दिल्ली के गोविंदपुरी में हुए रौशन हत्याकांड में शामिल पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बीते गुरुवार रात पर्वती एकता कैंप में एक 23 वर्षीय युवक रोशन खून से लथपथ पड़ा मिला. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस रात को 9.52 बजे घटनास्थल पर पहुंची. रोशन को एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
इस मामले की जांच के दौरान एकतरफा प्यार का मामला सामने आया. रोशन किसी लड़की में पसंद करता था. ये बात प्रिंस वर्मा को नागवार गुज़री. उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रोशन की हत्या कर दी. इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी.
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पूरे मामले का खुलासा हो गया. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा था कि हमले में पांच लोग शामिल थे. पुलिस ने तुरंत तकनीकी विश्लेषण शुरू किया. फोन लोकेशन, संदिग्ध मूवमेंट और स्थानीय नेटवर्क की मदद से पुलिस ने इस मामले में पहला बड़ा सुराग तलाश कर लिया.
14 नवंबर की रात पुलिस ने दो आरोपियों प्रिंस वर्मा और अमन उर्फ बुद्धा को पकड़ लिया. दोनों का मूवमेंट और भागने का पैटर्न तकनीकी सर्विलांस में सामने आ गया था. पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि तीन आरोपी नीरज (18), आशीष (18) और अंगद (19) भी वारदात में शामिल थे. उनको अलग-अलग ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस की पूछताछ में प्रिंस ने खुलासा किया कि रोशन उसकी प्रेमिका में दिलचस्पी दिखा रहा था. वह इससे बेहद खफा था. इसवजह से उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रोशन को रोककर उससे पूछताछ करने की योजना बनाई. लेकिन दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि झगड़ा शुरू हो गया. इसके बाद प्रिंस ने चाकू निकालकर सीधे वार कर दिया.
आरोपियों का प्रोफाइल भी चौंकाने वाला है. प्रिंस अपने पिता के साथ ट्रक ड्राइवर का काम करता है. नीरज, आशीष और अंगद दिहाड़ी मजदूर हैं. पुलिस रिकॉर्ड में इनका कोई पुराना क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं मिला है. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल चाकू बरामद कर लिया है. पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या यह हमला सुनियोजित था या फिर त्वरित गुस्से का नतीजा.
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