'Exit Polls के दिन बाजार में नहीं हुआ कोई हेरफेर', विपक्ष के आरोपों पर SEBI की क्लीन चिट

सेबी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले एग्जिट पोल के दिन बाजार में कोई हेराफेर या कोई अंदरूनी व्यापार नहीं हुआ था. सेबी के सूत्रों ने कहा, 'शिकायत के अनुसार सभी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों से डेटा मांगा गया और उसका विश्लेषण किया गया, लेकिन कुछ नहीं मिला.'

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एग्जिट पोल के दिन बाजार में नहीं हुआ कोई हेरफेर: SEBI. (सांकेतिक फोटो) एग्जिट पोल के दिन बाजार में नहीं हुआ कोई हेरफेर: SEBI. (सांकेतिक फोटो)

ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

मार्केट रेग्युलेटर (SEBI) ने शुक्रवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों (Lok Sabha Result Day) से पहले एग्जिट पोल के दिन बाजार में कोई हेराफेर नहीं हुआ था. नियामक ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में मतदान के बाद सभी मीडिया हाउसों ने अपने-अपने एग्जिट पोल जारी किए थे, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने का अनुमान जताया गया था और प्रचंड बहुमत मिलने का दावा किया गया था. एग्जिट पोल के अगले दिन शेयर बाजार (Share Market) में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन चुनावी नतीजों वाले दिन एग्जिट पोल के मुताबिक रिजल्ट नहीं आए और बाजार भरभराकर टूटा था. 3 जून को बाजार में आई तेजी, अगले दिन 4 जून को सुनामी में तब्दील हो गई थी और BSE Market Cap 30 लाख करोड़ तक घट गया था.  

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एग्जिट पोल के दिन नहीं हुआ कोई हेरफेर: सेबी

सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया, विपक्ष के आरोपों के बाद सेबी (SEBI) ने इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी और अब ये पूरी कर ली गई है. जांच में सेबी को कोई हेरफेर का संकेत नहीं मिला है. सेबी को संसद सदस्यों के एक समूह द्वारा कथित बाजार हेरफेर और अंदरूनी व्यापार के संबंध में कोई साक्ष्य हासिल नहीं हुआ. 

सेबी के सूत्रों ने कहा, "शिकायत के अनुसार सभी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों से डेटा मांगा गया और उसका गहन विश्लेषण किया गया, लेकिन कुछ नहीं मिला. अगर कोई विशेष बिंदु है तो सेबी अभी-भी इस मुद्दे पर गौर कर सकता है."

'उतार-चढ़ाव से घबराए छोटे निवेशक'

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी ने इस मुद्दे पर गहन जांच की है और हर एक डेटा का एनालिसिस किया गया है. इस दौरान एक भी चूक नहीं हुई. हालांकि, बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला और इसके चलते छोटे निवेशकों में थोड़ी घबराहट थी. 

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बाजार विशेषज्ञों ने इंडिया टुडे को बताया कि मतगणना वाले दिन भारी अस्थिरता के कारण निवेशक घबरा रहे थे, लेकिन आंकड़ों के मुताबिक कई छोटे निवेशकों को नुकसान होना सही नहीं हो सकता है.

एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) ने 3 जून को 3,073 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और अगले सत्र में 22,511 करोड़ रुपये के शेयर बेचे तो इसका मतलब यह है कि खुदरा विक्रेता तब बेचते हैं जब बाजार ऊंचे मूल्य पर चढ़ता है और जब मूल्य गिरता है तो फिर से खरीदारी करते हैं.

राहुल गांधी ने लगाए थे गंभीर आरोप

बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और बाजार में कथित हेरफेर को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने इसे शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम करार देते हुए JPC की मांग की थी. राहुल के बाद टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि "एग्जिट पोल कंपनियों ने एग्जिट पोल के प्रसारण से पहले अपने ग्राहकों को उन्नत जानकारी प्रदान की थी, जिससे उन्हें गैर-सार्वजनिक जानकारी के माध्यम से शेयर बाजार में अनुचित और अंदरूनी लाभ मिला."

वास्तविक मतगणना से एक दिन पहले 3 जून को बाजार में उछाल आया, क्योंकि एग्जिट पोल के आंकड़े बीजेपी को प्रचंड बहुमत दे रहे थे. ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी को करीब 350 सीटें दी गई थीं, जो बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से कहीं ज्यादा थीं. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि एग्जिट पोल के अनुमानों के कारण, 3 जून को शेयर बाजार में तेजी आई. लेकिन 4 जून को मतगणना के दिन बाजार में भारी गिरावट आई. 4 जुलाई को इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी लगभग 6 प्रतिशत गिर गए.

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वहीं, नतीजे के बाद सरकार ने कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे निराधार हैं, क्योंकि खुदरा निवेशकों को दोनों तरफ से फायदा हुआ है.

Exit Poll के बाद 3 जून को बाजार में क्या हुआ?

Lok Sabha Election के सातवें चरण का मतदान पूरा होने के बाद एग्जिट पोल आने शुरू हुए थे और लगभग सभी में भाजपा (BJP) को स्पष्ट बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया था. एग्जिट पोल 1 जून (शनिवार) को आया था और इसके अगले दिन शेयर बाजार बंद था. फिर 3 जून सोमवार को Stock Market खुला और एग्जिट पोल के अनुमानों के असर के चलते बाजार में रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिली. तीन जून को चुनावी नतीजों से एक दिन पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स (Sensex) 2000 अंक से ज्यादा उछलकर ओपन हुआ था और दिनभर के कारोबार के दौरान इसने अपने नए ऑल टाइम हाई 76,738.89 के स्तर को छू लिया था. कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 2507.47 अंक या 3.39 फीसदी की उछाल के साथ 76,468.78 के लेवल पर बंद हुआ था.

सेंसेक्स की तरह ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 600 अंकों की तेजी के साथ ओपन हुआ था और कुछ ही देर के कारोबार में 23,338.70 का रिकॉर्ड हाई छू लिया. हालांकि, मार्केट क्लोज होने पर निफ्टी 733.20 अंक या 3.25 फीसदी की तेजी लेते हुए 23,263.90 के स्तर पर बंद हुआ. बाजार में 3 जून का आई इस तेजी के चलते निवेशकों ने करीब 13 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी.

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चुनावी नतीजे वाले दिन बाजार में मचा था हाहाकार

4 जून 2024 को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए, तो 3 जून की तेजी भयंकर गिरावट में तब्दील नजर आई. इलेक्शन रिजल्ट डे पर Share Market में कारोबार शुरू होते ही गिरावट का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो बढ़ता ही चला गया. चुनाव नतीजों वाले दिन बीएसई का सेंसेक्स 1700 अंक टूटकर ओपन हुआ था और दोपहर 12.20 बजे तक ये 6094 अंक की गिरावट लेते हुए 70,374 के लेवल पर आ गया. वहीं दूसरी ओर निफ्टी इंडेक्स करीब 1947 अंक की भारी गिरावट के साथ फिसलकर 21,316 के लेवल पर पहुंच गया था. कोरोना काल के बाद ये बाजार की सबसे बड़ी गिरावट रही और Stock Market Crash होने से बीएसई का मार्केट कैप एक ही दिन में करीब 31 लाख करोड़ रुपये कम हो गया.

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