दिल्ली के द्वारका जिले के मोहन गार्डन इलाके में रविवार को एक रिहायशी बिल्डिंग में बड़ा हादसा होते-होते टल गया. बिल्डिंग के अंदर LPG सिलेंडर में आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड को अलर्ट किया गया. इसी दौरान एक कांस्टेबल ने जान की परवाह किए बिना जलते सिलेंडर को बाहर निकाल कर आग पर काबू पा लिया.
डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (द्वारका) अंकित सिंह ने बताया कि मोहन गार्डन इलाके से आग लगने की PCR कॉल मिली थी. सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम के जरिए लोकल पुलिस, PCR वैन और फायर ब्रिगेड को मौके के लिए रवाना किया गया. जब पुलिस और दमकल की गाड़ियां रास्ते में थीं, तभी लोकल बीट पर तैनात कांस्टेबल अनिल कुमार मौके पर पहुंचे.
उन्होंने हालात को भांपते हुए देखा कि बिल्डिंग के अंदर फंसे लोगों के लिए गंभीर खतरा है. गैस सिलेंडर में लगी आग किसी भी वक्त धमाके में बदल सकती है. उन्होंने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए तुरंत एक्शन लिया. वो बिल्डिंग के भीतर घुसे, जलते हुए LPG सिलेंडर को बाहर निकाला और आग बुझाने में सफल रहे.
उनके इस फैसले से आग फैलने से पहले ही काबू में आ गई. सीनियर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्थिति बेहद गंभीर थी और थोड़ी सी देरी से बड़ा विस्फोट हो सकता था. इससे न सिर्फ कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी, बल्कि भारी संपत्ति नुकसान भी हो सकता था. कांस्टेबल ने असाधारण समझदारी और बहादुरी का परिचय दिया.
उनके त्वरित और साहसिक कदम से कुछ ही मिनटों में हालात सामान्य हो गए. पुलिस के मुताबिक, इस घटना में किसी के घायल होने की कोई सूचना नहीं है. आग बुझने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली और समय पर दखल के लिए कांस्टेबल अनिल का आभार जताया. ऐसे निडर और बहादुर पुलिसकर्मी की हिम्मत को सलाम.
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