अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का प्रचार अभियान अपने अंतिम चरण में है जिसमें डेमोक्रेट्स कमला हैरिस और रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कड़ी टक्कर नजर आ रही है. दोनों उम्मीदवार प्रमुख राज्यों में समर्थन जुटाने के लिए बड़े पैमाने रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं. 5 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए दोनों ही कैंडिडेट्स ने पूरे संसाधन प्रचार में झोंक दिए हैं.
70 मिलियन से अधिक अमेरिकी पहले ही मतदान कर चुके हैं, जो 2020 के कुल मतदान का 45 प्रतिशत है. जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि ट्रम्प और हैरिस के बीच कड़ी टक्कर है, जिसका नतीजा सात स्विंग स्टेट्स के मतदाताओं पर निर्भर करता है. इस बीच, इस चुनाव को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर एक नज़र डालते हैं जिसमें टैक्स, आव्रजन (Immigration) और गर्भपात शामिल हैं.
अर्थव्यवस्था (Economy)
- ट्रम्प, जो 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति रहे थे, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान व्यवसायों और अमीर लोगों के लिए कर कटौती लागू की थी. वह इस चुनाव में सभी अमेरिकी आयातों पर 10 प्रतिशत से अधिक टैरिफ लगाने की बात कर रहे हैं. ट्रंप का दावा है कि इससे उन्हें अमेरिकी नागरिकों के लिए टैक्स कम करने में मदद मिलेगी.
रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने अमेरिका को "क्रिप्टो कैपिटल ऑफ प्लेनेट" में बदलने का वादा किया है. सितंबर में अपने बेटों के साथ अपना खुद का क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है.
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वहीं डेमोक्रेट कमला हैरिस "अवसर अर्थव्यवस्था" के अपने दृष्टिकोण के साथ मध्यम वर्ग को लक्षित कर रही हैं, जिसमें सबसे अमीर लोगों के लिए मॉडरेट टैक्स की बढ़ोतरी शामिल है. हैरिस चाइल्ड टैक्स क्रेडिट, पहली बार घर खरीदने वालों को समर्थन और छोटे व्यवसायों के लिए मदद की भी वकालत करती हैं.
आव्रजन (Immigration)
चुनाव में आव्रजन (Immigration) एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसमें कई मतदाता बाइडेन प्रशासन के दौरान अमेरिका में प्रवासियों की बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त करते हैं. ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के चुनाव के दौरान आव्रजन (Immigration) को मुद्दा बनाया था. वह दूसरे कार्यकाल के लिए भी इस मुद्दे का लाभ उठाना चाहते हैं. उन्होंने दोबारा चुने जाने पर लाखों अवैध प्रवासियों को सामूहिक रूप से निर्वासित करने का वादा किया है.
पूर्व राष्ट्रपति, जिन्होंने 2016 में अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया था, ने दावा किया है कि अप्रवासी "हमारे देश के खून में जहर घोल रहे हैं." उनके संभावित दूसरे कार्यकाल का एक प्रमुख वादा अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा घरेलू निर्वासन (Deportation) करना है, हालांकि उनके पहले कार्यकाल के दौरान कभी भी 350,000 से अधिक निर्वासन नहीं हुआ था. जबकि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2013 में 432,000 निर्वासन किया था, जो रिकॉर्ड पर सबसे अधिक वार्षिक आंकड़ा है.
इसके विपरीत, हैरिस ने भी आव्रजन पर एक मजबूत रुख अपनाया है, देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वालों के लिए "परिणामों" की चेतावनी दी है. हैरिस ने आव्रजन नीति को सख्त करने की बाइडेन की रणनीति का समर्थन किया है. उन्होंने अपने सार्वजनिक बयानों और अपने अभियान की वेबसाइट पर सीमा सुरक्षा को लागू करने और नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है.
