PF का 'गेम ओवर'? फिर कौन घर खरीदारी, बीमारी या बच्चों की शादी में बनेगा सहारा

PF New Rules: पीएफ की सबसे खास बात यह थी कि इसे आसानी से नहीं निकाला जा सकता था. कुछ इमरजेंसी मौकों पर ही कोई एम्‍प्‍लाई इस पैसे को हाथ लगाने के लिए उठापटक करता था. लेकिन, अब पीएफ के नियमों में पैसे निकालने की प्रक्रिया को बैंक की तरह आसान बनाया जा रहा है, और यही सबसे ज्‍यादा चिंताजनक है.

Advertisement
अब पीएफ अमाउंट को कौन संयोज कर रखेगा? (Photo: ITG) अब पीएफ अमाउंट को कौन संयोज कर रखेगा? (Photo: ITG)

अमित कुमार दुबे

  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:20 PM IST

हमारे देश में अधिकतर लोग रिटायरमेंट फंड को लेकर गंभीर नहीं हैं. पेंशन की व्यवस्था पर ज्यादातर नौकरी-पेशा लोग तो चर्चा ही नहीं करते, क्योंकि वो इसके प्रत‍ि न तो जागरुक है और न ही उन्हें इसकी पूरी जानकारी है. इसे आप पढ़े-लिखे लोगों की समस्या कहें या मजबूरी, लेकिन सच यही है. रिटायरमेंट फंड और पेंशन को लेकर सबसे ज्यादा उदासीनता तो प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों में है.

Advertisement

दरअसल, प्राइवेट नौकरी वालों के लिए PF का अमाउंट एक बड़ा सहारा होता है. छोटी-छोटी राशि हर महीने जुड़कर एक बड़ा फंड बन जाता है. प्राइवेट जॉब करने वालों के ल‍िए तो उनके लिए PF का पैसा मुसीबत का साथी होता है. नौकरी छूट गई तो PF के पैसे से आर्थिक चुनौतियां थोड़ी कम हो जाती हैं. परिवार में कोई बीमार है, कर्ज लेने से अच्छा है कि PF का पैसा निकालकर इलाज करवा लेते हैं. बच्चों की पढ़ाई या शादी में पैसे कम पड़ रहे हैं, तो PF अकाउंट से निकाल लेते हैं. घर खरीदना है, पीएफ खाते में वर्षों से पड़ी जमापूंजी को निकाल लेते हैं. देश में अधिकतर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए PF के पैसे मौजूदा दौर में सबसे ज्यादा इन्हीं कामों में इस्तेमाल हो रहे हैं. यहां गौरतलब है क‍ि देश में जब सबसे अधिक लोग प्राइवेट जॉब करते हैं.

Advertisement

PF में बड़े बदलाव की तैयारी

आज PF राशि पर चर्चा का मूल कारण सरकार का नया कदम है. सरकार कह रही है कि चंद महीने के बाद से आप चुटकी में पीएफ फंड को निकाल सकते हैं, प्रक्रिया आसान हो जाएगी. EPFO खातों को UPI और ATM से लिंक कर दिया जाएगा. ये सबकुछ मार्च-2026 तक पूरा होने का दावा किया जा रहा है. PF निकासी प्रक्रिया को आसान बनाना अच्छी बात है. क्योंकि लोगों को अभी भी PF अमाउंट निकालने में परेशानी होती है. सरकार का कहना है कि जिस तरह से लोग अपने बैंक खाते से पैसे निकाले हैं, ठीक उसी तरह की व्यवस्था PF फंड को निकालने के लिए कर दी जाएगी, इसपर काम तेजी से चल रहा है. 

यानी डिजिटल युग में PF खाते से पैसे निकालना तो बेहद आसान हो जाएगा, लेकिन इसका एक बड़ा साइड इफेक्ट भी द‍िखना तय है. लोगों की बचत पर ग्रहण लगने वाला है. जब मन करे PF अकाउंट से फंड निकालने की सुविधा मिल जाएगी तो जरा सोचिए- फिर कितने और कौन लोग होंगे, जो PF खातों में वर्षों तक राशि बचाकर रखेंगे. छोटी-छोटी जरूरतों पर लोग ATM पहुंच जाएंगे. ऐसे में PF अमाउंट कितने दिन तक अकाउंट में टिका रहेगा, ये बड़ा सवाल है? घर खरीदना, बीमारी, पढ़ाई या शादी जैसे मौकों पर जो PF फंड आज सहारा बन जाता है, लेकिन आसान निकासी से शायद अधिकतर लोग वर्षों तक सब्र नहीं कर पाएंगे.  

Advertisement

फिर सेविंग को लेकर क्या विकल्प?

