बिहार कांग्रेस को मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक सहारा मिला जब उसके पूर्व प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने एक साल बाद पार्टी में वापसी कर ली. तिवारी ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा था.
राज्य कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने पटना स्थित सदाकत आश्रम में तिवारी का पार्टी में पुनः स्वागत किया. इससे एक दिन पहले तिवारी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए भाजपा से इस्तीफा देने की घोषणा की थी, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई.
भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप
मीडिया से बातचीत में असित नाथ तिवारी ने भाजपा नेतृत्व पर अमानवीयता का आरोप लगाते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए बलात्कार और उसकी मौत के मामले में पार्टी की संवेदनहीनता से वे बेहद आहत हुए.
उन्होंने बताया, 'जब बच्ची पटना के अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, तब मैंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जयसवाल से फोन पर मदद की गुहार लगाई. लेकिन उन्होंने तंज कसते हुए कहा- 'तुम पत्रकार नहीं हो, हर सरकारी अस्पताल में ऐसे मरीज मिलते हैं.'
सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का दबाव
तिवारी ने आगे बताया कि जब उन्होंने इस मामले पर सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया, तो पार्टी के नेताओं ने दबाव डाला कि वह पोस्ट डिलीट करें. यहां तक कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल को भी अपने आलोचनात्मक पोस्ट को हटाना पड़ा.
भाजपा में असहमति
असित नाथ तिवारी पहले भी भाजपा की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा पर भी भाजपा से असहमत थे.
एक साल बाद वापसी
गौरतलब है कि तिवारी ने अप्रैल 2024 में निजी कारणों से कांग्रेस छोड़ी थी, लेकिन मई में भाजपा में शामिल हो गए थे. अब एक साल बाद उन्होंने फिर कांग्रेस में वापसी की है.
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