्छाशक्ति है. ऐसे माफिया, जो पिछले 30-40 साल से फल-फूल रहे हैं. हमने पिछले कुछ समय में दो लाख 20 हजार नियुक्तियां कीं. प्रशांत कुमार ने कहा कि हरेक चीज शासन के शीर्ष स्तर से मॉनिटर की जाती है. सीएम हर चीज का खयाल रखते हैं.
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उन्होंने कहा कि माफियाओं का वर्गीकरण, चिह्नित कर फील्ड में टीम दी गई. प्रशांत कुमार ने माफियाओं को हुई सजा के आंकड़े गिनाए और ऑपरेशन कन्विक्शन का भी उल्लेख किया और कहा कि इसका भी बहुत बड़ा मैसेज है. 2017 तक कोई ऐसा इकोसिस्टम नहीं था, जहां कोई इन्वेस्टर बाहर से आकर पैसा लगाए. अच्छा माहौल बना और उससे ग्रोथ का माहौल बना.
विकास दुबे के रहते नहीं लगती कोई इंडस्ट्री- अरविंद जैन
पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन ने हाफ एनकाउंटर के सवाल पर कहा कि इससे कहीं अधिक एनकाउंटर कल्याण सिंह की सरकार में हुए. खोज-खोजकर अपराधियों का एनकाउंटर हुए. उन्होंने बिकरू कांड का जिक्र करते हुए कहा कि विकास दुबे के रहते उस क्षेत्र में इंडस्ट्री नहीं लग सकती थी. पूर्व डीजीपी जैन ने कहा कि विकास दुबे ने थाने में दर्जा प्राप्त मंत्री की हत्या कर दी थी और कोई गवाही देने को तैयार नहीं था. ऐसा आतंक था उसका.
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उन्होंने कहा कि अब देखिए, उसके (विकास दुबे के) गैंग का सफाया कर दिया गया. पूर्व डीजीपी ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, उसका बड़ा अच्छा प्रभाव है. कोई गलत एनकाउंटर नहीं होना चाहिए. ये कोई चूजे के बच्चे नहीं हैं कि इन्हें पकड़ लिया, रख लिया. पूर्व डीजीपी ने कहा कि संगठित अपराध जो होता था, मैं नहीं समझता कि आज की डेट में उसका अस्तित्व बचा है उत्तर प्रदेश में.
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