दनादन पैसे निकाल रहे ये निवेशक... आंकड़ा 10 दिन में ₹18000Cr, क्या ट्रंप टैरिफ का डर?

Donald Trump के टैरिफ को लेकर जारी ट्रेड टेंशन के बीच शेयर बाजार टूट रहा है और इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों या FPI की बेरुखी भी बढ़ती जा रही है, अगस्त में अब तक ये निवेशक करीब 18000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं.

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विदेशी निवेशकों ने अगस्त में जमकर की बिकवाली (Photo:ITG) विदेशी निवेशकों ने अगस्त में जमकर की बिकवाली (Photo:ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:55 PM IST

अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव (India-US Trade Tension) का असर शेयर बाजार (Stock Market) पर साफ देखने को मिला है और लगातार छठे सप्ताह सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट जारी रही. इस बीच एक और झटका ये लगा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बाजार से तगड़ी बिकवाली की है और अगस्त में अब तक FPI द्वारा निकाली गई रकम का आंकड़ा 18000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. हालांकि, ट्रंप टैरिफ के डर (Trump Tariff Fear) के साथ ही तमाम कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने भी विदेशी निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाला है. 
 
अगस्त की शुरुआत में ही ताबड़तोड़ निकासी
जब से US President डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ वॉर शुरू हुआ है, दुनियाभर के बाजारों पर इसका असर देखने को मिला है. अब अमेरिका के निशाने पर भारत है और ट्रंप ने पहले 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया, जो लागू हो चुका है, वहीं रूसी तेल खरीद पर खफा ट्रंप ने 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा. इस टैरिफ टेंशन के बीच जहां शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है, तो वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इंडियन मार्केट में जोरदार निकासी की है. पीटीआई के मुताबिक, अगस्त महीने में अब तक फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) ने भारतीय शेयर बाजार से 17,924 करोड़ रुपये निकाले हैं, ये आंकड़. 

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इस साल FPI ने खूब निकाले पैसे
साल 2025 विदेशी निवेशकों के लिहाज से बेहद खराब साबित हुआ है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक एफपीआई की कुल निकासी का आंकड़ा 1.13 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव और टैरिफ टेंशन के बीच पूरे जुलाई की निकासी से ज्यादा रकम विदेशी निवेशकों ने महज अगस्त के 10 दिनों में निकाल ली है. बता दें कि इससे पिछले जुलाई महीने में एफपीआई की बिकवाली का आंकड़ा 17,741 करोड़ रुपये था, जबकि इससे पहले लगातार तीन महीने उन्होंने भारतीय बाजार में पैसे लगाए थे. 

इन वजह से बेरुखी दिखा रहे FPI
एफपीआई की भारतीय बाजार के प्रति बेरुखी की सबसे बड़ी वजह को देखें, तो ये अमेरिका से आने वाली खबरें ही हैं. अब तक India-US Trade Deal को लेकर जो पॉजिटिव संकेत नजर आ रहे थे, अचानक ट्रंप के टैरिफ ऐलान और फिर रूस से भारत के व्यापार पर नाराजगी के बीच अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा ने निवेशकों के सेंटीमेंट को बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई है. इसके साथ ही ट्रेड डील पर जो पेंच फंसा है, वो भी अभी तक नहीं सुलझाया जा सकता है, जिसका असर निवेशकों की बिकवाली के रूप में दिख रहा है. 

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सिर्फ ट्रंप ही नहीं, बिकवाली के ये भी कारण
जहां विदेशी निवेशकों की बिकवाली के लिए अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बड़ी वजह है, तो और भी कई कारण सेंटीमेंट पर विपरीत असर डाल रहे हैं. एक्सपर्ट्स की मानें, तो भारतीय कंपनियों की ओर से तिमाही नतीजों का ऐलान करने का सिलसिला जारी है और इनमें कमजोरी ने भी बाजार व निवेशकों दोनों को प्रभावित किया है. इसके साथ ही इंडियन करेंसी रुपया (Rupee) में गिरावट ने निवेशकों के भरोसे पर असर डाला है. पीटीआई के मुताबिक, कल शुरू होने वाले सप्ताह में भी Indian Stock Market की चाल US Trade Tension, महंगाई के आंकड़ों, तिमाही नतीजों के साथ की FPI के रुख से तय होगी. 

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