अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने (Donald Trump) टैरिफ लगाने को लेकर दुनिया भर में हडकंप मचा रखा है. कभी चीन तो कभी भारत, जिसपर मन करे, उसपर अनैतिक तरीके से टैरिफ लगा रहे हैं. 7 अगस्त से भारत पर अमेरिका का 25% टैरिफ लागू हो चुका है और 21 दिन बाद फिर से भारत पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है. अब खबर है कि चीन पर भी अमेरिका टैरिफ लगाने वाला है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को कहा कि अमेरिका चीन पर भारत जैसा ही टैरिफ लगा सकता है. उन्होंने ये बात ऐसे वक्त में कही हैं, जब अमेरिका और चीन व्यापार वार्ता में लगे हुए हैं. इससे पहले अमेरिका और चीन में टैरिफ वार छिड़ा था. अमेरिका और चीन एक दूसरे पर 100 फीसदी तक टैरिफ लागू कर चुके थे. अब फिर से चीन और अमेरिका में टैरिफ वार की आशंका है. यानी कि ट्रंप एक बार फिर टैरिफ को लेकर चीन से पंगा ले सकते हैं.
ट्रंप ने चीन को लेकर क्या कहा?
ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि ऐसा हो सकता है, जब उन्होंने कहा कि वे रूस पर यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए दबाव डालने के उद्देश्य से और ज्यादा प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि ऐसा हो सकता है... मैं अभी आपको नहीं बता सकता. हमने भारत के साथ ऐसा किया है. हम शायद कुछ अन्य देशों के साथ भी ऐसा कर रहे हैं. उनमें से एक चीन हो सकता है.
अमेरिका के वित्त मंत्री ने चीन पर क्या बोला?
भारत पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ इसलिए लगाए गए, क्योंकि भारत ने रूसी तेल खरीदना बंद करने से इनकार कर दिया था, जिसके बारे में ट्रंप का कहना है कि यह यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को फंडिंग कर रहा है. पिछले हफ्ते अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी चीन को चेतावनी दी थी कि अगर वह रूसी तेल खरीदना जारी रखता है तो उस पर नए टैरिफ लगाए जाएंगे.
बढ़ सकती है ग्लोबल टेंशन
अगर अमेरिका चीन पर भी टैरिफ बढ़ाता है तो चीन की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आएंगी और चीन भी अमेरिका पर टैरिफ लगा सकता है. ट्रंप टैरिफ को लेकर चीन ने कई बार चेतावनी भी दी है. ऐसे में चीन और अमेरिका में एक बार फिर टैरिफ वार छिड़ने से ट्रेड वार का खतरा बढ़ सकता है.
भारत ने अमेरिका के इस रवैये पर क्या कहा?
भारत ने अमेरिका के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टैरिफ को 'अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण' करार दिया. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि हमारे इम्पोर्ट मार्केट के कारकों पर आधारित हैं और भारत के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए जाते हैं. साथ ही भारत पर टैरिफ लगाने के लिए अमेरिका की निंदा की, जबकि अन्य देश भी इसी तरह के व्यापार व्यवहार में लगे हुए हैं.
गौरतलब है कि इन तनावों के बीच ट्रंप प्रशासन 25 अगस्त को व्यापार वार्ताकारों को दिल्ली भेजने की योजना बना रहा है, जिससे यह उम्मीद बढ़ गई है कि यदि भारत रियायतें दे, खासकर कृषि क्षेत्र में, तो संभावित समाधान हो सकता है.
आजतक बिजनेस डेस्क