राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के एक गुरुकुल में बाल शोषण का मामला सामने आया है, जहां एक शिक्षक और सह वार्डन पर बिस्तर गीला करने पर लगभग 10 और 11 साल के दो बच्चों को गर्म लोहे की छड़ से दागने का आरोप लगा है. उन्हें खौफनाक सजा अनुशासित बनान के नाम पर दी गई. पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
पीटीआई के मुताबिक, यह घटना 17 अगस्त को सेड़वा क्षेत्र के हरपालिया गांव में हरपालेश्वर महादेव विकास सेवा समिति द्वारा संचालित एक गुरुकुल में हुई. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, साल 2022 से संचालित इस गुरुकुल में गरीब, खानाबदोश और अनाथ परिवारों के बच्चे रहते हैं.
जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब एक बच्चा रात में गुरुकुल से भाग गया और अपने परिवार को यातना के बारे में बताया. बात यहीं खत्म नहीं हुई, इसके बाद बच्चों के साथ दरिंदगी किए जाने का एक वीडियो वायरल हो गया.
उस वायरल वीडियो में बच्चों के जलने के घावों और दुर्व्यवहार की कहानी भी सामने आ गई. वीडियो वायरल होने के बाद, गुस्साए लोगों की भीड़ गुरुकुल संस्थान के बाहर इकट्ठा हो गई और कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगी.
चौहटन के पुलिस उपाधीक्षक (DSP) जीवनलाल खत्री ने पुष्टि करते हुए बताया कि भरतपुर निवासी और गुरुकुल के वार्डन-सह-शिक्षक नारायण गिरि को हिरासत में ले लिया गया है. उसके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की तैयारी है.
डीएसपी जीवनलाल खत्री ने आगे बताया कि एक वायरल वीडियो में बच्चों ने आरोप लगाया है कि उन्हें गर्म छड़ से दागा गया है. इसके बाद, हमने आरोपी सह वार्डन नारायण गिरि को हिरासत में ले लिया है.
खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) प्रकाश चंद विश्नोई ने बताया कि इस मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. जांच के लिए एक समिति गठित की गई है. हमने गुरुकुल का दौरा किया है, बच्चों, उनके अभिभावकों और कर्मचारियों से बातचीत की है. रिपोर्ट जल्द ही सौंप दी जाएगी.
प्रारंभिक जांच के अनुसार, आरोपी ने बच्चों को सोते समय बिस्तर गीला करने के बाद गर्म लोहे की छड़ से दागा. जांच से परिचित एक अधिकारी ने बताया कि बच्चों ने शारीरिक हमले और उन्हें चुप कराने की धमकियों का भी आरोप लगाया है.
इसी मामले संबंधित एक वायरल वीडियो में ग्रामीणों ने वार्डन पर पहले भी उन पर लाठियों से हमला करने का आरोप लगाया है. अधिकारियों ने कहा कि जांच में यह भी देखा जाएगा कि क्या गुरुकुल की उचित निगरानी की जा रही थी?
इस बीच, अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने लापरवाही का दोषी पाए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई और गुरुकुल को बंद करने की मांग की है.
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