मुंबई के कॉलेज फंक्शन में 9 छात्राओं से छेड़छाड़, आरोपी प्रोफेसर को अग्रिम जमानत

मुंबई में कॉलेज फंक्शन के दौरान छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे गेस्ट प्रोफेसर को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. प्रोफेसर ने आरोपों को गलतफहमी बताया, जबकि पुलिस ने अपराध को गंभीर बताते हुए जमानत का विरोध किया.

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आरोपी प्रोफेसर को गेस्ट के तौर पर कॉलेज में बुलाया गया था. (Photo: Representational) आरोपी प्रोफेसर को गेस्ट के तौर पर कॉलेज में बुलाया गया था. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:35 PM IST

मुंबई के एक कॉलेज के सालाना कार्यक्रम से जुड़ा छेड़छाड़ का मामला अब कोर्ट तक पहुंच चुका है. शहर की एक अदालत ने छात्राओं से छेड़छाड़ और गलत व्यवहार करने के आरोप में फंसे गेस्ट प्रोफेसर को अग्रिम जमानत दे दी है. सोमवार को एडिशनल सेशंस जज रूपाली पवार ने आरोपी की एंटीसिपेटरी बेल याचिका मंजूर कर ली. 

हालांकि कोर्ट का विस्तृत आदेश अभी सामने नहीं आया है. ये मामला आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. आरोपी को 24 नवंबर को कॉलेज के इवेंट में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर आमंत्रित किया गया था. आरोप है कि इवेंट के दौरान प्रोफेसर ने नौ छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की थी. उसने बहाना बनाकर उन्हें गलत तरीके से छुआ.

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इतना ही नहीं, शिकायत में यह भी कहा गया है कि आरोपी ने एक रिटायर्ड महिला प्रोफेसर के साथ भी अनुचित व्यवहार किया. इसके अलावा, कुछ छात्राओं की सहमति के बिना उनके साथ सेल्फी लेने का भी आरोप लगाया गया है. कॉलेज प्रिंसिपल की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

उस पर भारतीय न्याय संहिता के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने से जुड़ी धाराएं लगाई हैं. इसके बाद प्रोफेसर ने कोर्ट का रुख करते हुए अग्रिम जमानत की मांग की थी. अपनी याचिका में उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ दर्ज मामला किसी तरह की गलतफहमी या निजी रंजिश का नतीजा हो सकता है. 

उन्होंने यह भी कहा कि FIR पांच दिन की देरी से दर्ज की गई, जो संदेह पैदा करती है. अपनी याचिका में प्रोफेसर के 35 साल पुराने करियर का हवाला दिया गया. दावा किया गया कि उन्हें हजारों कॉलेजों में गेस्ट लेक्चरर के तौर पर बुलाया गया, लेकिन कभी कोई शिकायत सामने नहीं आई. उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है.

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वहीं, पुलिस ने कोर्ट में जमानत का विरोध किया. पुलिस ने दलील दी कि मामला महिलाओं से जुड़ा और गंभीर प्रकृति का है. पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपी और पीड़ित अलग-अलग समुदाय से हैं, जिससे साम्प्रदायिक तनाव पैदा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. इस मामले की जांच फिलहाल जारी है.

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