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हमारे जीवन में यूं घुसे हैं चीनी प्रोडक्ट, जान कर रह जाएंगे चकित

aajtak.in
  • 22 जून 2020,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST
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देश में चीन विरोधी राष्ट्रवाद चरम पर है और चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चल पड़ी है. लेकिन सच तो यह है कि चीनी उत्पाद हमारे जन-जीवन में इस तरह से घुसे हैं कि कई बार हमें पता ही नहीं चल पाता कि हम वास्तव में चीन का कोई उत्पाद इस्तेमाल कर रहे हैं. ये किस तरह से हमारे जीवन में हावी हैं, इसे देखकर आप चकित हो जाएंगे.

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गौरतलब है कि साल 2019-20 में चीन से हमारे देश में आयात करीब 65 अरब डॉलर का हुआ था. चाहे स्मार्टफोन हो, कार, एयरकंडीशनर या दैनिक जरूरतों की चीजें, चीनी उत्पाद हमारे हर तरफ दिखते हैं.

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एयर कंडीशनर के पार्ट्स
चलो मान लिया कि हम चीनी कंपनी हायर का एसी नहीं खरीदेंगे, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आप किसी  दूसरे ब्रांड का भी एसी खरीदते हैं तो अक्सर उसके अंदर जो पार्ट्स इस्तेमाल होते हैं वे चीन के होते हैं? एसी पार्ट्स का चीन एक बहुत बड़ा मैन्युफैक्चरर और सप्लायर है. भारत में बिकने वाले ज्यादातर एसी ब्रांड चीनी पार्ट्स का इस्तेमाल करते हैं.

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ऑटो पार्ट्स
चीन दुनिया में ऑटोमोबाइल पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा केंद्र है. भारत की ज्यादातर ऑटो कंपनियां ऑटो पार्ट्स चीन से ही मंगाती हैं. साल 2015 के बाद तो चीन में ऑटो पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग में काफी तेज बढ़त हुई है. चीन में ऑटो पार्ट्स की इंडस्ट्री का आकार करीब 550 अरब डॉलर का है.

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LED बल्ब
चीनी एलईडी बल्ब भारतीय बाजार में छाए हुए हैं. चीन ने 1995 से ही एलईडी रिसर्च और विकास को तेज करना शुरू किया और साल 2014 तक वह इस उत्पाद के उत्पादन का अगुआ बन गया. तो भारत में लोग जो एलईडी बल्ब इस्तेमाल करते हैं उसका काफी बड़ा हिस्सा मे​ड इन चाइना होता है.

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फेस मास्क
कोराना संकट के दौर में फेस मास्क हम सबके लिए एक अनिवार्य एसेसरीज हो गया है. आप कोरोना से बचने के लिए जो मास्क इस्तेमाल करते हैं, हो सकता है कि वह चीन में बना हो. असल में दुनिया के करीब 85 फीसदी फेस मास्क का उत्पादन चीन ही करता है.

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स्मार्टफोन
देश के 5 टॉप स्मार्टफोन ब्रांड और कंपनी की बात करें तो सिर्फ सैमसंग को छोड़कर बाकी सभी चीनी हैं. चीनी कंपनियों का भारत के स्मार्टफोन बाजार के करीब 65 फीसदी हिस्से पर कब्जा है. शायोमी, ओप्पो और विवो जैसी चीनी कंपनियां स्मार्टफोन बाजार पर राज कर रही हैं. इन कंपनियों ने भारत में भी अपने प्लांट स्थापित कर रखे हैं और भारतीय बाजार में इनकी जबरदस्त मांग है.



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मोबाइल ऐप
आज स्मार्टफोन घर-घर में दिखता है और गांव-गांव के नौजवान टिकटॉक से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. टिकटॉक एक वीडियो शेयरिंग ऐप है और चाइनीज कंपनी बाइटडांस इसकी मालिक है. इसी तरह, फाइल शेयरिंग ऐप शेयरइट, सोशल नेटवर्किंग ऐप हेलो, लोकप्रिय स्कैनर ऐप कैमस्कैनर और ब्राउजर ऐप यूसी ब्राउजर जैसे दर्जनों चीनी ऐप हर मोबाइल फोन में हैं.

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दवाइयां
भारत दवा उत्पादन का दुनिया में एक बड़ा केंद्र है, लेकिन यहां दवा बनाने के लिए 80 फीसदी कच्चा माल चीन से आता है. इस कच्चे माल को बल्क ड्रग या एक्टिव फार्मा इनग्रेडिएंट (API) कहते हैं. भारत में एपीआई का घरेलू उत्पादन बहुत कम है और यहां फॉर्मूलेशन तैयार होता है. दवा उत्पादन में अचानक चीनी आयात का बहिष्कार करना संभव नहीं है, क्योंकि 80 फीसदी कच्चे माल की हमारी जरूरत तत्काल कोई और नहीं पूरा सकता. बाकी देश इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन नहीं करते.
(www.businesstoday.in के इनपुट पर आधारित)

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