बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. हर पार्टी विधायकों को साथ रखकर एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रही है और इस कोशिश में सबसे ज्यादा हलचल RJD के खेमे में मची हुई है. तेजस्वी यादव ने पहले शक्ति परीक्षण की रणनीति के लिए अपने आवास पर विधायकों की बैठक बुलाई और फिर अचानक विधायकों को वहीं रुकने का निर्देश दे दिया.
जो विधायक चर्चा के लिए तेजस्वी का आवास पर गए थे उन्हें वहीं रुकना पड़ा. कुछ देर में विधायकों के सामान तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचाया गया. विधायकों पर नजर रखने के इस तरीके से तमाम सियासी सवाल भी उठ रहे हैं.
बीजेपी विधायकों को दे रही ट्रेनिंग
वहीं नीतीश कुमार और बीजेपी भी आगे की रणनीति पर मंथन कर रही है. पहले सभी विधायकों को पटना बुलाया और फिर मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर विधायकों को लंच का न्योता दिया़. दूसरी तरफ बीजेपी ने सभी विधायकों को दो दिनों की ट्रेनिंग के लिए बोधगया बुलाया है और 11 फरवरी तक विधायकों को यहीं रखने का फैसला किया है.
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ऐसे में सूबे में सियासी हलचल के बीच सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार को फ्लोर टेस्ट में किसी तरह का खेला होने का डर सता रहा है? बीजेपी और जेडीयू दोनों ऑल इज़ वेल का दावा कर रहे हैं लेकिन मंत्री पद को लेकर नाराजगी जताने वाले जीतनराम मांझी को लेकर अब भी सवाल उठ रहे हैं. इन्हीं सवालों के बीच जब अचानक CPIML विधायक महबूब आलम जीतनराम मांझी के आवास पर पहुंचे तो अटकलें और तेज हो गईं.
लेफ्ट विधायक ने की मांझी से मुलाकात
मांझी से मिलकर आए भाकपा माले के विधायक महबूब आलम से जब मीडिया ने सवाल पूछे तो उन्होंने कहा, 'कोई राजनीतिक बात नहीं हुई, लंबे समय से हमारी उनकी बात नहीं हुई थी. हम उनके स्वास्थ्य का हालचाल पूछने आए थे.वो अभी रिकवर कर रहे हैं. ये जानकर हमको अच्छा लगा. वो स्वस्थ्य हैं, तंदुरुस्त हैं और अच्छा खेल दिखाएंगे मांझी जी.'
ऐसे में सवाल उठने लगा कि क्या...मांझी की नाराजगी का फायदा उठाकर RJD बिहार में फिर से खेला करने की तैयारी कर रही है... उधर, जेडीयू खेमे से आई खबर भी तमाम अटकलें पैदा कर रही हैं.
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जेडीयू बैठक में नहीं पहुंचे पांच विधायक
दरअसल मंत्री श्रवण कुमार द्वारा आयोजित लंच पार्टी में पांच विधायक नहीं पहुंचे. विधायक बीमा भारती और सुदर्शन के नहीं पहुंचने की अलग वजहें बताई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि बीमा भारती फिर से लेसी सिंह को मंत्री पद मिलने की संभावनाओं को लेकर नाराज हैं. वहीं सुदर्शन की नाराजगी मंत्री अशोक चौधरी से है, इसके अलावा शालिनी मिश्रा, दिलीप राय और संजीव सिंह भी पटना में मौजूद ना होने की वजह से लंच में नहीं पहुंचे. हालांकि बताया जा रहा है कि लंच में ना पहुंचने वाले विधायकों से जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं की बात हो गई है.
स्पीकर पर भी फंसा पेच
फ्लोर टेस्ट से पहले हर पार्टी की अपनी तैयारी है लेकिन स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को लेकर पेच अब भी फंसा हुआ है क्योंकि 21 फरवरी से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है. RLD नेता तेजस्वी यादव पहले ही बिहार में खेला बाकी होने का दावा कर चुके हैं. ऐसे में क्या वो फिर से किसी उलटफेर की तैयारी कर रहे हैं.
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उधर, कांग्रेस सभी 16 विधायक अब भी हैदराबाद में हैं ये विधायक फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले 11 फरवरी को पटना पहुंचेंगे. बिहार की राजनीति में कुछ दिनों पहले ऐसी उठा-पटक हुई कि सरकार ही बदल गई. महागठबंधन की सरकार गई और एनडीए की सरकार बन गई. अब विधानसभा के फ्लोर पर इस एकता का टेस्ट है जिसपर सबकी नजर टिकी हुई है.
आदित्य वैभव / शशि भूषण कुमार