2010 से अब तक भारत में घर खरीदना दोगुना सस्ता हुआ, रिपोर्ट में दावा

लोगों की कमाई घरों के दाम से तेजी से बढ़ी है, इसलिए घर खरीदना अब आसान हो गया है. पिछले 15 सालों में, भारत में घर खरीदने की क्षमता बहुत सुधर गई है. बैंकों द्वारा घर खरीदने के लिए दिए जाने वाले लोन में भी दस गुना बढ़ोतरी हुई है. यह सब दिखाता है कि रियल एस्टेट बाज़ार में खरीदार अब ज़्यादा मजबूत स्थिति में हैं.

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भारत में तेजी से बढ़ी घर खरीदने की क्षमता (Photo-ITG) भारत में तेजी से बढ़ी घर खरीदने की क्षमता (Photo-ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

देश के लाखों घर खरीदारों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. प्रमुख रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म Colliers India की एक  रिपोर्ट बताती है कि पिछले 15 सालों में, भारत के बड़े और प्रमुख टियर 1 शहरों में अब घर खरीदना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है. आय के स्तर में लगातार वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में धीमी लेकिन स्थिर बढ़त, और होम लोन तक बेहतर पहुंच ने मिलकर आवास खरीदने की सामर्थ्य में यह महत्वपूर्ण सुधार किया है. यह बदलाव रियल एस्टेट बाजार के लिए एक मजबूत संकेत है.

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Colliers India की रिपोर्ट के हिसाब से 2010 में घर खरीदने के लिए अपनी कमाई का जितना हिस्सा लगाना पड़ता था, वह अब लगभग आधा रह गया है. इसका सीधा मतलब है कि अब घर खरीदना बहुत आसान हो गया है.

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अहमदाबाद में किफायती घर

यह बदलाव इसलिए आया है क्योंकि आय का स्तर सालाना लगभग 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है, जो कि घरों की औसत कीमतों में हुई 5 से 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी से कहीं ज़्यादा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद और हैदराबाद देश के सबसे सस्ते शहर बनकर उभरे हैं, जहां आसानी से घर खरीदा जा सकता है. अहमदाबाद में घर खरीदने की क्षमता का अनुपात 2010 के 43.6 फीसदी से सुधरकर 2025 में 19.8 फीसदी हो गया है. वहीं, हैदराबाद में यह अनुपात इसी दौरान 25.6 फीसदी से सुधरकर 16.3 फीसदी हो गया.  

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अन्य बड़े शहरों में भी सुधार हुआ है. बेंगलुरु में यह अनुपात 44.2 फीसदी से 20.9 हुआ, और दिल्ली-एनसीआर में 63.8 फीसदी से सुधरकर 27.8% हो गया. रिपोर्ट बताती है कि यह सुधार इसलिए आया क्योंकि लोगों की कमाई लगातार बढ़ी. इस वजह से घरों के दाम बढ़ने के बावजूद, लोगों के लिए घर खरीदना अभी भी महंगा नहीं हुआ है.

घरों की औसत कीमतें, भारत के 50 शहरों में 1,000 वर्ग फुट के यूनिट के कारपेट एरिया की कीमतों के आधार पर मानी गई हैं. औसत आय सालाना प्रति व्यक्ति खर्च योग्य आय मानी गई है. 

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