अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 11 साल पहले रूस को G7 ग्रुप से बाहर करना बहुत बड़ी गलती थी. लेकिन अब रूस को दोबारा इस ग्रुप में शामिल करने का वक्त आ गया है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अब समय आ गया है कि सात देशों के इस ग्रुप में रूस की वापसी की जाए. रूस को इस ग्रुप से बाहर करना बहुत बड़ी गलती थी.
बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले इस ग्रुप का रूस पहले सदस्य था. उस समय इस ग्रुप का नाम G8 हुआ करता था. लेकिन 2014 की एक घटना के बाद रूस को इस ग्रुप से बाहर कर दिया गया है.
क्या है 2014 की वो घटना...
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि मैं रूस को इस ग्रुप में वापस लाना चाहता हूं. मुझे लगता है कि रूस को इससे बाहर करना बहुत बड़ी गलती थी. यह रूस को पसंद या पसंद नहीं करन का सवाल नहीं है. मुझे लगता है कि पुतिन वापस इस ग्रुप में शामिल होना पसंद करेंगे.
दरअसल फरवरी 2014 को रूस ने क्रीमिया पर हमला कर दिया था. 27 फरवरी 2014 को आर्मी की वर्दी पहने बंदूकधारियों ने क्रीमिया की सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया था. हालांकि, शुरुआत में रूस ने इन्हें रूसी सैनिक मानने से इनकार कर दिया था. लेकिन 16 मार्च 2014 को क्रीमिया में जनमत संग्रह कराया गया. दावा किया गया कि 97 फीसदी लोगों ने रूस में शामिल होने के पक्ष में वोट दिया है. इसके बाद 18 मार्च 2014 को क्रीमिया को औपचारिक रूप से रूस में मिला लिया गया.
क्रीमिया पहले रूस का ही हिस्सा था, जिसे 1954 में सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्चेव ने यूक्रेन को तोहफे के तौर पर दे दिया था. क्रीमिया पर हमले के कारण उस समय भी रूस पर कई प्रतिबंध लगे थे. लेकिन पुतिन का कहना था कि क्रीमिया में रूसी हस्तक्षेप नहीं हुआ है क्योंकि इतिहास में अब तक कोई भी हस्तक्षेप बिना गोली चलाए और बिना किसी के हत्या के संभव नहीं हुआ है. जिस समय रूस ने क्रीमिया पर हमला किया था, उस समय बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे.
बता दें कि G7 में अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन हैं. 2014 में यूक्रेन पर हमला कर क्रीमिया को उससे अलग कर उस पर कब्जा करने के बाद रूस को G8 से बाहर कर दिया गया था. लेकिन रूस ने आधिकारिक रूप से 2018 में इस ग्रुप को छोड़ दिया था. इसके बाद रूस ने कई मौकों पर कहा कि उसकी इस ग्रुप से जुड़ने की कोई योजना नहीं है.