ठंड-कोहरे से फसलों को नुकसान, सावधानी बरतें किसान! कृषि एक्सपर्ट ने जारी की एडवाइजरी

ठंड और घने कोहरे के कारण फसलों पर कीट और रोगों का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में गेहूं, राई-सरसों, टमाटर, मिर्च और चने की फसल के बचाव के लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के डॉ. खलील खान ने किसानों को सतर्क रहने और फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय अपनाने की सलाह दी है.

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कानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों के लिए जारी की एडवाइजरी कानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र ने किसानों के लिए जारी की एडवाइजरी

आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:46 AM IST

उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में ठंड और ठिठुरन बढ़ रही है. घने कोहरे के साथ शीतलहर का सितम भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में फसलों पर कीड़े और बीमारियों का खतरा मंडराता है. फसलों को नुकसान ना हो इसके लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) कानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है. साथ ही फसलों को बचाने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है.

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मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी घने कोहरे एवं शीतलहर के अलर्ट को देखते हुए डॉ खान ने कहा कि बदलते तापमान व कोहरे से फसलों में कीट व रोगों का खतरा हो सकता हैं. इससे बचाव के लिए किसान कुछ जरूरी उपाय करेंगे तो ठंड में फसलों के नुकसान से बचा जा सकता है.

गेहूं की फसल के लिए खास सलाह

  • गेहूं की बुवाई के 20-30 दिन बाद पहली सिंचाई जरूर करें.
  • अगर पौधों में जिंक की कमी दिखे (पत्तियां पीली पड़ना), तो 5 किलो जिंक सल्फेट और 16 किलो यूरिया को 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें.

खरपतवार नियंत्रण के लिए करें कोई एक उपाय 

  • सल्फोसल्फ्यूरान 75% + मेटासल्फ्यूरॉन मेथाइल 5% डब्ल्यूजी की 40 ग्राम मात्रा + 1250 मिली सर्फेक्टेंट प्रति हेक्टेयर छिड़कें.
  • या मेट्रीब्यूजिन 70% डब्ल्यूपी की 250-300 ग्राम मात्रा 500-600 लीटर पानी में घोलकर पहली सिंचाई के बाद छिड़काव करें.

राई-सरसों की फसल की देखभाल

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  • नाइट्रोजन (यूरिया) की टॉप ड्रेसिंग करें.
  • अगर मिट्टी में नमी कम हो तो हल्की सिंचाई कर दें.
  • लीफ माइनर कीट से बचाव के लिए डाइमेथोएट 30% ईसी 650 मिली या कार्बोफ्यूरान 3% सीजी 66 ग्राम प्रति हेक्टेयर 300 लीटर पानी में घोलकर छिड़कें.

टमाटर-मिर्च में वायरस रोग से सावधानी
अगर वायरस रोग ज्यादा फैल रहा हो तो डाइमेथोएट या इमिडाक्लोप्रिड 1 मिली प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. इससे रोग का फैलाव रुक जाएगा.

चने में कटुआ कीट का नियंत्रण
क्लोरपाइरीफास 20% ईसी की 2.5 लीटर मात्रा 500-600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें.
खेत में जगह-जगह सूखी घास के छोटे ढेर रखें. दिन में कटुआ कीट की सूंडियां इनमें छिप जाती हैं, सुबह इन्हें इकट्ठा करके नष्ट कर दें.

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