पराली जलाने के मामलों को लेकर किसानों पर सख्त कार्रवाई की गई है. पिछले 2 सालों में पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने पर 8,600 से अधिक एफआईआर दर्ज हुईं और किसानों पर करीब 58 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. साल 2024 की तुलना में इस साल 2025 में पराली जलाने के मामलों में कमी देखने को मिली है. आरटीआई के जवाब में कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने इसकी जानकारी दी है.
पराली का उपयोग
साल 2024 में पंजाब में धान की पराली का उपयोग 5.96 मिलियन टन था, जो 2025 में बढ़कर 7.06 मिलियन टन हो गया है. वहीं हरियाणा में यह मात्रा 2024 में 1.55 मिलियन टन थी और 2025 में 1.91 मिलियन टन पहुंच गई है.
6 हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज
पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामलों पर बड़ी कार्रवाई हुई है. साल 2024 में किसानों के खिलाफ 6,469 एफआईआर दर्ज की गई थीं, जबकि इस साल 2025 में 2,193 एफआईआर दर्ज हुई हैं. आंकड़े बताते हैं कि इस साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखने को मिली है.
पराली जलाने के मामलों में कमी
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी (एनसीआर) में पराली जलाने के मामलों इस साल गिरावट आई है. साल 2024 में कुल 12,750 मामले सामने आए थे, जबकि 2025 में यह करीब 53% से अधिक घटी है और 6,080 मामले दर्ज किए गए हैं. किसानों पर लगाए गए जुर्माने में भी इस साल कमी आई है. 2024 में पंजाब और हरियाणा के किसानों पर 21.80 करोड़ और 21.87 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था, वहीं 2025 में पराली जलाने पर पंजाब और हरियाणा के किसानों पर 12.58 करोड़ रुपये और 12.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.
मिलन शर्मा