बिहार चुनाव नतीजों के विस्तृत आंकड़े चुनाव आयोग ने बुधवार को जारी किया है. ये आंकड़े चुनाव रिजल्ट से जुड़े दिलचस्प जानकारी देते हैं. बिहार के कई सीटों पर जितने वोटों से हार जीत का फैसला हुआ है उससे ज्यादा पोस्टल वोट कैंसिल कर दिया गया है. अगर ये पोस्टल वोट कैंसिल न होते तो हो सकता है कि इन सीटों के नतीजे एकदम से बदल जाते.
बिहार की संदेश, अगिआंव, नबीनगर और रामगढ़ सीट के चुनावी नतीजों, वोट पैटर्न करने से मजेदार निष्कर्ष सामने आते हैं. संदेश सीट पर आरजेडी उम्मीदवार को 27 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा है, लेकिन यहां पर 360 पोस्टल वोट रिजेक्ट हो गए.
नबीनगर सीट: 112 वोटों से RJD हारी, 132 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
औरंगाबाद जिले की नबीनगर सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला. 28 राउंड की गिनती के बाद चेतन आनंद (जेडीयू) ने 112 वोटों के बेहद कम अंतर से जीत दर्ज की. वे बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह के बेटे हैं और शिवहर सीट छोड़कर यहां लड़े थे. उन्होंने आरजेडी के आमोद कुमार सिंह को हराया.
लेकिन इस सीट का दिलचस्प पहलू चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं. इस विधानसभा सीट पर पोस्टल वोट के जरिए 812 लोगों ने वोट डाला, लेकिन इसमें 132 पोस्टल वोट रिजेक्ट हो गए. पोस्टल वोट रिजेक्ट न होने की स्थिति में नतीजे अलग हो सकते थे. यहां पर 4042 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना.
अगिआंव सीट: 95 वोटों से CMPIL हारी, 175 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
भोजपुर जिले की अगिआंव (एससी) सीट पर बीजेपी ने संघर्षपूर्ण जीत दर्ज की. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. भाजपा के महेश पासवान ने सीपीआई(एमएल) लिबरेशन के शिव प्रकाश रंजन को 95 वोटों से हराकर जीत दर्ज की.
नबीनगर सीट की तरह इस सीट पर भी 175 पोस्टल वोट रिजेक्ट हो गए. यहां पर पोस्टल वोट से 1088 लोगों ने वोट दिया है. इनमें से 175 लोगों के वोट को रिजेक्ट कर दिया गया. यहां पर 3631 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था.
संदेश सीट: 27 वोटों से RJD हारी, 360 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
बिहार के संदेश विधानसभा सीट के नतीजे भी रोमांचक रहे. मतगणना के दौरान उतार-चढ़ाव रहा. आखिरकार इस सीट पर जेडीयू के राधा चरण साह (80,598) ने आरजेडी के दीपू सिंह (80,571 वोट) को 27 वोटों के अंतर से हराया.
इस सीट पर भी 360 पोस्टल वोट रिजेक्ट हो गए. यहां पर 1550 लोगों ने पोस्टल वोट का इस्तेमाल किया था. अगर इतनी बड़ी संख्या में पोस्टल वोट न कैंसिल होता तो इस सीट के नतीजे बदल सकते थे. इस सीट पर 4160 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था.
रामगढ़ सीट: 30 वोट से बीजेपी हारी, 179 पोस्टल वोट खारिज हुए
कैमूर जिले की रामगढ़ सीट (संख्या 203) पर बहुजन समाज पार्टी को अप्रत्याशित जीत मिली. यह सीट सामान्य श्रेणी की है. बीएसपी के सतीश कुमार सिंह यादव ने भाजपा के अशोक कुमार सिंह को केवल 30 वोटों के बेहद संकीर्ण अंतर से हराया.
यह 2025 चुनाव का एक प्रमुख करीबी मुकाबला था.
लेकिन पोस्टल वोटों के ट्रेंड पर नजर डालें तो यहां भी दिलचस्प डाटा नजर आता है. इस सीट पर 1041 लोगों ने पोस्टल वोट का इस्तेमाल किया था, लेकिन इनमें से 179 पोस्टल वोट खारिज कर दिए गए. यहां 1154 लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया था.
चुनाव आयोग के अनुसार बिहार में 2 लाख 1 हजार 444 लोगों ने पोस्टल वोटों का इस्तेमाल किया. इनमें 23918 पोस्टल वोट रिजेक्ट हो गए.
क्यों रिजेक्ट हो जाते हैं पोस्टल वोट
पोस्टल बैलट आमतौर पर रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा कुछ नियमों के तहत रद्द कर दिया जाता है. जैसे कि फॉर्म-13A या फॉर्म-13B में गलतियां, वोटिंग निर्देशों का उल्लंघन, या मतपत्र पर अमान्य निशान लगाना।.
पोस्टल बैलट रद्द होने के मुख्य कारण फॉर्म-13A (डिक्लेयरेशन फॉर्म) में आवश्यक जानकारी की कमी या अधूरा हस्ताक्षर होता है.
मतपत्र या लिफाफे (फॉर्म-13B) में गड़बड़ी, जैसे कि जरूरी डॉक्यूमेंट संलग्न न होना, दस्तावेज बदला हुआ होना या क्षतिग्रस्त दिखना, अथवा मतदाता की पहचान स्पष्ट न होना भी पोस्टल वोटों के रद्द होने का एक कारण है.
मतपत्र पर एक से अधिक उम्मीदवारों को वोट देना, नोटा के साथ किसी उम्मीदवार को चुनना, या कोई स्पष्ट चुनाव चिन्ह न लगाना भी पोस्टल वोट के रिजेक्शन की वजह बनता है.
मतपत्र पर निर्धारित तरीके से मार्क न करने से भी पोस्टल वोट रिजेक्ट हो जाते हैं.
भारत में कौन डाल सकता है पोस्टल वोट
भारत में पोस्टल बैलट चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार कुछ तय लोग ही डाल सकते हैं.
1- सर्विस वोटर
2-चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी
3- विकलांग मतदाता (PwD)
4- 80+ आयु के वरिष्ठ नागरिक
5-विदेश में तैनात सरकारी कर्मचारी
6-आवश्यक सेवाओं में तैनात कर्मचारी
मतदाता जिस चुनाव क्षेत्र में वोट डालने के लिए योग्य है उसका वोट उसी क्षेत्र की मतगणना में गिना जाता है.
पन्ना लाल