गर्भपात (Abortion)
- इस साल के चुनाव मतदान में एक महत्वपूर्ण लैंगिक विभाजन का संकेत मिलता है, जिसमें महिला मतदाता हैरिस की ओर झुकी हुई हैं, जबकि ट्रम्प को पुरुषों से अधिक समर्थन मिल रहा है. यह दर्शाता है कि गर्भपात चुनाव परिणाम में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है. हैरिस ने सरकार के हस्तक्षेप के बिना 'महिलाओं के अपने शरीर के बारे में फैसला लेने के अधिकार' के प्रति डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराया है. इस मुद्दे को लेकर डिबेट में हैरिस और ट्रंप में काफी तीखी बहस हुई थी. हैरिस स्पष्ट रूप से गर्भपात के पक्ष में हैं और वह जानबूझकर गर्भपात को स्वतंत्रता के मुद्दे के रूप में पेश करती हैं. ट्रंप कह रहे है कि अगर कमला राष्ट्रपति बनी तो वह गर्भपात के नियम बदल देंगी.
ट्रम्प अक्सर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति में अपने प्रभाव का जिक्र करते हैं. उन्होंने 1973 के फैसले को पलट दिया था और इस बार सुझाव दिया है कि अगर वह एक और कार्यकाल जीतते हैं तो वह मेडिकल अबॉर्शन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं तक पहुंच को और सीमित कर सकते हैं. वहीं हैरिस देश भर में गर्भपात के अधिकारों को बहाल करने के लिए एक संघीय कानून की वकालत कर रही हैं.
जलवायु (Climate)
चीन के बाद अमेरिका वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों का दूसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है, फिर भी किसी भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कोई विस्तृत रणनीति पेश नहीं की है. ट्रम्प, जिन्होंने पर्याप्त वैज्ञानिक सहमति के बावजूद जलवायु परिवर्तन को लगातार "धोखा" करार दिया है, उनका लक्ष्य अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों की सब्सिडी को खत्म करना है, उनका तर्क है कि वे व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने तेल के लिए "ड्रिल, बेबी, ड्रिल" करने का संकल्प लिया है और एक बार फिर पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका को वापस लेने का वादा किया है.
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इसके विपरीत, हैरिस ने राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा पेश किए गए "मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम" पर प्रकाश डाला है, जिसने हरित ऊर्जा पहलों में निवेश को बढ़ावा दिया है. उनकी अभियान वेबसाइट के अनुसार, वह "अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय जलवायु नेतृत्व को जारी रखने और उस पर निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
विदेशी राजनीति (Foreign politics)
मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों के बीच, ट्रम्प ने दोनों स्थितियों को तेज़ी से हल करने का वादा किया है, हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह ऐसा कैसे करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने 2022 में रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन के लिए पर्याप्त अमेरिकी वित्तीय सहायता की आलोचना की है.
इसके विपरीत, हैरिस ने फिर से चुने जाने पर यूक्रेन का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई है. रॉयटर्स के अनुसार, वह "नाटो पर स्थिर" रहेंगी, जो सैन्य गठबंधन के साथ अमेरिकी संबंधों को फिर से आकार देने के ट्रम्प के प्रयासों के बिल्कुल विपरीत है. उन्होंने रूस के खिलाफ यूक्रेन का समर्थन करने की कसम खाई है.
द गार्जियन की रिपोर्ट है कि ट्रम्प ने खुले तौर पर "युद्ध को समाप्त करने" और अमेरिकी सहायता खर्च में कटौती करने की इच्छा व्यक्त की है. उन्होंने मास्को और कीव को एक समझौते पर बातचीत करने के लिए मजबूर करने का वादा किया है.
ट्रम्प और हैरिस दोनों ने इज़रायल को निरंतर सपोर्ट देने का वादा किया है. हालांकि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने फिलिस्तीनियों की पीड़ा पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है. इस महीने की शुरुआत में नेतन्याहू के साथ एक फ़ोन कॉल में, ट्रम्प ने लेबनान और गाजा में संघर्षों के लिए अपना समर्थन दिया. इसके विपरीत, हैरिस इजरायल के बारे में बाइडेन की तुलना में अधिक आलोचनात्मक रही हैं.