MP News: ग्वालियर में एक व्यक्ति को पहले उसके ही ममेरे भाई ने बाइक और कार दिलवाई और फिर उसका 1.90 करोड़ रुपए का बीमा भी करवा दिया. इसके बाद बीमा की राशि हासिल करने के लिए ममेरे भाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर कत्ल की वारदात को अंजाम दे दिया. हैरत कर देने वाला यह मामला ग्वालियर का है.
दरअसल, ग्वालियर के मुरार इलाके में रहने वाले जगदीश जाटव की बॉडी 19 अक्टूबर को शीतला माता मंदिर रोड पर एक खेत में पड़ी हुई मिली थी. इसकी जानकारी मिलने पर आंतरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने शव की शिनाख्त करवाई और इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाते हुए मामले की जांच शुरू कर दी.
पुलिस ने सबसे पहले मृतक के फोन कॉल डिटेल निकाली. कॉल डिटेल से पुलिस को इस बात की जानकारी मिली कि मृतक की मौत से पहले उसके मोबाइल फोन पर एक ही नंबर से 9 बार बात हुई है. जिस फोन पर मृतक की 9 बार बात हुई उस फोन की डिटेल पुलिस ने खंगालना शुरू कर दी. मालूम हुआ कि जिस नंबर की तलाश पुलिस कर रही थी, उस नंबर पर भी किसी दूसरे मोबाइल फोन पर लगातार कई बार बात हुई है. जिस मोबाइल नंबर पर मृतक की 9 बार बात हुई थी, वह मोबाइल नंबर तो चोरी का निकला. लेकिन चोरी के मोबाइल से जगदीश के अलावा जिस दूसरे नंबर पर बात हुई वह व्यक्ति मृतक का ममेरा भाई अरविंद निकला.
यह क्लू मिलते ही पुलिस ने मृतक के रिश्तेदार को उठा लिया. रिश्ते में मृतक के ममेरे भाई अरविंद जाटव को जब पुलिस ने उठाकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने इस बात को कबूल किया कि उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर जगदीश जाटव की हथौड़ा मार कर हत्या की है. इसकी प्लानिंग अरविंद जाटव पिछले तीन महीने से कर रहा था.
मामले का खुलासा करते हुए ग्वालियर एसपी राजेश सिंह चंदेल ने मीडिया को बताया कि पुलिस पूछताछ में अरविंद ने कबूल किया है कि जगदीश जाटव के आगे पीछे रोना वाला कोई नहीं था. जगदीश जाटव दुनिया में अकेला था और इसी बात का फायदा अरविंद ने उठाया.
अरविंद ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर जगदीश को एक कार और एक मोटरसाइकिल दिलवा दी. इसके बाद इन दोनों वाहनों का बीमा भी करवाया. एक स्कीम के तहत महज ₹3500 में जगदीश जाटव का 50 लाख रुपए का बीमा पंजाब नेशनल बैंक में हो गया. इसके बाद अरविंद के साथी अमर और बलराम ने मिलकर जगदीश जाटव का रिलायंस कंपनी में एक करोड़ रुपए का बीमा करवा दिया.
इतना ही नहीं, एचडीएफसी बैंक की ग्रुप पॉलिसी में भी 40 लाख रुपए का बीमा करवा दिया. इस तरह जगदीश जाटव का कुल 1 करोड़ 90 लाख रुपए का बीमा करवा दिया गया. इसी बीमा की रकम को हासिल करने के लिए अरविंद ने अपने साथी अमर और बलराम के साथ मिलकर जगदीश जाटव की हत्या करने की प्लानिंग की.
अरविंद ने जगदीश को पहले नशे की गोलियां खिला दी जिससे जगदीश बेसुध हो गया. इसके बाद अरविंद ने अपने साथियों के साथ मिलकर जगदीश के सीने और सिर पर हथौड़े से कई बार किए जिससे जगदीश की मौत हो गई. इसके बाद जगदीश के बॉडी को ले जाकर आंतरी इलाके में एक खेत में फेंक दिया.
पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए जगदीश जाटव के हत्या के मामले में जगदीश के ममेरे भाई अरविंद जाटव और उसके एक साथी अमर जाटव को गिरफ्तार कर लिया है जबकि इस मामले का तीसरा आरोपी अभी फरार चल रहा है.
हेमंत शर्मा