हमारे देश के रियल एस्टेट मार्केट में एक विरोधाभासी तस्वीर दिख रही है. एक तरफ मिडिल क्लास लोग किफायती घर (affordable homes) भी नहीं खरीद पा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो करोड़ों के लग्जरी घर खरीदने में लगे हैं, यह दर्शाता है कि भारतीय आवास बाजार अब प्रीमियम सेगमेंट के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है.
नाइट फ्रैंक इंडिया (Knight Frank India) के मुताबिक, वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (Q3 2025) में भारत का हाउसिंग मार्केट लचीला बना रहा, जहां टॉप आठ शहरों में 87,603 घरों की बिक्री हुई, जो साल-दर-साल 1% की वृद्धि है. यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रीमियम घरों की बढ़ती मांग के कारण हुई, जिनकी हिस्सेदारी अब कुल बिक्री में 52% हो गई है. खरीदारों का भरोसा बढ़ रहा है, लोगों को अब घर खरीदना सुरक्षित लग रहा है और उन्हें भविष्य में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने का विश्वास है.
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बाजार के आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि खरीदारों की प्राथमिकता अब बड़े और उच्च गुणवत्ता वाले घरों की ओर जा रही है. ₹1 करोड़ से अधिक कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी अब कुल बिक्री में 52% हो गई है, जो पिछले साल 46% थी. इस वृद्धि का नेतृत्व मुख्य रूप से ₹1–2 करोड़ की कीमत वाला ब्रैकेट कर रहा है, जिसकी बिक्री में साल-दर-साल (YoY) 17% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह संख्या एक संरचनात्मक बदलाव को रेखांकित करती है, जिसमें खरीदार अब बेहतर लाइफस्टाइल को प्राथमिकता दे रहे हैं.
इसके विपरीत, ₹1 करोड़ से कम कीमत वाले घरों की बिक्री में गिरावट आई है और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में बड़ी तेज़ी आई है. खास बात यह रही कि ₹10-20 करोड़ के लग्जरी सेगमेंट में बिक्री में साल-दर-साल 170% का भारी उछाल आया, जो महानगरों में अल्ट्रा-प्रीमियम घरों की बढ़ती मांग को दर्शाता है.
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बाजार में नई लॉन्चिंग साल-दर-साल 2% गिरकर 88,655 यूनिट्स हो गईं, वहीं मजबूत मांग के चलते कीमतों में उछाल जारी रहा. एनसीआर में 19 फीसदी, बेंगलुरु में 15%, हैदराबाद 13% , मुंबई में कुल बिक्री में 28% रहा.
बाजार में बिना बिके घरों (unsold inventory) की संख्या साल-दर-साल 4% बढ़कर 5.06 लाख यूनिट्स हो जाने के बावजूद, बाजार का स्वास्थ्य मजबूत बना हुआ है. बेचने में लगने वाला समय का मीट्रिक 5.8 तिमाहियों पर स्थिर रहा, जिसका अर्थ है 18 महीने से कम स्टॉक, यह एक संतुलित बाजार स्थिति को दर्शाता है.
हालांकि, चिंता की बात यह है कि बिना बिके इन्वेंट्री उच्च मूल्य वाली श्रेणियों में केंद्रित थी, खासकर ₹2–5 करोड़ और उससे अधिक के सेगमेंट में, इसका मतलब है कि बिल्डरों को अब इन सेगमेंट में सावधानी बरतनी होगी.
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