मूसेवाला-बाबा सिद्दीकी मर्डर, सलमान के घर हमले से कनेक्शन, लॉरेंस का भाई... अनमोल बिश्नोई की कुंडली

लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद भारतीय एजेंसियों ने राहत की सांस ली है. मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के साथ उसका कनेक्शन और सलमान खान के घर पर फायरिंग की साजिश में उसका नाम होना, उसकी गिरफ्तारी की अहमियत को दर्शाता है.

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NIA, दिल्ली पुुलिस और पंजाब पुलिस अनमोल से पूछताछ करना चाहती हैं (फोटो-ITG) NIA, दिल्ली पुुलिस और पंजाब पुलिस अनमोल से पूछताछ करना चाहती हैं (फोटो-ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और वॉन्टेड गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई अब भारत लाया गया है. अमेरिका में ट्रांजिट डिटेंशन के बाद उसे सीधे भारतीय एजेंसियों के हवाले कर दिया गया. भारत पहुंचते ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उसे अपनी कस्टडी में ले लिया. अनमोल पर NIA ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. वह ऑर्गनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट केस का वांटेड आरोपी है, जो वसूली, टारगेट किलिंग और इंटरनेशनल मॉड्यूल चलाने में अहम भूमिका निभाता रहा है.

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मूसेवाला से बाबा सिद्दीकी मर्डर केस तक
अनमोल का नाम कई हाई-प्रोफाइल वारदातों में सामने आया है. उस पर NCP नेता बाबा सिद्दीकी, सिद्धू मूसेवाला और सलमान खान के घर फायरिंग जैसे मामलों की साजिश रचने का आरोप है. NIA की पूछताछ पूरी होने पर उसे दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को सौंपा जाएगा. कई राज्यों में उसके खिलाफ दर्ज मामलों को देखते हुए एजेंसियों की लाइन लगी है.

लॉरेंस गैंग का बड़ा नेटवर्क
देशभर में लॉरेंस बिश्नोई की क्राइम कंपनी का नेटवर्क फैला है. इसके ऑपरेटिव 13 राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, बंगाल, एमपी, गुजरात, चंडीगढ़, हिमाचल और उत्तराखंड में फैले हैं. वहीं विदेश में नेटवर्क कनाडा, अमेरिका, पुर्तगाल, दुबई, अजरबैजान, फिलीपींस और लंदन तक सक्रिय बताया जाता है. यही कारण है कि अनमोल सालों तक पकड़ से बाहर रहा.

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गैंग का डिजिटल ऑपरेशन और वर्चुअल सिस्टम
बिश्नोई गैंग का पूरा ऑपरेशन डिजिटल मॉडल पर चलता है. हर गतिविधि वर्चुअल नंबरों, VPN और सिग्नल ऐप के जरिए होती है. गैंग के करीब 1000 सक्रिय सदस्य हैं और हर शख्स केवल अपने अगले एक व्यक्ति को जानता है. एक टारगेट पर 7–8 अलग-अलग लेयर्स में काम होता है जैसे रैकी, वसूली, हथियार सप्लाई, शेल्टर, फायरिंग और बैकअप. इस मल्टी-लेयर सिस्टम की वजह से पुलिस किसी एक आरोपी से पूरी संरचना नहीं जान पाती.

वफादारी बनाए रखने का फॉर्मूला
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की सबसे बड़ी ताकत उसकी ‘लॉयल्टी मैनेजमेंट’ रणनीति है. किसी सदस्य को आर्थिक संकट या पारिवारिक दिक्कत हो, तो गैंग उसकी मदद करता है. लॉरेंस जेल में बैठकर भी कैश और सपोर्ट उपलब्ध करवाता रहा. इसी वजह से इसके गैंग में भगोड़े, शूटर और फाइनेंसर बिना टूटे जुड़े रहते हैं.

अनमोल की सुरक्षा, नया सिरदर्द
अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद उसकी सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है. हाल ही में दुबई में बिश्नोई गैंग के एक फाइनेंसर की हत्या के बाद गैंगवार और बढ़ गया है. भारत की तिहाड़, साबरमती, राजस्थान और पंजाब की जेलों में विरोधी गिरोह के कई सदस्य पहले से बंद हैं, जिससे अनमोल पर खतरा बना रहेगा.

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किस जेल में रखा जाएगा अनमोल?
सबसे बड़ा सवाल है कि विभिन्न राज्यों की कस्टडी पूरी होने के बाद अनमोल को किस जेल में शिफ्ट किया जाएगा. क्या वह साबरमती जेल में अपने भाई लॉरेंस के पास रहेगा या दिल्ली की हाई-सिक्योरिटी तिहाड़ जेल में? सुरक्षा एजेंसियां उसकी लोकेशन को बेहद गोपनीय रख रही हैं, क्योंकि विरोधी गिरोह लगातार बिश्नोई गैंग को निशाना बनाते हैं.

मुंबई पुलिस की कस्टडी
मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की हत्या में अनमोल को मुख्य साजिशकर्ता ठहराया है. चार्जशीट में बताया गया कि शूटर्स की व्यवस्था, हथियारों की सप्लाई और पूरी प्लानिंग अनमोल ने विदेशी जमीन पर बैठकर की थी. आरोपी शूटरों ने भी पूछताछ में उसका नाम लिया था. यह केस इतना संवेदनशील है कि मुंबई पुलिस उसकी रिमांड के लिए NIA और दिल्ली पुलिस के बाद लाइन में खड़ी है.

मूसेवाला हत्याकांड में मुख्य आरोपी है अनमोल
सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में पंजाब पुलिस अनमोल की कस्टडी चाहती है. साल 2023 में NIA और पंजाब पुलिस ने अनमोल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. मूसेवाला पर घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी घटना के तुरंत बाद अनमोल और गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया पर ली थी. मामला पंजाब पुलिस की प्राथमिकता में है.

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सलमान खान के घर फायरिंग में भूमिका
अप्रैल 2024 में मुंबई के गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर सलमान खान के घर फायरिंग मामले ने बॉलीवुड और सुरक्षा एजेंसियों को हिला दिया था. दो बाइक सवार शूटरों ने तड़के कई राउंड फायरिंग की. हमले के बाद अनमोल बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर इसका जिम्मा लिया था. इस केस में मुंबई पुलिस ने उसके खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज कर रखा है और उसकी रिमांड चाहती है.

कैसे पकड़ा गया अनमोल?
अनमोल फर्जी पासपोर्ट पर अमेरिका पहुंचा था. लॉस एंजेलिस एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन जांच में उसके दस्तावेज संदिग्ध लगे. ‘भानू’ नाम से बनाए गए फर्जी पासपोर्ट और कंपनी लेटर में विसंगतियां मिलने पर उससे पूछताछ की गई. इसी दौरान खुलासा हुआ कि वह भारत का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई है. अमेरिकी एजेंसियों ने तुरंत FBI के जरिए भारत को सूचना दी और उसका ट्रांजिट डिपोर्टेशन शुरू हुआ.

अनमोल की क्राइम कुंडली
अनमोल बिश्नोई के खिलाफ 18 नहीं बल्कि 32 से ज्यादा केस दर्ज हैं. अकेले राजस्थान में उसके खिलाफ 20 से अधिक FIR दर्ज हैं. उस पर टारगेट किलिंग, एक्सटॉर्शन, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट और मर्डर की साजिश जैसे गंभीर आरोप हैं. वह पहले जोधपुर जेल में सजा काट चुका है और साल 2021 में रिहा होने के बाद फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भाग गया था. अब उसकी गिरफ्तारी को पिछले एक दशक की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है.

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