'हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं...', महात्मा गांधी के परपोते के अपमान पर बोले तेजस्वी

RJD का दावा है कि यह व्यक्ति भाजपा से जुड़ा हुआ है और खुद को गांधी जी की जाति का बताता है. घटना के बाद तुषार गांधी को पंचायत भवन से बाहर जाना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने बाहर एक जनसभा को संबोधित किया.

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तेजस्वी यादव ने इसे गांधीवादी विचारधारा का अपमान बताया- (File Photo: ITG) तेजस्वी यादव ने इसे गांधीवादी विचारधारा का अपमान बताया- (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • पटना,
  • 15 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:06 PM IST

बिहार में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ हुई कथित बदसलूकी पर विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ एनडीए सरकार को आड़े हाथों लिया है. तेजस्वी ने एक वीडियो साझा करते हुए बिहार की जनता की ओर से तुषार गांधी से माफी मांगी और इसे गांधीवादी विचारधारा का अपमान बताया.

पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे तुषार गांधी
तुषार गांधी सोमवार को पूर्वी चंपारण के तुरकौली गांव में थे, जो महात्मा गांधी के पहले सत्याग्रह की ऐतिहासिक भूमि रही है. यहां एक पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे तुषार गांधी के साथ एक व्यक्ति ने तीखी बहस की. वीडियो में वह व्यक्ति तुषार को कहता है, 'मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है, नीतीश सरकार भी. आपको शर्म आनी चाहिए कि आप यह सच स्वीकार नहीं कर पा रहे, जबकि आप गांधी जी के वंशज हैं.'

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RJD का दावा है कि यह व्यक्ति भाजपा से जुड़ा हुआ है और खुद को गांधी जी की जाति का बताता है. घटना के बाद तुषार गांधी को पंचायत भवन से बाहर जाना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने बाहर एक जनसभा को संबोधित किया.

'बिहार को बदलाव की जरूरत है'
तुषार गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'बिहार को बदलाव की जरूरत है. एनडीए सरकार वादे पूरे नहीं कर पाई है. महागठबंधन एक विकल्प हो सकता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसे भी मैं जवाबदेह बनाऊंगा.'

'नीतीश कुमार का पलटी मारना आम बात'
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने चंपारण के नाम में 'सत्याग्रह' जोड़ने का सुझाव दिया था, जिसे नीतीश ने स्वीकार किया लेकिन अब भूल चुके हैं. तुषार ने चुटकी लेते हुए कहा, उनकी राजनीति में पलटी मारना आम बात है.

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अपने भाषण में तुषार गांधी ने कहा, 'बापू को मारे हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन गोडसे की विचारधारा अब भी जिंदा है. आज असहमति की हर आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.'

जनसभा में मौजूद लोगों ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और तुषार गांधी के समर्थन में खड़े दिखे. यह घटना चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में विचारधारा और वैचारिक टकराव को उजागर करती है.

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