तुरंत PF निकासी की सुविधा लागू होते ही कोई भी अपने आपको PF अमाउंट निकालने में सहज पाएगा. आज की तारीख में लोग कर्ज लेकर भी मौज-मस्ती करने से परहेज नहीं कर रहे हैं, फिर उन्हें तो PF का अमाउंट सबसे आसान विकल्प लगेगा. चाहे, जिनके पीएफ अकाउंट में 10 लाख रुपये जमा हो या फिर 10 हजार. मोबाइल खरीदना और शॉपिंग जैसे काम के लिए भी लोग बेधड़क PF से पैसे निकालने लग जाएंगे. आदत इतनी बिगड़ सकती है कि सैलरी की तरह ही जैसे ही हर महीने PF अकाउंट में अमाउंट डिपॉजिट होगी, चंद दिन के बाद खुद जाकर निकाल लिया करेंगे. 

वैसे ही देश में रिटायरमेंट फंड को लेकर लोग जागरूक नहीं हैं. भले ही आज निकासी प्रोसेस में समस्या की वजह से लोग PF फंड नहीं निकाल पा रहे हैं, लेकिन इसी आड़ में मोटा अमाउंट जमा हो जा रहा है. तुरंत PF फंड निकासी की सुविधा से भले ही कोई 20 साल तक नौकरी कर लेगा, परंतु अधिकतर लोगों के EPFO खाते में जमापूंजी के नाम पर चंद रुपये बचेंगे, क्योंकि वो तो समय-समय पर UPI और ATM का लाभ लेकर PF के पैसे को निकाले जा चुके होंगे.

अब कुछ आंकड़ों को देखते हैं, जिससे आपको पता चल जाएगा कि कैसे बचत पर ग्रहण लगने वाला है. नियम के मुताबिक, कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों ही कर्मचारी के मूल वेतन का 12% पीएफ में योगदान करते हैं. जिसमें कुछ कुछ हिस्सा पेंशन फंड (EPS) में जाता है. वित्त वर्ष 2023-24 में EPFO के सदस्य 7.37 करोड़ थे, यानी मौजूदा समय में 8 करोड़ के आसपास लोग EPFO से जुड़े हैं. EPFO का कुल PF कॉर्पस (FY25) में करीब 25 लाख करोड़ रुपये है, जो कि भारत की सबसे बड़ी रिटायरमेंट सेविंग फंड में से एक है. यह राशि साल-दर-साल बढ़ रही है. लेकिन नई व्यवस्था लागू होते ही ये राशि घटने लगेगी, फिर ये पैसा कहां जाएगा? 

Advertisement

PF की आड़ में जोखिम लेने से नहीं हिचकेंगे लोग

ये भी हो सकता है कि लोग PF का पैसा शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में लगाना शुरू कर दे, क्योंकि PF पर फिलहाल 8.25 फीसदी ब्याज दर निर्धारित है. जबकि म्यूचुअल फंड में इससे ज्यादा की संभावना रहती है. शेयर बाजार से तो लोग PF के मुकाबले दोगुने-तिगुने ब्याज की कल्पना कर लेते हैं. ऐसे में एक सुरक्षित निवेश से पैसे निकालकर लोग जोखिम लेने से नहीं हिचकेंगे. अब PF की तुलना में म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार से कितना फायदा होगा, वो तो समय ही बताएगा.

सच्चाई ये भी है कि भारत में कुल सकल बचत दर करीब 31 फीसदी है. वहीं सेबी के हालिया सर्वे के मुताबिक केवल 10% भारतीय परिवार ही म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार और बॉन्ड जैसे वित्तीय उत्पादों में निवेश करते हैं. शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 15% का है, जबकि ग्रामीण इलाकों में महज 6% है. हालांकि युवा पीढ़ी में अब बचत का रुझान बढ़ा है. लेकिन वो तेजी से जोखिम भरे शेयर बाजार की ओर आकर्षित हो रहे हैं. 

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अब भी करीब 69% भारतीय हाउसहोल्ड बैंक में डिपॉजिट या FD में पैसा रखना पसंद करते हैं. वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 40% शहरी लोगों ने रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अब तक कोई निवेश नहीं किया है. ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी खराब है. यानी देश में आधी से ज्यादा आबादी के पास रिटायरमेंट फंड को लेकर कोई प्लान नहीं है. पेंशन की बात करें तो देश की आबादी 140 करोड़ से ज्यादा है, लेकिन अधिकतम 2 फीसदी लोगों तक पेंशन की करवेज है.

Advertisement

इसी कड़ी में अटल पेंशन योजना (APY) है, जिसमें करीब 8.34 करोड़ लोग शामिल हैं, लेकिन इसमें अधिकतम 5 हजार रुपये मंथली पेंशन की सुविधा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए अभी लंबा इंतजार करना होगा. ऐसे में PF जो एकमात्र मुसीबत में सहारा रहता है. वो भी अब चंद महीनों के बाद साथ छोड़ने वाला है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement