पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार में दबाव है, क्योंकि विदेशी निवेशकों ने पिछले दो महीनों से रिकॉर्ड सेलिंग की है. इस सेलिंग प्रेशर के कारण स्टॉक मार्केट में दबाव बना हुआ है, लेकिन पिछले एक दो दिन से शेयर बाजार में उछाल के संकेत मिल रहे हैं. हालांकि ये अभी कहा नहीं जा सकता है कि उछाल आना तय है. एक्सपर्ट्स और ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म्स अपने कैलकुलेशन के आधार पर शेयर बाजार में उछाल आएगा या गिरावट होगा, इसका अंदाजा लगाते हैं. इस बीच, रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रवि सिंह ने निफ्टी को लेकर टारगेट दिया है.
बिजनेस टुडे से बातचीत के दौरान रवि सिंह ने कहा कि Nifty50 साल 2025 में 26000 का लेवल पार कर सकता है. उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि अपने पोर्टफोलियो को लॉन्ग टर्म नजरिए के तौर पर डाइवर्सिफाई करना चाहिए. तभी आप निगेटिव मार्केट में भी प्रॉफिट कर सकेंगे. मार्केट एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि BEML लिमिटेड को सरकार की ओर से मिले ऑर्डर और इंफ्रास्क्चर में निवेश से लाभ होगा. इसके साथ ही डिफेंस सेक्टर्स के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड अपने मजबूत इंफ्रा और डेवलपमेंट कैपिसिटी के कारण लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए अच्छे विकल्प हैं.
रेलिगेयर ब्रोकिंग के रवि सिंह ने कहा कि अगले साल भारतीय शेयरों में रिटेल सेलर की भागीदारी मजबूत रहने की संभावना है. उन्होंने यह भी कहा कि चीन-अमेरिका के बीच चल रहे व्यापार तनाव से फार्मास्यूटिकल्स जैसे सेक्टर्स को लाभ हो सकता है और Dr. Reddy लैबोरेटरीज जैसी कंपनियों को जेनेरिक दवा की बढ़ती मांग से लाभ हो सकता है.
2025 में चलेंगे ये शेयर
एक्सपर्ट ने साल 2025 के लिए कुछ शेयरों में अच्छी कमाई का संकेत दिया है. उनका कहना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), HDFC बैंक लिमिटेड और टाइटन मजबूत रिटर्न दे सकते हैं क्योंकि आने वाले साल में 2024 की तुलना में बढ़ी हुई चुनौतियों और बढ़ी हुई अस्थिरता की उम्मीद है.
साल 2025 के अंत तक कहां होगा निफ्टी?
एक्सपर्ट ने कहा कि 2025 के अंत तक, निफ्टी 50 इंडेक्स के लगभग 26,000 तक पहुंचने का अनुमान है, जो भारत में कम सिंगल अंकों के रिटर्न और आर्थिक स्थिरता की उम्मीदों को दर्शाता है. वर्तमान में बाजार उच्च अस्थिरता का अनुभव कर रहे हैं, जो अमेरिकी सरकार में बदलाव, भू-राजनीतिक तनाव और प्रत्याशित अमेरिकी फेड रेट कटौती जैसी महत्वपूर्ण वैश्विक घटनाओं के कारण है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर भू-राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक अनिश्चितता जैसी चुनौतियां अगले साल भारतीय शेयर बाजार को कम प्रभावित करती हैं तो बाजार सकारात्मक गति प्राप्त कर सकता है. हालांकि, अभी बाजार मंद रह सकता है.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
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