6 महीने में सबसे ज्यादा... विदेशी निवेशकों ने निकाले ₹35000Cr, ट्रंप टैरिफ से बिगड़ा मूड

ट्रंप टैरिफ का असर शेयर बाजार से लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों तक पर देखने को मिल रहा है और एफपीआई ने फरवरी के बाद अगस्त महीने में सबसे तेज बिकवाली की है.

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अगस्त में विदेशी निवेशकों ने निकाले करीब 35000 करोड़ रुपये (File Photo: ITG) अगस्त में विदेशी निवेशकों ने निकाले करीब 35000 करोड़ रुपये (File Photo: ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:27 PM IST

शेयर बाजार में गिरावट के साथ ही विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार के प्रति बेरुखी भी अगस्त में तेज नजर आई. इसका अंदाजा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के आंकड़े को देखकर लगाया जा सकता है. अगस्त महीने में इन निवेशकों की निकासी बीते छह महीने में सबसे तेज और पिछले जुलाई महीने की तुलना में दोगुनी रही. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ से इनके सेंटीमेंट को और बिगाड़ने में अहम रोल निभाया. 

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जुलाई से दोगुने पैसे निकाले 
भारतीय शेयर बाजार से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के जाने का सिलसिला जारी है. अगस्त महीने में इनकी बिकवाली का आंकड़ा बढ़कर 34,993 करोड़ रुपये हो गया. निकासी का ये आंकड़ा बीते छह महीनों में एफपीआई द्वारा की गई बिकवाली में सबसे बड़ा है. पीटीआई के मुताबिक, इससे पहले जुलाई महीने में विदेशी निवेशकों ने इक्विटी मार्केट से 17,741 करोड़ की निकासी की थी, जो अगस्त में बढ़कर करीब दोगुनी दोगुनी हो गई. वहीं साल 2025 में अब कुल निकासी 1.3 लाख करोड़ के पार निकल गई है.

फरवरी के बाद सबसे बड़ी बिकवाली
मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो एफपीआई की इस तेज निकासी के पीछे कारण सिर्फ घरेलू मार्केट में हाई वैल्यूएशन नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर टैरिफ से मची हलचल का भी इसमें बड़ा रोल रहा है. फरवरी 2025 के बाद किसी महीने में ये सबसे बड़ी निकासी रही, जब विदेशी निवेशकों ने 34,574 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी. हालांकि, जहां ये निवेशकों इक्विटी मार्केट ससे पैसे निकाल रहे हैं, तो वहीं प्राइमरी मार्केट में जोरदार मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं. साल 2025 में अब तक विदेशी निवेशकों ने आईपीओ में 40,305 करोड़ रुपये लगाए हैं. 

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टैरिफ का सेंटीमेंट पर असर
एफपीआई की इस जोरदार बिकवाली के लिए एक्सपर्ट्स ट्रंप के 50% हाई टैरिफ को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. पीटीआई की रिपोर्ट में मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक, अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए टैरिफ ने निवेशकों के सेंटीमेंट पर निगेटिव इम्पेक्ट डाला है. इससे एक ओर जहां ग्रोथ को लेकर चिंता बढ़ी है, तो वहीं व्यापार चुनौतियां भी दिख रही हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में कारोबार करने वालीं तमाम कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने का असर भी विदेशी निवेशकों पर पड़ा है. 

शेयर बाजार में जारी है गिरावट 
50% ट्रंप टैरिफ के असर की भारतीय शेयर बाजार पर असर की बात करें, तो ये लगातार जारी है. बीते सप्ताह सेंसेक्स में जोरदार गिरावट आई और ये इंडेक्स 1,497.2 अंक की गिरावट में रहा. बाजार के टैरिफ के चलते मचे हाहाकार में सेंसेक्स की टॉप-10 कंपनियों में से आठ की मार्केट वैल्यू में 2.24 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कंबाइंड कमी आई. सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक के निवेशकों को हुआ. 

(नोट- शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें.)

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