ईरान और इजरायल के बीच जंग (Iran-Israel War) और तेज हो गई है. अमेरिका की ओर से ईरान पर की गई एयर स्ट्राइक (US Air Strikes In Iran) के बाद तनाव और भी चरम पर पहुंच गया है. इस बीच ये अटकलें भी तेज हो गई हैं कि ईरान अपने नियंत्रण वाले स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait Of Hormuz) को बंद कर सकता है औऱ उसकी ओर से लगातार ये धमकियां दी जा रही हैं, जो कि पूरी दुनिया के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा. लेकिन इसे लेकर अमेरिकी पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने बड़ा दावा किया है और कहा है कि ये Iran के लिए खुदकुशी जैसा होगा और खासतौर पर चीन उसे होर्मुज को प्रतिबंधित नहीं करने देगा.
बेहद खास है 'Strait Of Hormuz'
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, Iran भले ही होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दे रहा हो, लेकिन पूर्व अमेरिकी पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन का कहना है कि यह कदम आत्मघाती होगा और वाशिंगटन से बीजिंग तक इसे अच्छी तरह से जानते हैं. दरअसल, ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका-इजरायल के हवाई हमलों के बाद तनाव बढ़ने के साथ ही तेहरान ने एक बड़ी चेतावनी जारी की है, जिसके तहत स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को कुछ ही घंटों में बंद किया जा सकता है.
हालांकि, सैन्य विश्लेषक और रणनीतिक विशेषज्ञ इस पर संदेह जता रहे हैं. स्ट्रेट ऑफ होर्मुज एक संकीर्ण समुद्री चोकपॉइंट है और ये रणनीतिक रूप से दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण समुद्री तेल मार्गों में से एक है, जिसके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 20 मिलियन बैरल तेल ट्रांसपोर्ट होता है.
ऐसा जोखिम ईरानी इकोनॉमी के लिए खतरा
माइकल रुबिन के मुताबिक, होर्मुज से होकर जाने वाले कच्चे तेल (Crude Oil) का 44 फीसदी हिस्सा एशिया में जाता है और इसमें ज्यादातर चीन (China) में और कुछ हद तक भारत (India) में पहुंचता है. इसलिए कुछ समय के लिए व्यवधान हो सकता है, लेकिन उससे आगे या लंबे समय तक ऐसा होना खुद ईरान के लिए खुदकुशी करने जैसा होगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि Iran Economy ईंधन पर टिकी हुई है औऱ इसका मतलब है कि होर्मुज को बंद करने से उसके विरोधियों को नुकसान पहुंचने से पहले उसकी अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा. रुबिन ने आगे कहा कि उनकी सेना और अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी.
चीन नहीं उठाने देगा ईरान को ये कदम!
अब बताते हैं कि China ईरान को ऐसा बड़ा कदम आखिरी क्यों नहीं उठाने देगा? तो रुबिन के मुताबिक, Iran का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और उसके तेल का सबसे बड़ा खरीदार चीन इस समीकरण में एक शांत लेकिन शक्तिशाली भूमिका निभाता है. स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के पूरी तरह से बंद होने से ड्रैगन की ऊर्जा सुरक्षा गंभीर रूप से संकट में आ जाएगी. इसके साथ ही Belt and Road पहल के तहत प्रमुख सप्लाई रूट बाधित हो जाएंगे.
बता दें कि चीन ने ईरानी इंफ्रास्ट्रक्टर में भारी भरकम निवेश किया है, जिसमें हाल ही में शीआन से तेहरान (Xi’an to Tehran) तक चालू की गई मालगाड़ी जैसे रेल संपर्क शामिल हैं, जिससे कि व्यापार संपर्क को मजबूत बनाया जा सके. ऐसे में एक ऐसा क्षेत्रीय संघर्ष जो तेल की सप्लाई को काट देता है और रसद को पटरी से उतार देता है, चीन के हित में तो बिल्कुल भी नहीं है.
एक्सपर्ट बोले- 'कहने और करने में बड़ा अंतर'
एक अन्य एनालिस्ट ने कहा है कि चीन भले ही तेहरान की बयानबाजी का सार्वजनिक रूप से विरोध न करे, लेकिन वह पर्दे के पीछे से अपनी आर्थिक ताकत का इस्तेमाल जरूर करेगा. क्योंकि, अगर होर्मुज में बाधा आती है, तो सबसे बड़ा चीन को ही नुकसान होगा. हालांकि, सऊदी अरब और यूएई से पाइपलाइनों सहित वैकल्पिक आपूर्ति मार्ग, जो होर्मुज को बायपास करते हैं, कुछ राहत देने वाले साबित हो सकते हैं, लेकिन उनकी क्षमता सीमित है.
उन्होंने कहा कि तेहरान की ओर से दी गई इस तरह की तीखी धमकियों के बावजूद, Strait Of Hormuz को बंद करने के लिए कहना जितना आसान है, करना उतना ही मुश्किल है. ईरान को जितना लाभ होगा, उससे कहीं अधिक नुकसान होगा और चीन की एनर्जी लाइफलाइन भी संकट में आ जाएगी.
आजतक बिजनेस डेस्क