दिल्ली ब्लास्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. लाल किले के पास में हुए धमाके के दौरान कार में बैठा शख्स आतंकी डॉ उमर मोहम्मद था. डीएनए टेस्ट में आतंकी डॉ उमर मोहम्मद और उसकी मां का सैंपल 100 परसेंट मैच कर गया है. इस धमाके में आतंकी उमर मोहम्मद के चिथड़े-चिथड़े उड़ गए. धमाके के बाद कार में उमर मोहम्मद के शरीर के कुछ टुकड़े जली हुई अवस्था में मिले थे. इस वजह से जांच एजेंसियों के लिए टेररिस्ट उमर मोहम्मद की पहचान को स्थापित करना मुश्किल हो गया था.
पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि लाल किला विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए नमूनों के डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई है कि आतंकी डॉ. उमर उस कार को चला रहा था जिसमें धमाका हुआ था.
उमर की मां के डीएनए नमूने मंगलवार को पुलवामा से एकत्र किए गए और जांच के लिए यहां दिल्ली भेजे गए. विस्फोट स्थल से एकत्र किए गए अवशेषों, बॉडी पार्ट्स के साथ उनका भी विश्लेषण किया गया.
इसके बाद बताया गया कि, "डीएनए परिणामों से पुष्टि होती है कि वास्तव में उमर ही वह कार चला रहा था."
दिल्ली धमाके में अबतक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से कल तक 9 व्यक्तियों की पहचान की जा चुकी थी. अब आतंकी उमर मोहम्मद के शव की पहचान हो जाने से कुल 10 लोगों की पहचान हो चुकी है. उमर के शव का कुछ हिस्सा कार में क्षत-विक्षत हालत में मिला था.
अब 2 शव के नाम पर जांच एजेंसियों के पास बॉडी पार्ट्स ही हैं. इनकी हालत इतनी खराब है कि बिना डीएनए टेस्ट के पहचान की पुष्टि नहीं की जा सकती है.
डॉ उमर इस ब्लास्ट का मुख्य किरदार है. फरीदाबाद में विस्फोटकों की बरामदगी के बाद डॉ उमर वहां से फरार हो गया था. नई जानकारी के मुताबिक उमर फरीदाबाद से फरार होकर मेवात होते हुए फिरोजपुर झिरका पहुंचा था. फिर वह वापस दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस से दिल्ली की तरफ आ रहा था. उसने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर एक ढ़ाबे पर रात गुजारी थी. वह रात में भी कार में सोया. इसके बाद वह दिल्ली-मुंबई हाइवे से होते हुए वापस वाया फरीदाबाद होकर दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर से घुसा. आतंकी उमर दिल्ली-मुबई एक्सप्रेस वे पर सीसीटीवी कैमरों में कैद हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक ने उमर ने सफेद रंग की i20 कार को धमाके से 11 दिन पहले खरीदा था. धमाके के बाद इसी कार में उसके शरीर के टुकड़े मिले थे. इसके बाद एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से डॉ उमर मोहम्मद की मां का DNA सैंपल लिया. उन्होंने इस सैंपल का मिलान कार में मिले शव के टुकड़े से किया जो 100 फीसदी मैच कर गया. इसके साथ ही ये साबित हो गया है कि कार में धमाके के साथ ही आतंकी डॉ उमर मोहम्मद मारा गया है.
DNA जांच से कैसे स्थापित होती है पहचान
डीएनए यानी कि डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA) एक अणु है जो सभी जीवित कोशिकाओं में पाया जाता है और उसमें आनुवंशिक जानकारी यानी जेनेटिक कोड संग्रहित रहता है. ये एक तरह से किसी भी व्यक्ति का पहचान पत्र जैसा होता है. इसमें उसकी जेनेटिक सूचनाएं होती हैं.
डीएनए टेस्ट से पहचान इसलिए स्थापित हो जाती है क्योंकि हर व्यक्ति का डीएनए यूनिक होता है. जैसे एक बारकोड नंबर. डीएनए टेस्ट के दौरान ब्लड, टिश्यू या गाल के अंदरूनी हिस्से (cheek swab) से सैंपल लिया जाता है, इसमें डीएनए को अलग करके उसकी संरचना या पैटर्न को निर्धारित किया जाता है. फिर उस पैटर्न को संबंधित व्यक्ति (जैसे माता-पिता, भाई, शव आदि) के डीएनए के साथ मैच किया जाता है.
DNA टेस्ट फॉरेंसिक साइंस का एक प्रमुख अंग है. यह जले हुए या क्षत-विक्षत शवों की पहचान के लिए विशेष रूप से उपयोगी है. यह प्रक्रिया स्ट्रैंडर टेस्ट (STR - Short Tandem Repeat) profiling पर आधारित है, जिसमें DNA के विशिष्ट क्षेत्रों की तुलना की जाती है.
DNA टेस्ट की प्रक्रिया
कार के मलबे से जले हुए अवशेष (जैसे हड्डी के टुकड़े, दांत, या मांस के अवशेष) इकट्ठे किए जाते हैं. दिल्ली ब्लास्ट में ड्राइवर सीट से मिले अवशेषों का सैंपल लिया गया. इसमें मांस के टुकड़े और बॉडी पार्ट्स थए.
इसके बाद संदिग्ध के परिवार से रेफरेंस सैंपल लिया गया. इस केस में आतंकी डॉ उमर मोहम्मद की मां से सैंपल लिया गया. इस सैंपल को कड़ी सुरक्षा और विशिष्ट निगरानी के बीच पुलवामा से दिल्ली भेजा गया. दिल्ली में ही DNA टेस्टिंग हुई.
ब्लास्ट से पैदा हुई गर्मी (1000 डिग्री सेल्सियस से ज्याजा तापमान) कई बार DNA को तोड़ देती है. लेकिन हड्डी के मिनरल से सुरक्षित DNA मिल जाता है. इसी वजह से दिल्ली ब्लास्ट में कई बॉडी पार्ट्स के नमूने लिए गए थे.
लैब में सैंपल को रसायनों से धोकर कोशिकाओं से DNA अलग किया जाता है. DNA हमारे शरीर की हर कोशिका में होता है.
DNA बहुत कम होता है, इसलिए मशीन से इसे लाखों-करोड़ों बार कॉपी किया जाता है.
इसके बाद प्रोफाइल बनाने की बारी आती है. सैंपल बनाने के बाद दोनों प्रोफाइल की तुलना की जाती है. अगर दोनों सैंपल पूरी तरह मैच हो तो 100% पक्का है कि दोनों एक दूसरे के रिश्तेदार हैं.
आतंकी डॉ उमर मोहम्मद के केस में इसका डीएनए उसकी मां के डीएनए से 100 मैच कर गया.
अरविंद ओझा