Advertisement

बिजनेस

अंग्रेजों ने शुरू की थी रेलवे में यह सेवा, फौरन बंद करने का आदेश!

aajtak.in
  • 26 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST
  • 1/10

कोरोना संकट के बीच रेलवे में बदलाव के लिए लगातार बड़े फैसले लिए जा रहे हैं, इसी कड़ी में अब भारतीय रेलवे ने एक अहम फैसला लिया है, इसे कास्ट कटिंग के तौर पर देखा जा रहा है. रेलवे ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही एक सेवा का तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया है. (Photo: File)

  • 2/10

दरअसल, भारतीय रेलवे ने लागत में कटौती करने के लिए अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही डाक मैसेंजर सेवा (Dak Messengers Service) को बंद करने का फैसला किया है. अभी तक रेलवे के गोपनीय दस्तावेजों को भेजने के लिए इस सेवा का इस्तेमाल होता था. (Photo: File)

  • 3/10

इसके लिए बाकायदा सभी रेलवे जोन को निर्देश जारी कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड ने 24 जुलाई के एक निर्देश में कहा है कि लागत में कटौती और प्रतिष्ठान से जुड़े खर्च बचाने के लिए रेलवे पीएसयू/रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के बीच अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात होगी. (Photo: File)

Advertisement
  • 4/10

बोर्ड से तुरंत पर्सनल मैसेंजर/डाक मैसेंजर की बुकिंग बंद करने का आदेश दिया है. यानी इस सेवा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. रेलवे बोर्ड का कहना है कि इस निर्देश का पालन सुनिश्चित होना चाहिए, क्योंकि इससे भत्तों, स्टेशनरी, फैक्स वगैरह पर होने वाले खर्च की बचत होगी. (Photo: File)

  • 5/10

बता दें, अभी तक रेलवे में एक जोन से दूसरे जोन तक डाक मैसेंजर के जरिये गोपनीय दस्तावेज पहुंचाए जाते थे. इस काम को डाक मैसेंजर यानी चपरासी के द्वारा पूरा किया जाता था, जिन्हें संवेदनशील दस्तावेजों को रेलवे बोर्ड से विभिन्न विभागों, जोनों और डिवीजनों को पहुंचाने की जिम्मेदारी दी जाती थी. (Photo: File)

  • 6/10

गौरतलब है कि इस सेवा की सुविधा अंग्रेजों के जमाने में हुई थी, और उस वक्त इसकी जरूरत भी थी. क्योंकि उस वक्त इंटरनेट और ई-मेल की व्यवस्था नहीं थी. लेकिन अब रेलवे बोर्ड का कहना है कि अब डाक मैसेंजर की जरूरत नहीं है, सबकुछ डिजिटल माध्यम से संभव है. (Photo: File)

Advertisement
  • 7/10

रेलवे बोर्ड ने अपने आदेश में कहा है कि अब सारा फाइल वर्क डिजिटल में शिफ्ट किया जाना चाहिए और आपसी संवाद सुरक्षित ई-मेल के जरिये होना चाहिए. बोर्ड के ताजा निर्देश के साथ ही आधिकारिक रूप से डाक मैसेंजर का इस्तेमाल खत्म हो गया है. (Photo: File)

  • 8/10

इसके अलावा खर्च कम करने के लिए नए पदों के सृजन पर रोक लगाई गई है, कई वर्क को आउटसोर्स कर दिया गया है. साथ ही बोर्ड ने बिजली खपत कम करने और दूसरे खर्च कम करने को कहा है. साथ ही स्टेशनरी आइटम, कार्टिजेज और दूसरे आइटम की लागत 50 फीसदी तक कम की जानी चाहिए. यही नहीं, घाटे में चल रहे विभागों को बंद करने को कहा गया है. (Photo: File)

  • 9/10

वहीं सरकार ने रेलवे में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ा दिया है. सरकार को निजी कंपनियों के जरिये अब रेलवे में बेहतरी की उम्मीद है. रेल मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही 109 जोड़ी रूटों पर 151 प्राइवेट ट्रेनें चलाने के लिए निजी कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन (RFQ) मांगा था, प्राइवेट ट्रेनों में एयरलाइन्स की तरह यात्रियों को पसंदीदा सीट, सामान और यात्रा की सुविधाएं दी जाएंगी. (Photo: File)

Advertisement
  • 10/10

रेलवे में आएगा बड़ा निवेश
भारतीय रेलवे का अनुमान है कि निजी कंपनियों की भागीदारी से रेलवे में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. रेलवे की कोशिश राजस्व बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर है. रेलवे से साफ कर दिया है कि ये हाईटेक ट्रेनें मार्च 2023 से पटरी पर दौड़ने लगेंगी. यानी 2023 से निजी ट्रेनों से चलेंगी. (Photo: File)

Advertisement

लेटेस्ट फोटो

Advertisement