Karnataka: मंगलुरु में महिला को 'डिजिटल अरेस्ट' कर साइबर ठगों ने लूटे तीन करोड़ रुपए

कर्नाटक के मंगलुरु में 40 साल की एक महिला के साथ 3.16 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है. आरोपियों ने महिला को 'डिजिटल अरेस्ट' करके पैसे लूटे हैं. पीड़िता ने साइबर आर्थिक और नारकोटिक्स अपराध (सीईएन) पुलिस स्टेशन में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • मंगलुरु ,
  • 07 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

कर्नाटक के मंगलुरु में 40 साल की एक महिला के साथ 3.16 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है. आरोपियों ने महिला को 'डिजिटल अरेस्ट' करके पैसे लूटे हैं. पीड़िता ने साइबर आर्थिक और नारकोटिक्स अपराध (सीईएन) पुलिस स्टेशन में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है. साइबर पुलिस ने मनी ट्रांजेक्शन को ट्रैक करते हुए इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
 
जानकारी के मुताबिक, महिला के पास 6 जून को एक शख्स ने कॉल किया. उसने खुद को राष्ट्रीय अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) का अफसर बताया. उसने महिला से कहा कि उसके पति के नाम पर पंजीकृत एक सिम कार्ड का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. इसके बाद महिला को भरोसे में लेने के लिए कई लोगों ने फर्जी अधिकारी बनकर बात किया.

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महिला जब उनके झांसे में पूरी तरह आ गई, तो एक ठग सरकारी वकील बनकर उसके सामने आया. उसने मदद की बात कहते हुए कानूनी प्रक्रिया के पालन के लिए जरूरी पैसों की मांग की. इसके बाद एक हफ्ते के अंदर ठगों ने व्यक्तिगत और बैंक से जुड़ी जानकारी एकत्र करने के बाद पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा. ठगों ने पीड़िता से यह भी कहा कि सत्यापन के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे.

महिला द्वारा दी गई शिकायत में कहा गया है कि 10 से 27 जून के बीच आरोपी द्वारा बताए गए विभिन्न बैंक खातों में उसने 3.16 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए. लेकिन कुछ दिनों तक जब उसके पैसे वापस नहीं मिले, तो महिला को ठगे जाने का एहसास हुआ. इसके बाद उसने अपने बच्चों को ये बात बताई. बच्चे भी हैरान रह गए. उन्होंने अपनी मां को तुरंत एनसीआपी से संपर्क करने के लिए कहा.

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साइबर सेल की टीम इस मामले की जांच में जुटी है. बताते चलें कि पुलिस ने लोगों को कई बार चेतावनी देते हुए कहा है कि वे सीबीआई, ईडी या पुलिस अधिकारी बनकर आने वाले अज्ञात कॉल करने वालों को जवाब देते समय सावधान रहें. ऐसे ठग लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके उनके पैसे लूट लेते हैं. किसी व्यक्ति की डिजिटल मौजूदगी को नियंत्रित करने और लूटने के लिए डर का फायदा उठाते हैं.

साल 2024 में साइबर ठगी के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आए थे. बीते एक साल में साइबर ठगों ने 22811.95 करोड़ रुपए लोगों से लूट लिए.इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर के अनुसाल पिछले साल 19.18 लाख साइबर ठगी के मामले दर्ज किए गए थे. इस तरह इन आंकड़ों के साथ अपना देश दुनिया के सबसे ज्यादा साइबर ठगी के शिकार होने वाले देशों में शामिल हो गया था.

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